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समाज

आसिफा के लिए एकजुट हुए लोग

१३ अप्रैल २०१८

जम्मू कश्मीर के कठुआ में आठ साल की आसिफा बानो के साथ हुए बलात्कार और निर्मम हत्या के मामले में देश भर से न्याय की मांग हो रही है. अब तक तीन लाख से ज्यादा लोग आसिफा के लिए एक ऑनलाइन पेटिशन पर हस्ताक्षर कर भी चुके हैं.

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Indien Protest nach Vergewaltigung und Mord an Ashifa Bano
तस्वीर: imago/ZUMA Press

कठुआ का यह मामला भले ही तीन महीने पुराना है लेकिन यह जनता के सामने तब आया जब चार्जशीट दर्ज कराने जा रही जांच टीम को अदालत के बाहर वकीलों ने रोक लिया. पिछले दो दिनों में सोशल मीडिया पर बड़ी संख्या में लोग आसिफा को इंसाफ दिलाने के समर्थन में आए हैं. ऑनलाइन पेटिशन वेबसाइट चेंज डॉट ऑर्ग पर एक याचिका डाली गई है, जिस पर एक दिन में ही तीन लाख से ज्यादा लोग ऑनलाइन हस्ताक्षर कर चुके हैं. इस पेटिशन को जम्मू और कश्मीर की मुख्य मंत्री महबूबा मुफ्ती के पास भेजा जाएगा. पेटिशन की शुरुआत कश्मीर टाइम्स की संपादक अनुराधा भसीन, हेल्प फाउंडेशन की संस्थापक निघात शफी पंडित, जम्मू कश्मीर हाई कोर्ट की वकील मनदीप रीन समेत कुल 14 लोगों ने की है.

इसके अलावा गुरूवार देर रात राजधानी नई दिल्ली में इंडिया गेट के सामने कैंडल लाइट मार्च भी निकाला गया. यहां कठुआ के साथ ही उन्नाव बलात्कार मामले में भी न्याय की मांग की गई. कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष राहुल गांधी और पार्टी के कई अन्य नेता भी यहां मौजूद थे. इस दौरान प्रियंका वाड्रा भी मौजूद थीं. राहुल गांधी ने कहा कि महिला सुरक्षा एक राष्ट्रीय मुद्दा है, राजनीतिक मुद्दा नहीं, "हम चाहते हैं कि सरकार महिलाओं के खिलाफ हो रही हिंसा पर कोई कदम उठाए."

इस बीच महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने कहा है कि वे पॉक्सो (प्रोटेक्शन ऑफ चाइल्ड अगेंस्ट सेक्सुअल ऑफेंसेस एक्ट) में बदलाव की मांग करेंगी, जिसके अनुसार 12 साल से काम उम्र के बच्चों के साथ बलात्कार के मामले में फांसी का प्रावधान हो. उन्होंने कहा, "मैं कठुआ और हाल के दिनों में हुए अन्य बलात्कार के मामलों से बहुत ही ज्यादा परेशान हो गई हूं." वहीं स्मृति ईरानी ने भी इस मुद्दे पर अपनी चुप्पी तोड़ते हुए कहा है कि कानून एजेंसियां और सरकार मामले की जरूरी कार्रवाई कर रही हैं. उन्होंने कहा, "एक महिला होने के नाते मैं गुजारिश करूंगी कि पीड़िता पर कोई लांछन ना लगाया जाए."

ट्विटर पर कई बड़ी हस्तियों ने इस मामले में अपना गुस्सा और निराशा जाहिर की है. फरहान अख्तर ने लिखा है, "अगर आप उसका दर्द महसूस नहीं कर सकते, तो आप इंसान नहीं हैं. अगर आप आसिफा के लिए न्याय की मांग नहीं कर रहे हैं, तो आप कहीं के नहीं हैं." वहीं अनुष्का शंकर ने लिखा है, "मुझे आसिफा के बलात्कार और हत्या के मामले में शब्द ढूंढते हुए भी तकलीफ हो रही है."

आठ साल की आसिफा बानो कश्मीर के बाकरवाल बंजारा समुदाय से नाता रखती थी. आसिफा का अपहरण करने के बाद कई दिनों तक उसे स्थानीय मंदिर में छिपा कर रखा गया. नशीली दवाएं दे कर उसे बेहोश रखा गया और उसके साथ कई बार सामूहिक बलात्कार किया गया. इसके बाद गला घोंट कर उसकी हत्या की गई. चार्जशीट के अनुसार लाश को फेंकने से पहले हमलावरों ने उसके सर पर दो बार पत्थर भी मारा ताकि सुनिश्चित किया जा सके कि वह जिंदा नहीं है. इस मामले में आठ लोगों का नाम चार्जशीट में लिया गया है और इसे धर्म से प्रेरित साजिश बताया गया है.