ऊर्जा बचाने वाले घर
यूरोप और अमेरिका में बने घरों में ठंड से बचने के लिए हीटिंग सिस्टम लगाया जाता है. सामान्य तौर पर ये प्राकृतिक गैस या दूसरे पारंपरिक ईंधन से चलता है. अब ऐसे घर डिजाइन किए जा रहे हैं जो ऊर्जा बचा सकें.
घर की बिजली
ये मॉडल हाउस बर्लिन में है. आयडिया है कि इसमें घर की जरूरत से ज्यादा बिजली बने ताकि अतिरिक्त बिजली से ई-कार या फिर ई-साइकल चार्ज की जा सके. हालांकि पहली बार थोड़ी मुश्किल भी हुई.
फ्राइबुर्ग की सौर कॉलोनी
घरों को बहुत अच्छे से इंसुलेट किया गया है, इसमें बड़े बड़े कांच लगाए गए हैं जिससे सूरज की रोशनी अंदर आए. इस्तेमाल की गई हवा ताजी हवा को गर्म करती है और छत पर पैनल बिजली बनाते हैं. साल 2000 में यह कॉलोनी बनाई गई थी.
आरामदेह और किफायती
कमरे रोशनी से भरपूर हैं और हवा की गुणवत्ता अच्छी है. साथ ही तापमान भी स्थिर रहता है. इस तरह का घर बनाना सामान्य से महंगा है लेकिन इसके बाद ऊर्जा की बचत के कारण खर्चा कम होता है.
रिमेक भी अच्छा
1968 से बनी हुई फ्राइबुर्ग की इस बहुमंजिला इमारत की 2011 में मरम्मत की गयी. पहली बार किसी बिल्डिंग को इस तरह से इंसुलेट किया गया कि इसके 140 अपार्टमेंट की ऊर्जा खपत 80 फीसदी कम हो गई.
होटल भी
आल्पेन नाम की होटल चेन ने अपनी इमारतों को ऊर्जा बचाने वाली पैसिव हाउस स्टाइल में बदलना शुरू कर दिया है. अच्छे इंसुलेशन के कारण ठंड में भी हीटिंग के बिना ही काम चल जाता है और सौर पैनलों से बिजली की अधिकतर जरूरत पूरी हो जाती है.
ठंड में भी
पैसिव हाउस पुरानों घरों की तुलना में दस फीसदी कम ऊर्जा लेते हैं. और अगर नए घरों की तुलना की जाए तो पांच फीसदी. तस्वीर में दिख रहे फिनलैंड के ये घर बहुत अच्छे से इंसुलेट किए गए हैं, हर खिड़की में चार कांच हैं.
किराएदारों के लिए अच्छा
शून्य ऊर्जा खपत वाले ये घर, फिलाडेल्फिया के पहले पैसिव हाउस हैं. कम आय वाले लोगों के लिए बनाए गए ये घर गरीब लोगों के लिए भी फायदेमंद हैं क्योंकि इनमें ऊर्जा की खपत नहीं के बराबर है.
ऑस्ट्रिया से शुरुआत
दुनिया भर में पहले पैसिव ऑफिस विएना में बने थे. अब ऑस्ट्रिया और जर्मनी इस दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं और ज्यादा इकोफ्रेंडली और बिजली बचाने वाले भी हो गए हैं. दुनिया भर में करीब 50,000 पैसिव हाउस हैं. इसमें आधे ऑस्ट्रिया और जर्मनी में हैं.
दुनिया की पसंद
बिजली बचाने वाले इन घरों को दुनिया भर में पसंद किया जा रहा है. फ्रैंकफर्ट के पुराने घरों में सुधार करने की योजना है. इतना ही नहीं शहर का प्रशासन स्कूल, किंडरगार्टन, ऑफिस मिला कर करीब 80,000 घरों को पैसिव हाउस में ढालना चाहता है. .
चीन भी
जर्मन और चीनी पैसिव हाउस. ये एक कारखाने का मॉडल है जो चीन के हार्बिन में पैसिव हाउस स्टैंडर्ड के हिसाब से बनाया जा रहा है. चीनी कंपनी सायास इन मकानों के लिए खिड़कियां बनाना शुरू कर चुकी हैं और इस तरह के मकान बनाने वाली पहली चीनी कंपनी है.
यूरोप का मॉडल
पहला शून्य ऊर्जा वाला सरकारी ऑफिस बर्लिन में 2013 में शुरू हुआ. छत पर लगे सोलर पैनल पूरे ऑफिस के लिए बिजली बनाते हैं. यूरोपीय संघ में 2019 से सभी घर 'करीब करीब जीरो एनर्जी बिल्डिंग' होंगे.