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इंसान को शहद का पता बताने वाली चिड़िया

ओंकार सिंह जनौटी
११ नवम्बर २०१६

मोजाम्बिक में एक चिड़िया ऐसी है जो पहले इंसान को खोजती है और फिर उसे रास्ता दिखाते हुए जंगल की ओर ले जाती है. अंत में दोनों के हाथ जैकपॉट लगता है.

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Süafrika Honiganzeiger Vogel
तस्वीर: CC by Derek Keats

हजारों साल से उत्तरी मोजाम्बिक के लोगों का एक छोटी सी चिड़िया से खास रिश्ता है. चिड़िया को वे हनीगाइड कहते हैं, यानि शहद का पता बताने वाली चिड़िया. 1980 के दशक में केन्या के इकोलॉजिस्ट हुसैन इसाक ने इस रिश्ते का पता लगाया था. अब गहराई से कई नई बातें पता चली हैं. ब्रिटेन की कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी और दक्षिण अफ्रीका की केप टाउन यूनिवर्सिटी के एक साझा शोध में पता लगा है कि हनीगाइड्स बड़े सटीक ढंग से लोगों को मधुमक्खी के छत्ते के पास कैसे ले जाती हैं.

Bildergalerie Die Einheimischen Hadza Tansania
तस्वीर: Joanna Eede/Survival International

शोध के मुताबिक उत्तरी मोजाम्बिक के याओ समुदाय के लोग शहद निकालने के लिए चिड़िया को पुकारते हैं. दूसरी तरफ चिड़िया भी उनकी आवाज सुनकर फौरन उनके पास पहुंच जाती है. इसके बाद शहद निकालने वाले चिड़िया के पीछे पीछे चलने लगते हैं. झाड़ियों और पेड़ों का पार करते हुए जब चिड़िया बर्र हम की आवाज करने लगती है तो लोगों को पता चल जाता है कि मधुमक्खियों का छत्ता आ गया है. चिड़िया उनके सामने उड़ान भरकर छत्ता दिखाती भी है. छत्ता मिलने के बाद लोग शहद निकालने की तैयारी करते हैं और चिड़िया चुपचाप पास में ही बैठी रहती है. कुछ घंटों की मेहनत के बाद लोग शहद निकाल लेते हैं और छत्ते को हनीगाइड के हवाले कर देते हैं. इस तरह लोगों का भी काम बन जाता है और चिड़िया की भी दावत हो जाती है. चिड़िया लार्वा, वैक्स और अंडे खाती है.

कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी के डॉक्टर स्पॉटिशवुडे के मुताबिक, "यह इंसान और आजाद जीवन जीने वाले जंगली जीव के बीच सहयोग का जबरदस्त नमूना है." हजारों साल पहले ऐसे ही परस्पर सहयोग के चलते कुत्ता, घोड़ा, गाय और कबूतर जैसे जीवों से इंसान की दोस्ती हुई. इस दोस्ती से इंसान और जानवर दोनों को फायदा पहुंचा. कुछ वैज्ञानिक इसे क्रमिक विकास का हिस्सा मानते हैं. उनका तर्क है कि बदलते परिवेश में खुद को बचाए रखने के लिए कई जीव इंसान के करीब आ रहे हैं. उनकी झिझक कम हो रही है.

(क्यों दुनिया भर में गुणकारी माना जाता है शहद)