आरोपियों को कोसते पड़ोसी
२७ अगस्त २०१३पांच लोगों पर आरोप है कि उन्होंने 22 साल की महिला पत्रकार के साथ मुंबई के एक सुनसान मिल में सामूहिक बलात्कार किया और उसके पुरुष सहकर्मी पर हमला किया. हालांकि यह जगह पॉश मुंबई वाले इलाके में है लेकिन दारूबाजी और नशीली दवाइयों के अड्डे के रूप में बदनाम है.
आस पास में महंगे रिहाइशी इलाके हैं और बड़े दफ्तर भी हैं. आरोपी पास की झुग्गियों में रहते हैं, जहां उनकी छवि अच्छी नहीं है. पड़ोस में रहने वाले एक सामाजिक कार्यकर्ता 32 साल के अजीत पेवेकर का कहना है, "वे स्थानीय अपराधी हैं."
जिन पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है, उनमें सबसे ज्यादा उम्र का सलीम अंसारी है, जो 27 साल का है और जो अपराध के बाद दिल्ली भाग गया था. उसे सबसे आखिर में गिरफ्तार किया गया. पुलिस के मुताबिक बाकी के चार आरोपी 18 से 24 साल के हैं. वे धोबी घाट के पास रहते हैं, जिसे दुनिया का सबसे बड़ा खुला धोबी घाट कहा जाता है. इन लोगों पर अभी औपाचारिक रूप से आरोप नहीं लगाए गए हैं.
पेवेकर का कहना है कि आम तौर पर धोबी घाट में रहने वाले कपड़ों की धुलाई का काम करते हैं लेकिन इनके पास "नियमित काम नहीं था, वे दिन भर ताश खेलते थे और हमेशा शराब के नशे में रहते थे." उनका दावा है कि ये लोग चेन झपटने का काम भी करते थे.
कुछ पड़ोसियों ने उन्हें जानने से इनकार कर दिया, जबकि कुछ का कहना है कि इन्हें फांसी दे देनी चाहिए. एक आरोपी 18 साल का विजय जाधव घटना के कुछ देर बाद थाने के पास की दुकान पर चाय पी रहा था और अगले दिन अपने साथियों के साथ सिनेमाघर में फिल्म देखने गया. पेवेकर कहते हैं, "लोग तो चाहते हैं कि उन लोगों को हमारे हवाले कर दिया जाए और हम उन्हें पीटें."
मुंबई को आम तौर पर महिलाओं के लिए सुरक्षित शहर माना जाता है. लेकिन इस घटना के बाद लोग सदमे में हैं. इससे पहले पिछले साल दिसंबर में दिल्ली की बलात्कार वाली घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था.
मुंबई के पुलिस प्रमुख सत्यपाल सिंह का कहना है कि सभी आरोपी बेरोजगार हैं और उन्होंने अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी है. सिंह के मुताबिक तीन का आपराधिक रिकॉ़र्ड भी है. उनका कहना है कि ऐसा नहीं लगता कि इस घटना की साजिश बनाई गई थी और ऐसा भी नहीं लगता कि आरोपी उस वक्त नशे में रहे होंगे.
एक आरोपी मुहम्मद कासिम हफीज शेख को कासिम बंगाली के नाम से भी जाना जाता है. उसके खिलाफ चार आपराधिक मामले दर्ज हैं और भारतीय मीडिया का कहना है कि इस घटना का रिंगलीडर वही था.
बंगाली की मां एक झुग्गी में चुपचाप बैठी है. उसका दावा है कि उसका बेटा सिर्फ 17 साल का है, हालांकि पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक उसकी उम्र 21 साल है. बूढ़ी मां कहती है, "मैं इस बात को नहीं मानती. लेकिन पुलिस का कहना है कि उन्होंने ऐसा किया." पास पड़ोस के लोगों का कहना है कि इस घटना के बाद उनका इलाका बदनाम हो गया.
एक और आरोपी चांद सत्तार शेख की दादी भी इस बात पर जोर देती है कि उसका पोता नाबालिग है. हालांकि पुलिस उसकी बात भी खारिज कर चुकी है और उसका दावा है कि शेख की उम्र 19 साल है. पड़ोस वालों ने बताया कि शेख की मां की मौत हो चुकी है और वह "बुरी सोहबत" में पड़ गया था.
सब्जी बेचने वाली 45 साल की सुनीता पासवान कहती हैं, "ये लड़के एक साथ घूमते थे. लेकिन हमें नहीं पता था कि वे इस तरह के घिनौने काम में लगे थे. कल मेरी बेटी के साथ भी ऐसा हो सकता है. सभी औरतों के लिए यह सदमे की बात है."
एजेए/एनआर(एएफपी)