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उम्मीदवारी और उम्मीद के बीच श्टाइनमायर

१७ सितम्बर २००९

2008 में किसी को हवा नहीं थी, शायद ख़ुद श्टाइनमायर को भी नहीं, कि वह अगले कुछ ही महीनों में जर्मन चांसलर पद के लिए उम्मीदवार बन कर सामने आएंगे. खटपट भरी सरकार के विदेश मंत्री अपनी चांसलर के विरोध में खड़े हैं.

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राजनीति कोई खेल नहींतस्वीर: picture-alliance / dpa/dpaweb

2008 में श्टाइनमायर को जर्मन अख़बार वेल्ट आम ज़ोनटाग ने "सुपरमैन वीडर विलेन" कहा, एक ऐसा सुपरमैन जिसे अपनी मर्ज़ी के ख़िलाफ जर्मन सोशियलिस्ट डेमोक्रेटिक पार्टी एसपीडी का नेतृत्व करना पड़ा है . हालांकि 2008 अक्तूबर के बाद जब श्टाइनमायर एसपीडी से चांसलर पद पर खड़े होने के लिए तैयार हुए , तब जाकर लोगों को उनकी प्रतिभा का पता लगा.

अफ़सरी से शुरुआत

स्टाइनमायर का जन्म जर्मन शहर डेमोल्ड के पास ब्राकेलज़ीक नाम के गांव में हुआ. गीसेन शहर में उन्होंने क़ानून और राजनीति विज्ञान की पढ़ाई की जिसके बाद विश्वविद्यालय में ही उन्हें क़ानून विभाग में सहायक के रूप में नौकरी मिल गई. उन्होंने फिर पास के शहर वीज़बाडेन में भी पढ़ाया. 1975 में श्टाइनमायर एसपीडी के सदस्य बन गए. 1991 में डॉक्टरेट के बाद वह जर्मन राज्य नीडरज़ाक्सेन में मीडिया क़ानून सलाहकार के तौर पर मंत्रालय में काम करने लगे. कुछ ही समय में वह एसपीडी नेता और जर्मनी के होने वाले चांसलर गेरहार्ड श्रोएडर के दफ़्तर के प्रमुख बन गए. 1999 में श्रोएडर के चुनाव के बाद उन्हें चांसलर के दफ़्तर का प्रमुख बना दिया गया और उसके बाद परमाणु वार्ताओं, नौकरियों और अर्थव्यवस्था को लेकर हो रही बहस के ज़रिए वह राजनीति के और क़रीब आने लगे. 2001 नवंबर में न्यू यॉर्क में हुए आतंकवादी हमलों के बाद सुरक्षा व्यवस्था में बेहतरी लाने में भी श्टाइनमायर का बड़ा योगदान रहा. सितंबर 2005 में चुनावों के बाद उनके क़रीबी दोस्त और सहायक गेरहार्ड श्रोएडर ने राजनीति छोड़ने का फैसला किया. सीडीयू के साथ नई गठबंधन सरकार में श्टाइनमायर ने विदेश मंत्री का पद संभाला.

Steinmeier in Afrika Afrika Cup
श्टाइनमायर को फ़ुटबॉल से लगाव. कैमरून और मिस्र के बीच खेला गया अफ्रीकी कप फ़ाइनल देखते हुए.तस्वीर: AP

चांसलर के दफ़्तर में

श्टाइनमायर 2009 में ज़रूर एक क़ाबिल चांसलर के सपने दिखा रहे हैं, वह एक क़ाबिल अफ़सर तो रहे हैं और कुछ हद तक विदेश मंत्री की हैसियत से एक क़ाबिल कूटनीतिज्ञ भी. श्टाइनमायर के लिए सरकार और शासन कोई नई बात नहीं. हां राजनीति एक ऐसी कला है, जिसे उन्होंने देर से जाना है. श्टाइनमायर हनोवर के मुख्यमंत्री कार्यालय में अफ़सर थे और चांसलर कार्यालय में महासचिव रह चुके हैं. हालांकि उनकी सरकारी दफ़्तर के अफ़सर वाली छवि कई दिनों तक चिपकी रही. चांसलर मैर्केल के कार्यकाल में जब श्टाइनमायर को जर्मनी का विदेश मंत्री बनाया गया, तो जर्मनी की ज़्यादातार जनता और राजनीतिक लोग न तो उन्हें जानते थे और न ही उनकी क्षमताओं पर विश्वास रखते थे. लेकिन 2005 से लेकर अब तक श्टाइनमायर ने न केवल अपने आप को एक सक्षम नेता साबित किया है, बल्कि एसपीडी ने उनमें भरोसा जताते हुए उन्हें सीधे चांसलर के लिए उम्मीदवार बना दिया है.

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श्टाइनमायर अपनी ही चांसलर अंगेला मैर्केल के ख़िलाफ़ चुनाव मैदान में. दोनों उम्मीदवारों के बीच टीवी पर बहस.तस्वीर: AP

क्या चांसलर बनेंगे श्टाइनमायर ?

2009 के चुनावों में श्टाइनमायर चांसलर पद के लिए प्रचार करते हुए कहते हैं कि वह पूरी जर्मन जनता के चांसलर बनना चाहते हैं. श्टाइनमायर के निजी वेबसाइट पर जाने से पता चलता है कि फ्रांक वाल्टर श्टाइनमायर अपने आप को जनता के सामने रखने के लिए कितने उत्सुक हैं. अपने बचपन पर लिखते हैं ,"मैं जर्मन गणतंत्र का बच्चा हूं .. अगर तुम्हें कुछ हासिल करना है तो तुम्हें उसके लिए काम करना होगा. यह बात मुडे बहुत पहले समझ में आ गई थी." चुनाव प्रचार का माध्यम यह वेबसाइट श्टाइनमायर के चुनावी लक्ष्यों, उनके सम्मेलनों और जर्मनी में उनकी सभाओं की जानकारी देती है . टेलीविज़न पर एक टॉक शो में उनकी बीवी का कहना है कि श्टाइनमायर पक्के इरादे वाले हैं, एक ऐसा व्यक्ति जो वाकई में कुछ कर दिखा सकता है. यूरोपीय संसद के चुनावों में एसपीडी के ख़राब प्रदर्शन के बाद शायद श्टाइनमायर की यह एक विशेषता काम आए. देखना है कि श्टाइनमायर किस तरह कुशल राजनीति और अपने प्रतिभाशाली व्यक्तित्व का उपयोग करते हैं.

रिपोर्टः मानसी गोपालकृष्णन

संपादनः ए जमाल