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इतिहास में आजः 21 सितंबर

२० सितम्बर २०१३

एक दो नहीं पूरे सात दशक तक भारत पाकिस्तान की सरहदों को बेमानी करने वाली एक आवाज आज ही के दिन धरती पर उतरी थी. साल था 1926 और जगह ब्रिटिश भारत के पंजाब प्रांत में कसूर.

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तस्वीर: Ignatius Wooster/Fotolia

अल्लाह वसई के रूप में पैदा हुई नूर जहां बन कर स्टेज पर उतरीं और फिर बहुत जल्द ही मल्लिका ए तरन्नुम के रूप में विख्यात हो गईं. संगीतकारों के परिवार में पैदा हूई नूर जहां से खानदानी विरासत को ही आगे ले जाने की उम्मीदें थी लेकिन उनकी इच्छा फिल्मों में जाने की थी. विरासत और उनकी ख्वाहिश दोनों ने अपनी अपनी उड़ान भरी और नूर जहां का दखल संगीत के साथ फिल्मों में भी खूब रहा. गाना गाने, संगीत तैयार करने और अभिनय के अलावा निर्देशन में भी उन्होंने हाथ आजमाया. उन्हें पाकिस्तान की पहली महिला फिल्म निर्देशक माना जाता है.

उर्दू, पंजाबी, हिंदी और सिंधी भाषाओं में उन्होंने 10 हजार से ज्यादा गाने गाए हैं. पाकिस्तानी सिनेमा में तो सबसे ज्यादा गाना गाने का रिकॉर्ड उनके और अहमद रुश्दी के नाम ही है. शास्त्रीय संगीत, गजल, कव्वाली, और फिल्मी गानों के भरे पूरे संसार में वो एक बहुत बेजोड़ आवाज बन कर उभरीं और कई दशकों तक लोगों को अपना दीवाना बनाए रखा.

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