इटली का पुल कैसे गिरा?
इटली के शहर जेनोआ का मोरांदी पुल गिरा तो 35 लोगों की जाने चली गईं. इस हादसे के बाद प्रधानमंत्री जुसेप कोंते ने 12 महीने के लिए आपातकाल की घोषणा कर दी. एक नजर वहां चल रहे राहत व बचाव कार्य पर.
सभी पुराने पुलों को खतरा
मोरांदी पुल कैसे गिरा, इसकी वजह साफ नहीं हो पाई है. जांचकर्ताओं का अनुमान है कि बिजली के गिरने, लोहे में जंग लगने या इंजीनियरिंग में हुई चूक इसकी वजह हो सकती है. इटली के सिविल इंजीनियरिंग सोसायटी ने चेतावनी दी है कि 50 और 60 के दशक में बने पुल 50 साल ही सही रह सकते हैं. मोरांदी पुल को बने 50 वर्ष से अधिक हो चुके हैं.
व्यस्ततम सड़क हुई शांत
उत्तर-पूर्वी इटली को जोड़ने वाला यह पुल ए10 और ए7 की सड़कों से मिलता था जो क्रमशः फ्रांस और मिलान शहर की ओर जाती थीं. यह हादसा फेरागोस्तो नामक इतावली त्योहार के एक दिन पहले हुआ जब खुशियां मनाने निकलते हैं सड़कों पर निकलते हैं. हादसे ने व्यस्ततम सड़क को शांत कर दिया है.
रात भर चलता रहा बचाव अभियान
रेस्क्यू के लिए आए कर्मचारी रात भर दबे हुए लोगों को मलबे में तलाश करते रहे. यही नहीं, करीब एक हजार आम लोग मदद के लिए और पीड़ितों की सेवा में लगे रहे. गृह मंत्रालय के मुताबिक, बचावकर्मियों की मुस्तैदी से 16 लोगों को बचाया जा सका जिसमें से 12 की हालत गंभीर थी. दमकल की गाड़ियां और आपातकालीन सेवाओं 24 घंटे तैनात रहीं.
मृतकों की संख्या बढ़ती गई
हादसे की अगली सुबह तक मृतकों की संख्या 35 तक पहुंच गई. गृह मंत्री माटेओ सालविनी ने जानकारी दी कि मरने वालों में 2 बच्चे शामिल है. अधिकारियों का कहना है कि अभी बड़े मलबों को निकालने का काम जारी है जिसके नीचे कई और शव मिल सकते हैं.
हादसे पर शुरू हुई राजनीति
खराब इन्फ्रास्ट्रक्चर को लेकर सत्ता पर काबिज 5 स्टार मूवमेंट पार्टी की आलोचना होती रही है. प्रधानमंत्री कोंते अपनी छुट्टियां रद्द कर घटनास्थल का जायजा लेने पहुंचे तो यह कई मंत्रियों को नागवार गुजरा. परिवहन मंत्री टोनीनेली ने कहा कि इटली के हाईवे का काम देखने वाली कंपनी से करार खत्म कर दिया जाएगा.
आसपास के घरों को खतरा
परिवहन मंत्री ने कहा कि पुल के नजदीक बने घरों को तोड़ना पड़ सकता है. फिलहाल आसपास रह रहे करीब 630 लोगों को हटा दिया गया है. फेसबुक पोस्ट पर मंत्री ने कहा कि जल्द ही इन लोगों को नए घर दिए जाएंगे
दुनिया ने दी सांत्वना
इस हादसे के एक घंटे के अंदर ही प्रशासनिक अधिकारियों को मालूम चल गया था कि यह हादसा भयावह है और इसमें कम से कम दर्जनभर लोगों की मौत हो जाएगी. इटली के परिवहन मंत्री डेनिलो टोनीनेली ने इसे बड़ा हादसा कहा. जर्मनी का चांसलर अंगेला मैर्केल और फ्रांस के राष्ट्रपति इमानुअल मांक्रों ने हादसे पर दुख जताया.