आरुषि के पिता की अर्जी खारिज
३ जनवरी २०११गाजियाबाद में विशेष सीबीआई अदालत ने आरुषि केस की क्लोजर रिपोर्ट दर्ज कर ली है. लेकिन ऐसा करने से पहले अदालत ने जांच एजेंसी से सवाल किया, आखिर सीबीआई को केस बंद करने की जल्दी क्यों हैं. इसके जवाब में सीबीआई के वकील ने कहा, ''प्रक्रिया के मुताबिक फैसला लेने के बाद हम क्लोजर रिपोर्ट पेश कर रहे हैं.''
क्लोजर रिपोर्ट में सीबीआई ने आरुषि के पिता डॉक्टर राजेश तलवार को मुख्य संदिग्ध बताया है. रिपोर्ट के मुताबिक डॉक्टर तलवार के खिलाफ सीधे सबूत नहीं हैं लेकिन परिस्थितिजन्य सबूतों को देखा और जोड़ा जाए तो संदेह होता है कि हत्या के पीछे आरुषि के पिता ही हैं.
सबूतों के अभाव में सीबीआई की लाचारगी देखकर कोर्ट ने भी क्लोजर रिपोर्ट मंजूर कर ली. अदालत ने कहा, ''क्लोजर रिपोर्ट दर्ज की जाती है. अब अदालत जांच अधिकारी को क्लोजर रिपोर्ट की संलग्न प्रतियां जमा करने का आदेश देती है.''
लेकिन सोमवार को ही मामले में एक नया मोड़ भी आया. आरुषि के पिता ने अदालत में सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट का विरोध किया. डॉक्टर तलवार ने कोर्ट से केस की दोबारा जांच कराने की मांग की. तलवार परिवार के मुताबिक सीबीआई ने राजेश तलवार को मुख्य संदिग्ध बताकर उन पर जिंदगी भर का कलंक लगाया है. राजेश तलवार ने कहा, ''हम चाहते हैं कि केस दोबारा खोला जाए.'' तलवार दंपत्ति ने सीबीआई के आरोपों को झूठा भी बताया है. लेकिन अदालत ने राजेश तलवार की केस दोबारा खोलने की अर्जी खारिज कर दी.
14 साल की आरुषि की हत्या 15 मई 2008 की रात हुई थी. आरुषि के घरवालों ने 16 मई की सुबह अपने नौकर हेमराज पर हत्या का आरोप लगाया. हेमराज को फरार बताया गया लेकिन अगले ही दिन 17 मई को हेमराज का शव राजेश तलवार के घर की छत पर मिला. हेमराज और आरुषि के सिर पर चोटें थी और उनके गले की नसें पेशेवर अंदाज में बेहद धारदार औजार से काटीं गईं थी.
इसके बाद यूपी पुलिस ने राजेश तलवार को गिरफ्तार कर लिया. बाद में जांच सीबीआई के हवाले की गई और सीबीआई ने राजेश तलवार को रिहा करवा कर तीन नौकरों को गिरफ्तार कर लिया. अब ढाई साल बाद सीबीआई के कई बड़े अधिकारी बदल चुके हैं. जांच एजेंसी कहती है कि तीनों नौकर पाक साफ है और डॉक्टर तलवार मुख्य संदिग्ध हैं. सीबीआई के मुताबिक कई बातें ऐसी हैं जो इशारा करती हैं कि हत्या राजेश तलवार ने ही की है.
रिपोर्ट: एजेंसियां/ओ सिंह
संपादन: महेश झा