उत्तर कोरिया के निशाने पर क्यों है गुआम
अमेरिका से तनाव बढ़ते ही उत्तर कोरिया गु्आम द्वीप पर हमला करने की चेतावनी देता है. गुआम प्रशांत महासागर में अमेरिकी सेना का अड्डा है. वहां अमेरिका के सबसे खतरनाक हथियार हैं.
प्योंगयांग के निशाने पर
अमेरिका के हवाई द्वीप से गुआम 6,300 किलोमीटर दूर है. लेकिन उत्तर कोरिया से गुआम की दूरी 3,500 किलोमीटर है. गुआम 1898 से अमेरिका का इलाका है. प्योंगयांग विवाद भड़कने पर गुआम पर मिसाइल हमले करने की चेतावनी दे रहा है.
सामरिक नजरिये से अहम
अमेरिका के लिए गुआम सामरिक दृष्टि से काफी अहम है. अमेरिकी सेना के लिए यह पूर्वी एशिया का गेट है. दूसरे विश्वयुद्ध में गुआम द्वीप से अमेरिका ने जापान पर कई हवाई हमले किये. वियतनाम युद्ध में भी ऐसा ही किया गया. उत्तर कोरिया और दक्षिण चीन सागर के विवाद के चलते अब गुआम फिर से फोकस में है.
उत्तर कोरिया के लिए खतरा
गुआम द्वीप का एक चौथाई हिस्सा पूरी तरह अमेरिका की छावनी है. गुआम में 6,000 अमेरिकी सैनिक तैनात हैं. जापान में स्थानीय लोगों और अमेरिकी सेना के बीच तनाव की खबरों के बाद गु्आम में और ज्यादा अमेरिकी सैनिक तैनात किये जा सकते हैं.
प्रशांत बेड़े का ठिकाना
गुआम में अमेरिकी वायुसेना और नौसेना के बड़े अड्डे हैं. चार परमाणु पनडुब्बियां हर वक्त गुआम में अमेरिकी बेड़ों की रक्षा करती हैं. पूर्वी एशिया और प्रशांत महासागर की निगरानी के मिशन भी गुआम से ही ऑपरेट होते हैं. अमेरिकी सेना गुआम को हथियार की नोक भी कहती है.
गुआम से बमबारी
गुआम के ऐप्रा हॉर्बर के साथ ही गुआम में एंडरसन एयरफोर्स बेस भी है. एयरफोर्स बेस में बी-52 बॉम्बर और बी-1बी लांसर जैसे विध्वंसक विमान तैनात रहते हैं. 2010 से अमेरिका ने वहां आरयो-4बी ग्लोबल हॉक्स भी तैनात किये हैं. इस एयरफोर्स बेस का इस्तेमाल नासा की स्पेस शटल लैंडिंग के लिए भी किया जाता है.
एयर डिफेंस सिस्टम से लैस
उत्तर कोरिया के खतरे से निपटने के लिए अमेरिका ने 2013 से ही गुआम में एयर डिफेंस सिस्टम लगाना शुरू कर दिया था. हाई अल्टीट्यूट एरिया डिफेंस सिस्टम पूरे गुआम को कवर करता है.
खतरे का सायरन
यह पहला मौका नहीं है जब उत्तर कोरिया ने गुआम पर हमला करने की चेतावनी दी हो. लेकिन हाल की चेतावनियां गंभीर हैं. अमेरिका, जापान और दक्षिण कोरिया को लगता है कि उत्तर कोरिया लंबी दूरी तक मार करने वाली मिसाइलें विकसित कर चुका है. गुआम आराम से प्योंगयांग की जद में आ चुका है.