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आसियान में आर्थिक रिश्तों पर जोर

१३ नवम्बर २०१४

म्यांमार में आसियान देशों का शिखर सम्मेलन विश्व नेताओं के लिए व्यापार, क्षेत्रीय विवाद और आतंकवाद पर बात करने का मौका था. कुछ नेताओं ने इसका इस्तेमाल म्यांमार में मानवाधिकारों की स्थिति पर चर्चा के लिए भी किया.

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तस्वीर: Reuters

म्यांमार की राजधानी नेपीदाव में जमा नेताओं की बातचीत आर्थिक रिश्ते बेहतर बनाने के अलावा दक्षिण चीन सागर में सीमाई विवाद पर केंद्रित रही जिसपर इलाके के कई देश दावा कर रहे हैं. आसियान के दस सदस्य देशों के अलावा शिखरभेंट में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा, जापानी प्रधानमंत्री शिंजो आबे के अलावा चीन के प्रधानमंत्री ली केचियांग ने भी हिस्सा लिया, हालांकि ये आसियान के सदस्य नहीं हैं.

सम्मेलन की मेजबानी थेन सेन ने की जो 2011 में सैनिक तानाशाही के खत्म होने के बाद म्यांमार के पहले लोकतांत्रिक नेता है. उन्होंने 2015 तक आसियान आर्थिक समुदाय बनाए जाने के कदमों की चर्चा करते हुए इलाके की अर्थव्यवस्था को और करीब लाने की मांग की. उन्होंने मांग की कि आसियान को "सामाजिक न्याय को बढ़ावा देने के अलावा महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों के अधिकारों की रक्षा के लिए कड़ी मेहनत करनी चाहिए." सम्मेलन में इंडोनेशिया के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जोको वीदोदो और थाईलैंड में रक्तहीन सैनिक तख्तापलट के बाद प्रधानमंत्री बने प्रयुथ चान ओचा ने पहली बार हिस्सा लिया.

आतंकवाद पर चर्चा

सम्मेलन को संबोधित करते हुए संयुक्त राष्ट्र के महासचिव बान की मून ने कहा कि उनका संगठन आसियान के हर सदस्य देश के साथ मानवाधिकारों को बढ़ावा देने और अल्पसंख्यकों की रक्षा के लिए सहयोग करना चाहता है. उन्होंने कहा कि रोहिंग्या मुसलमानों को दशकों से म्यांमार की नागरिकता से वंचित रखा गया है. उन्होंने उम्मीद जताई कि सरकार देश के राखीन प्रदेश में मानवाधिकारों का हनन रोकेगी जहां रोहिंग्या समुदाय के लोग रहते हैं.

ASEAN Gipfel in Myanmar 13.11.2014
ली केचिंयांग और थेन सेनतस्वीर: Reuters

सम्मेलन में चर्चा का एक महत्वपूर्ण मुद्दा आतंकवाद के खिलाफ संघर्ष था. मुस्लिम बहुल इंडोनेशिया और मलेशिया से बहुत सारे लोग सीरिया और इराक में कट्टरपंथी सगंठन इस्लामिक स्टेट के लिए लड़ रहे हैं. इसके अलावा फिलीपींस जैसे देशों में इस्लामी चरमपंथी देश को अंदर से खोखला कर रहे हैं. भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आतंकवाद और धर्म को एक साथ न जोड़ने की अपील की.

दक्षिण चीन सागर में तूफान

इलाके की एक अहम समस्या दक्षिण चीन सागर में क्षेत्र की मिल्कियत को लेकर चल रहा विवाद है. वियतनाम और फिलीपींस ने चीन पर अपनी सीमा के अतिक्रमण का आरोरप लगाया है. पिछले मई में चीन ने अपनी तेल निकासी मशीन ऐसे इलाके में भेज दी थी जिसपर वियातनाम दावा कर रहा है. इसकी वजह से दोनों देशों के बीच कई हफ्तों तक विवाद रहा. चीन का दावा है कि करीब करीब पूरा दक्षिण चीन सागर उसका है.

आसियान के महासचिव ले लुओंग मिंह ने कहा, "हम राजनीतिक प्रतिबद्धता और सागर में असली स्थिति के बीच बड़ी खाई देख रहे हैं." फिलीपींस की राष्ट्रपति बेनिंयो अकीनो ने उम्मीद जताई की सुरक्षा के मुद्दे पर फौरी प्रगति हो पाएगी.

बराक ओबामा पहले अमेरिकी राष्ट्रपति थे जिन्होंने 2012 में म्यांमार का दौरा किया था. इस बार म्यांमार पहुंचे ओबामा ने कहा कि सम्मेलन का मेजबान होना इस बात का संकेत है कि म्यांमार दक्षिण पूर्व एशिया में बड़ी भूमिका निभा सकता है. ओबामा ने कहा कि उनकी पिछली यात्रा के बाद से कुछ प्रगति हुई है लेकिन साथ ही उन्होंने सेंसरशिप और पत्रकारों की स्थिति की चर्चा करते हुए कहा कि प्रगति काफी धीमी है.

एमजे/आईबी (एफपी, डीपीए)