1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

इंडोनेशिया में आम चुनाव

९ अप्रैल २००९

17 हज़ार से ज़्यादा द्वीपों के देश इंडोनेशिया में आज आम चुनाव हैं. 1967 से लेकर 1998 तक राष्ट्रपति सुहर्तो के लगभग तीस साल के शासन के बाद यह तीसरा आम चुनाव है.

https://p.dw.com/p/HTDf
इंडोनेशिया में चुनावतस्वीर: AP

लगभग 70 करोड़ लोग नई सरकार के चुनाव में हिस्सा लेंगे. 560 साटों के लिए 38 पार्टियां इस रेस में शामिल हैं. चुनाव के दौरान अव्यवस्था और हिंसा रोकने के लिए सरकार ने सुरक्षा और कड़ी कर दी है. चुनाव प्रचार के शुरु होने से पहले राष्ट्रपति सुसिलो युधोयोनो ने जनता से शांतिपूर्वक चुनावों की अपील की थी, 'मैं इंडोनेशिया की जनता से कहना चाहता हूं. आईये इस वर्ष के चुनावों को सफल बनाएं. मैं सबसे कहूंगा. अपने अधिकारों का इस्तेमाल करें और चुनावों में भाग लें. किसी भी व्यक्ति का किसी दूसरे व्यक्ति के वोट पर हक़ नहीं है.'

आम चुनावों के नतीजों का सीधा असर राष्ट्रपति के चुनाव पर होता है. चुनाव में सफल पार्टी या गठबंधन फिर 8 जुलाई को राष्ट्रपति चुनाव में हिस्सा लेंगे. सत्ता में आने के लिए किसी भी पार्टी को कम से कम 20 प्रतिशत वोट हासिल करने ज़रूरी हैं. इंडोनेशिया में राजनीति पर अध्ययन कर रहे अलफन अल्फियन का मानना है, 'गठबंधन बनाते वक़्त कोई भी पार्टी की विचारधारा के बारे में नहीं सोचता. यह सब पार्टी प्रमुख तय करते हैं. और उनका पार्टी में बोल बाला रहता है. हमारी पार्टीयां ऐसी ही होती हैं, पार्टी प्रमुखों को मान्यता दी जाती है और राजनीतिक गठबंधन व्यावहारिक तौर पर होते हैं, केवल सत्ता में आने के लिए.'

Wahlen in Indonesien
चुनावी तैयारियां पूरीतस्वीर: AP

इस वर्ष इस्लामी पार्टियों ने भी चुनाव में इस्लामी मूल्यों और शरिया की जगह धर्मनिरपेक्ष मुद्दों और आर्थिक मंदी को अपने एजेंडा में रखा है. कई लोगों का मानना है कि अंततः इस्लामी पार्टियों को भी यह समझ में आ गया है कि चुनावों में धर्म की कोई भूमिका नहीं है.

राष्ट्रपति सुसीलो की पार्टी पीपल्स डेमोक्रेसी पीडी इन चुनावों से काफी उम्मीदें रख रही है. इंडोनीशिया में एक चुनाव पूर्व सर्वे के मुताबिक लगभग 25 प्रतिशत लोग सुसीलो की सरकार के हक़ में हैं. दूसरे स्थान पर पूर्व राष्ट्रपति और जनरल सुकर्णो की बेटी मेगावती सुकर्णोपुत्री की इंडोनीशियन प्रजातंत्र पार्टी-संघर्ष, पी डी आई पी है.


रिपोर्ट- डॉयचे वेले, एजेंसियां, मानसी गोपालकृष्णन

संपादन- आभा मोंढे