इस्राएल ने चलाई तेज रफ्तार ट्रेन
दो अरब डॉलर के खर्च वाली इस रेल परियोजना की फलस्तीन ने यह कहते हुए आलोचना की है कि इसका रूट कब्जे वाले पश्चिमी तट के कई छोटे छोटे हिस्सों से गुजरता है.
आसान हुआ सफर
ट्रेन के कारण बेन गुरियोन एयरपोर्ट से येरूशलेम तक 20 मिनट में पहुंचा जा सकता है. सड़क मार्ग से यह दूरी तय करने में कम से कम 40 मिनट लगते हैं.
तेज रफ्तार
160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली ट्रेन पर्वतों के बीच सुरंगों और पुलों से गुजरती एयरपोर्ट से येरूशलेम के बीच का 40 किलोमीटर का सफर तय करती है.
विवादित रूट
ट्रेन का रूट फलीस्तीन के बेत सुरिक गांव और लातरून वैली के पास के इलाके से हो कर गुजरता है. इस इलाके पर 1967 के मध्यपूर्व की लड़ाई में इस्राएल ने कब्जा कर लिया था. ट्रेन में इस्रायली प्रधानमंत्री
25 साल पुरानी योजना
येरूशलेम और तेल अवीव के बीच तेज ट्रेन चलाने की योजना 1995 में बनी थी. 2005 में इस पर काम शुरू हुआ और पैसों के साथ साथ पर्यावरण की चिंताओं ने इसमें काफी देर लगाई.
डबल डेकर ट्रेन
दो मंजिलों वाली ट्रेन में फिलहाल 400 यात्री सफर कर सकते हैं. पूरी क्षमता के साथ रेल सेवा चालू होने पर ट्रेन इससे तीन गुना ज्यादा यात्रियों को लेकर जा सकेगी.
80 मीटर नीचे प्लेटफॉर्म
येरूशलेम में जमीन के भीतर ट्रेन स्टेशन बनाया गया है. इसकी गहराई करीब 80 मीटर है. यात्रियों में नई रेल सेवा को लेकर काफी उत्साह है.
आधे घंटे में
योजना जब पूरी हो जाएगी तब तेल अवीव से येरूशलेम शहर के बीच की दूरी आधे घंटे से कम समय में पूरी होगी. फिलहाल इस दूरी को तय करने में एक घंटे से ज्यादा लगता है.
योजना का विस्तार
दोनों शहरों के बीच ट्रेन का रूट कुल 60 किलोमीटर का होगा. तेल अवीव एयरपोर्ट से आगे का नेटवर्क अभी तैयार नहीं है. यह कब चालू होगा इसके बारे में तारीखों का एलान टलता रहता है.