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उत्तर कोरिया और मलेशिया विवाद में बंधक बने लोग

७ मार्च २०१७

उत्तर कोरिया ने मलेशियाई नागरिकों के देश से बाहर निकलने पर प्रतिबंध लगा दिया है. जवाब में मलेशिया ने भी लगाया उत्तर कोरिया के नागरिकों के मलेशिया छोड़ने पर रोक. यह साफ नहीं कि दोनों देशों में कुल कितने लोग फंसे हैं.

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Kim Jong-Un
तस्वीर: picture-alliance/AP Photo/W. Maye-E

मलेशियाई पुलिस उत्तर कोरिया के दूतावास में छिपे तीन लोगों से पूछताछ करने की मांग कर रही है. उत्तर कोरियाई तानाशाह किम जोंग-उन के सौतेले भाई किम जोंग-नाम की क्वालालम्पुर एयरपोर्ट पर 13 फरवरी को हत्या कर दी गई थी. पुलिस के मुताबिक किम जोंग-नाम को मारने के लिये जिस रसायन का इस्तेमाल किया गया था वह संयुक्त राष्ट्र की विनाशक सूची में शामिल है. पुलिस ने इस मामले में 8 लोगों पर शक जाहिर किया है जिसमें से उत्तर कोरिया के एक वरिष्ठ अधिकारी और सरकारी एयरलाइंस का एक कर्मचारी भी शामिल है. पुलिस को इनमें से कुछ लोगों के दूतावास में छिपे होने की भी आशंका है. अब तक जिन लोगों पर आरोप लगे हैं उनमें से एक वियतनामी और एक इंडोनेशियाई महिला है.

मामले ने तूल पकड़ा तो मंगलवार को उत्तर कोरियाई विदेश मंत्रालय ने मलेशिया में अपने नागरिकों और राजनयिकों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिये देश में रह रहे मलेशियाई लोगों के देश छोड़ने पर अस्थायी प्रतिबंध लगा दिया. कोरिया की सरकारी समाचार एजेंसी ने विदेश मंत्रालय के हवाले से कहा है कि जब तक मलेशिया में इस मामले को सुलझा नहीं लिया जाता तब तक मलेशियाई नागरिक देश के बाहर नहीं जा सकते. इसमें कहा गया है कि इस दौरान मलेशियाई नागरिक और राजनयिक सामान्य परिस्थितियों में अपना जीवन जी सकते हैं.

हालांकि मलेशिया ने उत्तर कोरिया के इस आदेश की तीखी निंदा की है और कड़ी प्रतिक्रिया देते हुये उत्तर कोरियाई लोगों के भी देश छोड़ने पर प्रतिबंध लगा दिया है. मलेशिया के प्रधानमंत्री नजीब रज्जाक ने कहा कि उत्तर कोरिया द्वारा हमारे नागरिकों को बंधक बनाना सभी अंतरराष्ट्रीय कानून और कूटनीतिक मानदंडों के खिलाफ है.

विदेश मंत्रालय के मुताबिक उत्तरकोरिया में करीब 11 मलेशियाई लोग फंसे हुये हैं. इनमें से तीन दूतावास के कर्मचारी, छह इनके परिवार के सदस्य और दो अन्य लोग हैं. वहीं मलेशिया में भी उत्तर कोरिया के काफी लोगों के होने की संभावना जताई जा रही है इनमें से बड़ी संख्या छात्रों की भी हो सकती है. लेकिन उत्तर कोरिया खास तौर पर दूतावास के स्टाफ की सुरक्षा पर ही जोर दे रहा है.

एए/एमजे (रॉयटर्स)