इन लोगों ने नाकामयाबी के बाद पकड़ी सफलता की राह
दुनिया आज इन सफल कहानियों के आगे सिर झुकाती है. इतिहास के पन्नों में इनका जिक्र भी होता है. लेकिन एक वक्त वो भी था जब ये मशहूर हस्तियां नाकामयाबी की गलियों में उम्मीदों को तलाश रही थीं.
चार्ल्स डार्विन
डार्विन की थ्योरी धरती पर जीवन की प्रक्रिया समझने का एक आधार मानी जाती है. लेकिन साल 1809 में जन्मे डार्विन को उनके पिता एक असफल व्यक्ति मानते थे. प्रकृति में रुचि होने के कारण मेडिकल साइंस की पढ़ाई से डार्विन बाहर हो गए. उनके पिता कहते थे कि वे सिर्फ जिंदगी में कुत्ते और चूहे पकड़ सकते हैं. कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी में भी उनसे पढ़ाई नहीं हुई. लेकिन आज उनके दिए गए सिद्धांत को पूरी दुनिया मानती है.
अब्राहम लिंकन
साल 1809 में जन्मे अब्राहम लिंकन अमेरिका के 16वें राष्ट्रपति बने. लेकिन जब वह 23 साल के थे, उनकी नौकरी चली. उसी वक्त वह स्टेट एसेंबली की बाजी भी हार गए. जब वह 26 साल के थे, तब उनकी जिंदगी का पहला प्यार कही जाने वाली आन रुटलेज की मौत हो गई. 29 साल की उम्र में वह स्पीकर के लिए होने वाला चुनाव हार गए. लेकिन इस सब के बावजूद वह साल 1861 में अमेरिका के राष्ट्रपति बन गए.
चार्ली चैपलिन
साल 1889 में जन्मे चार्ली जब दो साल के थे, तब उनके पिता ने उनकी मां को छोड़ दिया था. 9 साल की उम्र में उनकी मां को मानसिक अस्पताल भेजा गया. दो साल बाद उनके शराबी पिता का भी देहांत हो गया. एक वक्त था जब मूक फिल्मों के दौर का यह हॉलीवुड सितारा दो वक्त की रोटी के लिए भी दर-दर भटकता था. लेकिन आज दुनिया बड़े पर्दे पर कॉमेडी और डांस में इनके योगदान की मिसालें देती है.
अल्बर्ट आइंस्टाइन
जीनियस, होशियार शब्द का पर्याय बन चुके अल्बर्ट आइंस्टाइन से भी असफलता दूर नहीं रही. नौ साल तक की उम्र तक आइंस्टाइन को बोलने में तकलीफ होती थी. अपने विद्रोही और तीखे स्वभाव के चलते उन्हें स्कूल से भी निकाला गया. लेकिन शुरुआती सारी असफलताएं उन्हें साल 1921 में भौतिकी का नोबेल पुरस्कार जीतने से नहीं रोक सकीं.
विंसेट फान गॉग
नीदरलैंड्स के मशहूर पेंटर विंसेंट फान गॉग जिंदगी में मानसिक विकार, असफल रिश्ते, तंगहाली का शिकार रहे. 37 साल की उम्र में उन्होंने आत्महत्या कर ली. अपने जीवन में वह एक ही पेंटिंग बेच सके. पेंटर के रूप में यह उनकी बड़ी असफलता थी लेकिन इसके बावजूद कला के लिए उनका जुनून कभी कम नहीं हुआ. फान गॉग की कला को पहचान उनकी मौत के बाद मिली. आज उनकी पेंटिंग पोस्ट-इम्प्रेशिनस्म दौर की बड़ी मिसाल मानी जाती हैं.
मैडोना
साल 1958 में जन्मी मैडोना ने पांच साल की उम्र में अपनी मां को खो दिया. वह डांसर बनना चाहती थीं, इसलिए न्यूयॉर्क गई. पैसों के लिए मैडोना ने एक डोनट बेचने वाली दुकान में काम किया. लेकिन जल्द ही वहां से उन्हें निकाल दिया गया. लेकिन वह हारी नहीं और छोटे समूहों के साथ गाना शुरु किया और फिर अपना एलबम निकाला. इसके बाद उन्होंने कभी पीछे नहीं देखा.
