इराक में लापता 39 भारतीय मारे गए
२० मार्च २०१८भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के मुताबिक इराक में साल 2014 के दौरान लापता हुए सभी 39 भारतीय मारे जा चुके हैं. संसद को दी इस जानकारी में विदेश मंत्री ने कहा कि इन सभी को आईएसआईएस ने मार दिया है. उन्होंने कहा कि पेनिट्रेशन रडार पर मिली जानकारी के बाद ही मोसुल से लापता हुए भारतीयों की मौत का पता चल सका. इसके बाद मृतकों के डीएनए नमूनों को जांच के लिए बगदाद भेजा गया. स्वराज ने बताया, "अब तक 38 लोगों के डीएनए सैंपल मैच हो गए हैं और 39वें की जांच चल रही है. जिसका 70 फीसदी डीएनए मैच हो गया है."
हालांकि पिछले साल जुलाई में विदेश मंत्री ने संसद में कहा था कि वह इराक में लापता 39 भारतीयों को बिना किसी सबूत के मृत घोषित नहीं कर सकतीं. साल 2017 में दिए अपने बयान में स्वराज ने कहा था, "किसी व्यक्ति को बिना सबूत और आधार पर मृत घोषित करना एक पाप है, और मैं यह पाप नहीं करुंगी."
लेकिन भारतीय कामगारों की मौत की पुष्टि होने के बाद स्वराज ने कहा कि अब सभी शवों को भारत लाया जाएगा. विदेश राज्य मंत्री वी के सिंह मृत भारतीयों के शव वापस लाने के लिए इराक जाएंगे. उन्होंने बताया कि शवों को भारत वापस लाने वाला विमान पहले अमृतसर जाएगा और उसके बाद पटना और कोलकाता की ओर रवाना होगा.
इराक में मारे गए 39 भारतीय लोगों में ज्यादातर पंजाब से थे और मोसुल के आसपास के क्षेत्र में काम करते थे. विदेश मंत्री ने संसद में हरजीत मसीह की कहानी को झूठा बताया जो आईएसआईएस के चुंगल से भागने में सफल हुआ था. हरजीत की कहानी मुताबिक, भारतीयों का अपहरण कर तुरंत गोली मार दी गई थी. स्वराज ने कहा कि हरजीत कुछ बांग्लादेशी कैदियों के साथ भागने में सफल हुआ था जिन्हें भारतीयों के साथ ही बंदी बना कर रखा गया था.