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लोगों की संपत्ति सीज करने के चक्कर में असद

२७ अप्रैल २०१८

जान बचाने के लिए सीरिया से भागकर विदेशों में पहुंचे लोगों की संपत्ति जब्त हो सकती है. सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल असद ने इससे जुड़ा फरमान जारी किया है.

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Syrien Krieg - Zerstörung in Aleppo
तस्वीर: Reuters/A. Ismail

जर्मन अखबार ज्यूडडॉयचे त्साइटुंग और राइनिषे पोस्ट के मुताबिक बशर अल असद ने पुर्ननिर्माण से जुड़ा विवादित फैसला किया है. फैसले के तहत सीरिया के लोगों को अपनी संपत्ति के दस्तावेज 30 दिन के भीतर पेश करने को कहा गया है. जो लोग 30 दिन के भीतर ऐसे कागज मुहैया नहीं करा पाएंगे, उनकी संपत्ति सरकार सीज कर सकती है.

"डिक्री नंबर 10" नाम का यह आदेश चार अप्रैल को जारी किया गया. इस फैसले का खामियाजा विदेशों में शरण ले चुके लाखों सीरियाई नागरिकों पर पड़ेगा. सिर्फ जर्मनी में ही पांच लाख सीरियाई नागरिक रह रहे हैं. सरकारी आदेश की मार उन लोगों पर पड़ेगी जिनके पास सीरिया में अपार्टमेंट, भवन या प्लाट है. इस वक्त 60 लाख सीरियाई नागरिक बतौर रिफ्यूजी विदेशों में रह रहे हैं.

कई प्रॉपर्टी तो राजधानी दमिश्क के साथ ही अलेप्पो और होम्स जैसे महानगरों में हैं. राइनिषे पोस्ट ने आशंका जताते हुए कहा है कि, असद संपत्ति जब्त कर "उसे कंस्ट्रक्शन कॉन्ट्रैक्ट्स के जरिए अपने वफादार समर्थकों में बाटंना चाहेंगे और अपना खजाना भरना चाहेंगे." इस फैसले के जरिए विदेशों में रह रहे जिन सीरियाई नागरिकों की संपत्ति जब्त होगी, वो भी भविष्य में सीरिया लौटने के कतराएंगे.

जर्मनी ने असद के इस फैसले की आलोचना की है. जर्मनी ने संयुक्त राष्ट्र और असद के सहयोगी रूस ने इस आदेश को रद्द करवाने की मांग की है. माना जा रहा है कि असद इस फैसले के जरिए अपने विरोधियों तक भी पहुंचना चाह रहे हैं. सीरिया की सीक्रेट सर्विस 15 लाख नागरिकों को आतंकवाद के मामलों में वांछित मानती है.

सीरिया में 2011 में राष्ट्रपति असद के खिलाफ प्रदर्शन हुए, जो बाद में हिंसक गृह युद्ध में तब्दील हो गए. तब से जारी गृह युद्ध में अब तक चार लाख से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं.

रिपोर्ट: इयान पी. जॉनसन/ओएसजे