वॉल्ट डिजनी
मिकी माउस की रचना करने वाले वॉल्ट डिजनी को एक सैनिक स्कूल से बाहर निकाला गया था. शुरुआती दौर में उन्होंने एक स्टूडियो शुरु किया लेकिन उसका दिवालिया निकल गया. इसके बाद कहा गया कि उनमें कारोबार की क्षमता नहीं है. यहां तक कि एक अखबार ने उन्हें नौकरी इसलिए नहीं दी क्योंकि अखबार मालिक का मानना था कि वह रचनात्मक नहीं है. लेकिन आज कार्टून की दुनिया में डिजनी एक जाना-माना और सफल नाम हैं.
स्टीव जॉब्स
तकनीक की नई मिसाल पेश करती कंपनी एप्पल की शुरुआत एक गैरेज से हुई थी. साल 1985 में कंपनी के संस्थापक स्टीव जॉब्स को ही एप्पल से बाहर होना पड़ा था. लेकिन जॉब्स को मिली इस ठोकर ने उन्हें एक बार फिर काम के लिए प्रेरित किया. इसके बाद जॉब्स ने नेक्स्ट और पिक्सर जैसी कंपनियों को खड़ा किया और एप्पल के सीईओ बने. साल 2005 में में जॉब्स ने कहा था कि एप्पल से बाहर होना उनकी जिंदगी की सबसे अच्छी बात थी.
बिल गेट्स
एक जमाने में माइक्रोसॉफ्ट के संस्थापक बिल गेट्स ने हावर्ड यूनिवर्सिटी में पढ़ाई छोड़ दी थी. उन्होंने कारोबार शुरू किया लेकिन वह भी घाटे में गया. लेकिन इस दौर तक गेट्स को अपनी कंप्यूटर प्रोग्रामिंग क्षमता का अंदाजा हो गया था. उन्होंने सॉफ्टवेयर कंपनी माइक्रोसॉफ्ट की नींव रखी. एक कार्यक्रम में गेट्स ने कहा था, "सफलता का जश्न मनाया जाना चाहिए लेकिन उससे भी जरूरी है कि हम अपनी असफलताओं से सीखें."
जेके रॉलिंग
हैरी पॉटर की किताबों को लिखने वाली जेके रॉलिंग की गिनती आज दुनिया के सफलतम लोगों में होती है लेकिन एक वक्त था जब प्रकाशक इनकी कहानी पर नजर डालने के लिए भी तैयार नहीं थे. उनसे यहां तक कह दिया गया था कि हैरी पॉटर की कहानी में किसी की दिलचस्पी नहीं होगी. निजी जीवन में शादी टूटने के बाद रॉलिंग के सामने पेट पालने के लिए नौकरी भी नहीं थी.
ओप्रा विन्फ्री
लंबे समय तक टीवी पर राज करने वाली ओप्रा विन्फ्री का जन्म बेहद ही गरीब बस्ती में हुआ था. किशोरावस्था में यौन शोषण का शिकार हुई ओप्रा 13 साल की उम्र में घर से भाग गईं. 14 साल की उम्र में उन्होंने एक बच्चे को जन्म दिया. लेकिन जन्म के तुरंत बाद ही बच्चे की मौत हो गई. तमाम परेशानियां झेलने के बाद भी ओप्रा ने हार नहीं मानी. 2011 में सामाजिक कामों के लिए उन्हें मानद ऑस्कर पुरस्कार से सम्मानित किया गया.
पीसा की मीनार
असफलता केवल इंसान की जिंदगी में ही नहीं आती. कई बार इंसानी दिमाग से रची जाने वाली कृतियां भी असफलता का शिकार हो जाती है. ऐसी ही एक कलाकृति है पीसा की झुकती हुई मीनार. अगर यह मीनार गलती से ऐसी नहीं बनती तो शायद यह लोगों के लिए आकर्षण का इतना बड़ा केंद्र भी नहीं होती. 12वीं सदी में इसका निर्माण शुरू हुआ और पूरा होते होते लगभग 200 साल लग गए.