आमची मुंबई में सड़कों पर मराठा मानुष
मुंबई की सड़कों पर बुधवार को पूरे दिन मराठा प्रदर्शन की गूंज रही. नौकरी और उच्च शिक्षा में आरक्षण की मांग के साथ लाखों लोगों ने जुलूस निकाला.
हर तरफ हर जगह बेशुमार आदमी
भारत की आर्थिक राजधानी मुंबई में मराठा प्रदर्शन के लिए पहुंचे लोगों की तादाद 3 लाख से 9 लाख के बीच कहीं बतायी जा रही है.
सब कुछ ठप्प
इस विशाल जन प्रदर्शन के लिए मुंबई के 400 स्कूलों में छुट्टी दे दी गयी और सड़कों पर ट्रैफिक पूरी तरह ठप्प हो गया. सुरक्षा व्यवस्था के लिए 10 हजार सुरक्षा बलों को तैनात किया गया.
मराठा क्रांति
यह विशाल जुलूस मराठा क्रांति मोर्चा नाम के संगठन ने निकाला जो आरक्षण के साथ ही कृषि उत्पादों के लिए ऊंची कीमत और किसानों का कर्ज माफ करने की भी मांग कर रहा है.
मराठा मानुष
महाराष्ट्र में करीब 11 करोड़ से ज्यादा मराठा हैं जो राज्य की आबादी का करीब एक तिहाई है. राज्य में प्रभावशाली माना जाने वाला यह समुदाय आमतौर पर खेती से जुड़ा है और आर्थिक मोर्चे पर थोड़ा पिछड़ा है.
राजनीति में असर
महाराष्ट्र की राजनीति में मराठा मानुष का मजबूत दखल है. बाल ठाकरे से लेकर शरद पवार और एसबी चव्हाण जैसे राजनीतिक परिवार मराठा समुदाय से ही आते हैं.
भगवा है पर शिवसेना नहीं
मोर्चे में शामिल लोगों ने भगवा टोपी पहनने के साथ ही हाथों में भगवा झंडे भी उठा रखे थे लेकिन वे शिवसेना या किसी और दल के साथ खुद को नहीं जोड़ना चाहते. शिवसेना ने जब इस प्रदर्शन के लिए बैनर लगाये तो कार्यकर्ताओं ने उन्हें फाड़ दिया.
मांग के लिए प्रदर्शन
बीते महीनों में महाराष्ट्र के अलग अलग शहरों में मराठा लोगों ने जुलूस निकाल कर अपनी मांगों के लिए आवाज बुलंद की है. नागपुर, पुणे समेत कई और शहरों में प्रदर्शन किये गये. मुंबई के बाद अब उनकी मंजिल शायद दिल्ली होगी.