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इवांका ट्रंप के लिए हैदराबाद बन रहा है "भिखारी मुक्त"

१४ नवम्बर २०१७

अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप की बेटी और उनकी वरिष्ठ सलाहकार इवांका ट्रंप का दौरा किसी को याद रहे न रहे, लेकिन हैदराबाद के भिखारियों को जरूर याद रहेगा. प्रशासन यहां भिखारियों को आश्रय केंद्रों में भेज रही है.

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Ivanka Trump
तस्वीर: AFP/Getty Images/J. Watson

एक हफ्ते के भीतर ही हैदराबाद के करीब 200 भिखारियों को आश्रय केंद्र भेज दिया गया है. इनमें पुरुष और महिलाएं दोनों शामिल हैं. प्रशासन सार्वजनिक जगहों समेत शहर के सभी गली कूचों से भिखारियों को हटाना चाहता है और शहर को भिखारी मुक्त बनाना चाहता है. प्रशासन की इस मुहिम का असर भी नजर आ रहा है और फिलहाल शहर में भिखारी कम नजर आ रहे हैं.

इवांका ट्रंप, राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप की वरिष्ठ सलाहकार हैं. इवांका इस माह के अंत में हैदराबाद में होने वाली "ग्लोबल आन्ट्रप्रनर्शिप समिट 2017" में भाग लेने भारत आ रहीं हैं. इस सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शिरकत करेंगे. अधिकारियों के मुताबिक दो अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रमों को देखते हुए हैदराबाद को भिखारी मुक्त शहर बनाने की मुहिम छेड़ी गयी है. हैदराबाद खुद को "द आन्ट्रप्रनर्शिप समिट" और "वर्ल्ड तेलगु कांफ्रेंस" के आयोजन के लिए तैयार कर रहा है.

फिंगरप्रिंट भी देने पड़े

भीख मांगना भारत में एक अपराध है और इसमें 10 साल की सजा का प्रावधान है लेकिन यह कानून व्यावहारिक रूप से लागू नहीं होता. शहर के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी वीके सिंह के मुताबिक, "इस माह के अंत तक शहर को भिखारी मुक्त बना दिया जायेगा और शहर के हर गली कूचे से भिखारी हटा दिये जायेंगे." भिखारियों को ट्रैफिक जंक्शन, बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन आदि जगहों से बस और वैन में लाया जा रहा है और इन आश्रय केंद्रों में भेजा जा रहा है, जहां कई बार वे अपने परिवार के सदस्यों से भी मिल जाते हैं. इन केंद्रों में इन्हें साफ कपड़े, नहाने और सोने के लिए जगह मिलती है. इसके साथ ही इन लोगों की अंगुलियों के निशान भी लिये गये हैं. इनसे कहा गया है कि अगर ये दोबारा भीख मांगते नजर आये तो इन्हें जेल भेज दिया जायेगा.  

Indien Markt Ramsan
तस्वीर: UNI

कुल 1.3 अरब की आबादी वाले भारत में तकरीबन 20 फीसदी लोग ऐसे हैं जो रोजाना 120 रुपये से भी कम कमाते हैं. ऐसे में कईयों के लिए भीख मांगना ही अंतिम विकल्प होता है. हैदराबाद के एक एनजीओ के मुताबिक शहर में तकरीबन 13 हजार भिखारी हैं. एनजीओ के एक अधिकारी गट्टू गिरी बताते हैं, "इनमें से आधे से ज्यादा गरीबी के चलते भीख मांगते हैं, तो वहीं कुछ शराब और ड्रग्स की लत का शिकार है."

पहली बार नहीं

हैदराबाद में यह सम्मेलन हर साल होता है लेकिन इस बार सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य देश में महिला उद्यमियों को सहयोग देना है. 28 से 30 नवंबर तक चलने वाले इस समिट की भारत और अमेरिका संयुक्त रूप से मेजबानी कर रहे हैं.

सिंह ने बताया कि इवांका ट्रंप के दौरे के बाद आम लोग भीख मांगने वाले व्यक्ति की सूचना पुलिस को दे सकते हैं. पुलिस भिखारियों की जानकारी देने वाले को नकद ईनाम देगी. हालांकि यह पहला मौका नहीं है जब किसी अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम के मद्देनजर शहरों से भिखारियों को हटाया जा रहा है. इसके पहले साल 2010 में कॉमनवेल्थ खेलों से पहले दिल्ली के भिखारियों को भी हटाया गया था. 

एए/आईबी (एपी)