इतिहास में आज: 31 अक्टूबर
३० अक्टूबर २०१४जून 2002 में ही महाथिर ने पद छोड़ने की अपनी मंशा जाहिर कर दी थी. तबसे ही उन्होंने अपने करीबी सहयोगी अबदुल्ला बदावी को अपने उत्तराधिकारी के रूप में तैयार करने का काम शुरु कर दिया था. 1957 में आजादी मिलने के बाद से मलेशिया में 22 सालों तक महाथिर ने ही देश की बागडोर संभाली. देश को एक सफल औद्योगिक राष्ट्र बनाने में महाथिर का बड़ा योगदान माना जाता है. उन्होंने मलेशिया की सरकारी तेल कंपनी पेट्रोनास और राष्ट्रीय कार निर्माता प्रोटॉन के लिए सलाहकार के रुप में काम किया.
सत्ता छोड़ने के समय महाथिर की उम्र 78 साल थी. बहुत स्पष्टवादी माने जाने वाले महाथिर पश्चिमी देशों को खरी खोटी सुनाने के लिए भी जाने जाते थे. मलेशिया के नेशनल पैलेस में हुए सत्ता के हस्तांतरण का सीधा प्रसारण टेलीविजन पर हुआ. मलेशिया के राजा सय्यद सिराजुद्दीन पुत्रा जमालुल्लइल ने नए प्रधानमंत्री के रुप में बदावी को शपथ दिलाई. बदावी को महाथिर से काफी अलग माना जाता था. चुनौती यह भी थी कि जनता उन्हें स्वीकार करेगी या नहीं. मार्च 2004 में हुए आम चुनाव में मलेशिया की जनता ने बदावी को भारी मतों से जिताया.