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इंग्लैंड नहीं जीता, भारत हारा नहीं

२८ फ़रवरी २०११

यह मैच कमजोर दिल वालों के लिए नहीं था. 338 रनों के बाद भारत की स्थिति अच्छी थी, पर इंग्लैंड ने 40 ओवरों में 2 विकेट खोकर 272 रन बना लिए थे. उसके बाद जो हुआ, वह किसी नाटक से कम नहीं था.

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तस्वीर: AP

हाथ में आठ विकेट, आस्किंग रेट 6.70 रन और मैदान में जमे हुए 151 रनों के साथ स्ट्रॉस और 61 के साथ बेल. अगले दो ओवरों में 6 और दो रन बने, लेकिन स्थिति इंग्लैंड के नियंत्रण में थी. फिर आया 43वां ओवर, इंग्लैंड ने पावर प्ले लेने का फैसला किया और धोनी ने गेंद थमा दी जहीर को. पहली तीन गेंदों में एक रन, और.....चौथी गेंद पर....बेल आउट!!! पांचवी गेंद...और स्ट्रॉस भी गए. प्रायर ने छठी गेंद झेलते हुए जहीर की हैट ट्रिक रोक ली.

Kricket Weltmeisterschaft Indien 2011
तस्वीर: AP

44वां ओवर - गेंदबाज चावला - 2 रन...

45वां ओवर - फिर जहीर...तीसरी गेंद...और कॉलिंगवुड चलते बने...ओवर में बने 4 रन...

46वां ओवर - गेंद भज्जी की...दस रन बने...लेकिन प्रायर आउट...

47वां ओवर - जहीर का आखिरी ओवर...आठ रन बने...कोई विकेट नहीं...

48वां ओवर - मुनफ पटेल...और तीसरी गेंद पर यार्डी वापस, इंगलैंड के आठ विकेट पर 313, जीत के लिए 15 गेंदों पर 32 रनों की जरूरत...

49वां ओवर - चावला की स्पिन, 12 गेंदों पर इंग्लैंड को 29 रनों की जरूरत... पहली गेंद पर कोई रन नहीं...और फिर स्वान का छक्का...1 रन...2 रन...और अब ब्रेसनैन का छक्का...आखिरी गेंद पर ब्रेसनैन आउट...

आखिरी ओवर...6 गेंद...इंग्लैंड को 14 रन चाहिए...भारत को 12 पर रोकना है बल्लेबाजों को...या दो विकेट लेने हैं. गेंद मुनफ पटेल के हाथों में

पहली गेंद - दो रन. अब चाहिए 12 रन.

दूसरी गेंद - एक रन, चार गेंदों में चाहिए 11 रन, सामना करेंगे शहज़ाद...

तीसरी गेंद - और छक्का......अब तीन गेंदों में पांच रन चाहिए जीत के लिए...टीम इंडिया के सितारे डूबते हुए...

चौथी गेंद - सिर्फ एक बाई रन...उम्मीदें बची हैं...दोनों टीमों की...

पांचवी गेंद - एक रन...दूसरा रन...

अब अगर डॉट बॉल हो तो भारत की जीत, दो रनों पर इंगलैंड की...मुनाफ ने दौड़ना शुरू किया...लेंथ और लाईन बिल्कुल सटीक....गेंद सरका कर स्वान दौड़ पड़े...एक रन हो गया...दूसरे की गुंजाइश नहीं...मैच टाई...

मैच के बाद धोनी की टिप्पणी, "जिस तरह वे खेल रहे थे, मैं टाई से खुश हूं."

और स्ट्रॉस खुश भी हैं, नहीं भी. उनकी राय में यह मैच जीता जा सकता था.

बात सच है, लेकिन इंगलैंड की हार भी हो सकती थी. नतीजा शायद यही होना चाहिए था. और सचिन का शतक उन्हें मैन ऑफ द मैच नहीं बना सका. यह खिताब श्ट्रॉस को मिला, 151 की पारी की बदौलत.

रिपोर्ट: उज्ज्वल भट्टाचार्य

संपादन: एन रंजन