1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें
आतंकवादविश्व

इदलीब में अमेरिकी सेना के हमले में आईएस नेता की मौत

३ फ़रवरी २०२२

सीरिया के इदलीब प्रांत में अमेरिकी सेना की कार्रवाई में इस्लामिट स्टेट के मौजूदा नेता अबू इब्राहिम अल हाशिमी अल कुरयाशी की मौत हो गई है. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने गुरुवार को यह जानकारी दी.

https://p.dw.com/p/46TdF
US-Militärangriff in Syrien
तस्वीर: picture alliance / ASSOCIATED PRESS

इदलीब में अमेरिकी सैनिकों ने यह हमला अबू इब्राहिम अल हाशिमी को लक्ष्य बना कर ही किया था. अबू इब्राहिम अल हाशिमी ने 21 अक्टूबर 2019 को इस्लामिक स्टेट की कमान संभाली थी. इसके कुछ ही दिन पहले इसी इलाके में अमेरिकी हमले में इस्लामिक स्टेट के तब नेता रहे अबू बकर अल बगदादी की मौत हुई थी.

बीते कुछ समय से इस्लामिक स्टेट फिर से उभरने की कोशिश में था. पिछले महीने करीब 10 दिन की लड़ाई के बाद इस्लामिक स्टेट के लड़ाकों ने एक जेल को अपने कब्जे में ले लिया था. इन घटनाओं को देख कर ही अमेरिकी हमले की योजना बनाई गई. इस इलाके में सीरिया के गृहयुद्ध में विस्थापित हुए लोग कैंपों में रह रहे हैं. सबसे पहले आई खबर में 13 लोगों के मरने की बात कही गई जिनमें चार महिलाएं और छह बच्चे भी शामिल थे.

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने बयान दिया है कि उन्होंने इस हमले का आदेश, "अमेरिकी लोगों और हमारे सहयोगियों की सुरक्षा और दुनिया को एक सुरक्षित जगह बनाने के लिए दिया था." बाइडेन ने बयान में यह भी कहा है, "हमारी सशस्त्र सेनाओं की बहादुरी और कुशलता से हमने अबू इब्राहिम अल हाशिमी अल कुरयाशी को जंग के मैदान से बाहर कर दिया है." उन्होंने यह भी बताया कि इस ऑपरेशन में शामिल सभी अमेरिकी नागरिक सुरक्षित लौट आए हैं. अमेरिकी रक्षा विभाग पेंटागन के संक्षिप्त बयान में भी इस बात की पुष्टि की गई है कि कोई अमेरिकी सैनिक हताहत नहीं हुआ है और अभियान सफल रहा. (सीरिया: इस्लामिक स्टेट के आतंकियों ने किया जेल पर हमला)

ओसामा बिन लादेन को मारने जैसा हमला

अमेरिकी सेना का हमला अल कायदा के नेता ओसामा बिन लादेन को मारने के अभियान जैसा ही था. अमेरिकी सेना का खास दस्ता हेलीकॉप्टर में सवार हो कर सीरिया में विद्रोहियों के कब्जे वाले इलाके में एक मकान पर पहुंचा. चश्मदीदों का कहना है कि उसके बाद दो घंटे तक वहां गोलीबारी हुई. स्थानीय लोगों का कहना है कि तुर्की की सीमा पर मौजूद आतमेह में बड़ी देर तक गोलियों और धमाकों की आवाजें गूंजती रहीं.

कमरों में भारी गोलीबारी निशान दिख रहे हैं
कमरों में भारी गोलीबारी निशान दिख रहे हैंतस्वीर: Ghaith Alsayed/AP/picture alliance

आतमेह के बाहरी मैदानी इलाके में जैतून के पेड़ों से घिरा दोमंजिला मकान का ऊपरी हिस्सा ढह गया है. मकान के बाकी बचे हिस्से की दीवारों और फर्श पर वहां खून बिखरा हुआ है. एक बिखरे हुए बेडरूम में बच्चे का लकड़ी का पालना और एक गुड़िया नजर आई है. किचेन का दरवाजा पूरी तरह से ध्वस्त हो गया है. कमरे में पैगंबर मोहम्मद की जीवनी और कई धार्मिक किताबें भी नजर आई हैं. समाचार एजेंसी एपी के लिए काम करने वाले एक पत्रकार ने कई स्थानीय लोगों से बात की है. उन्होंने पहचान गोपनीय रखने की शर्त पर बताया कि अमेरिकी रक्षा विभाग शुरू में हमले के लक्ष्य को नहीं पहचान सका था.

डरे हुए हैं इदलीब के शरणार्थी

पास के शरणार्थी शिविर में रहने वाले जमील एल देदो ने बताया, "शुरुआती लम्हे तो बेहद डरावने थे, किसी को नहीं पता था कि हो क्या रहा है. हम इस बात से डरे हुए थे कि यह सीरियाई विमान हो सकते हैं जिसने हमारे मन में बैरल बमों की याद ताजा कर दी थी जो पहले हम पर गिराए गए थे." सीरिया के गृहयुद्ध के शुरुआती दिनों में राष्ट्रपति बशर अल असद की सेना विद्रोहियों पर कच्चे विस्फोटकों से भरे कंटेनर आसमान से गिराया करती थी. (जर्मन कोर्ट ने सीरियाई युद्ध अपराधों से जुड़े लैंडमार्क केस में फैसला सुनाया)

इदलीब मोटे तौर पर तुर्की के समर्थन वाले लड़ाकों के नियंत्रण में है लेकिन यह अल कायदा का भी गढ़ रहा है और इसके कई शीर्ष कमांडर यहीं पर मौजूद हैं. इस्लामिक स्टेट के प्रतिद्वंद्वी गुटों के साथ ही कई दूसरे चरमपंथियों ने भी इसे अपना घर बनाया है. अमेरिका पहले ड्रोन का इस्तेमाल इदलीब के इलाके में रहने वाले अल कायदा के सदस्यों को ठिकाने लगाने में करता रहा है. हेलीकॉप्टर में यहां आ कर हमला करने का मतलब साफ है कि अमेरिका को यहां किसी बड़े नेता के छिपे होने का अंदेशा था. इसी तरह के हमले में अमेरिकी सैनिकों ने ओसामा बिन लादेन को भी निशाना बनाया था.

एनआर/एमजे (एपी)

इस विषय पर और जानकारी को स्किप करें

इस विषय पर और जानकारी