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जीवन को सुगम बनाने की अपील के साथ विज्ञान महोत्सव शुरू

प्रभाकर मणि तिवारी
६ नवम्बर २०१९

विज्ञान की सहायता से आम लोगों का जीवन सुगम बनाने की अपील के साथ कोलकाता में पांचवां भारत अंतरराष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव शुरू हुआ. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए उद्घाटन भाषण दिया.

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Indien IISF Indian International Science Festival
तस्वीर: DW/Prabhakar

अंतरराष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव यानी आईआईएसएफ में इस साल मुख्य विषय ‘राइजेन इंडिया यानी राष्ट्र को सशक्त बनाता अनुसंधान, नवाचार और विज्ञान' रखा गया है. चार दिन तक चलने वाले इस महोत्सव का उद्देश्य विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में एकीकृत विकास की रणनीति तय करना है. देश-विदेश के लगभग 12 हजार विशेषज्ञ इस महोत्सव के दौरान आयोजित 28 विभिन्न कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे. हालांकि उद्घाटन समारोह दो वजहों से विवादों में रहा. पहली यह कि प्रधानमंत्री का भाषण खत्म होने के तुरंत बाद हॉलमें जय श्रीराम के नारे गूंज उठे और दूसरा यह कि न्योते के बावजूद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उद्घाटन समारोह में हिस्सा नहीं लिया. उद्घाटन समारोह में केंद्रीय मंत्री हर्षवर्धन,पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनकड़ और म्यांमार, भूटान, अफगानिस्तान सरकार के कई मंत्रियों के अलावा कई जाने-माने वैज्ञानिक मौजूद थे.

Indien IISF Indian International Science Festival
तस्वीर: DW/Prabhakar

प्रधानमंत्री का भाषण

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए मंगलवार को कहा कि विज्ञान में विफलता नहीं होती. इसमें सिर्फ कोशिश होती है, प्रयोग होते हैं और सफलता होती है. इन बातों को ध्यान में रखते हुए आगे बढ़ने पर ना तो विज्ञान के क्षेत्र में दिक्कत आएगी और ना ही जीवन में. अपनी बात के समर्थन में उन्होंने चंद्रयान-2 की मिसाल देते हुए कहा, "हमारे वैज्ञानिकों ने इस पर बहुत मेहनत की थी और इससे बहुत उम्मीदें पैदा हुई थीं. सब कुछ योजना के अनुसार नहीं हुआ. लेकिन फिर भी यह मिशन सफल था.”

प्रधानमंत्री का कहना था कि दुनिया का कोई देश नहीं जिसने विज्ञान व तकनीक के बिना प्रगति की हो. विज्ञान और प्रौद्योगिकी की उन्नति के बिना कोई देश प्रगति नहीं कर सकता है. उन्होंने कहा कि भारत ने दुनिया को चोटी के कई वैज्ञानिक दिए हैं. मोदी ने कहा कि इस महोत्सव के पांचवें संस्करण का आयोजन ऐसी जगह हो रहा है जिसने ज्ञान-विज्ञान के हर क्षेत्र में मानवता की सेवा करने वाली महान विभूतियों को पैदा किया है. यह महोत्सव ऐसे समय में हो रहा है, जब सात नवंबर को सीवी रमन और 30 नवंबर को जगदीश चंद्र बोस की जयंती मनाई जाएगी.
मोदी ने कहा, "हमें सोचना होगा कि विज्ञान का उपयोग कैसे लोगों के जीवन को सुगम बनाने में किया जा सकता है. जब सभी वैज्ञानिक व देशवासी इस सोच के साथ आगे बढ़ेंगे तो देश को भी लाभ होगा.”

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तस्वीर: DW/Prabhakar

विज्ञान महोत्सव

केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय और दूसरे संबंधित मंत्रालयों और विज्ञान भारती की ओर से संयुक्त रूप से आईआईएसएफ का आयोजन वर्ष 2015 से हर साल किया जाता है. पहला भारत अंतरराष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव 2015 में दिल्ली में हुआ था. दूसरे साल भी इसे दिल्ली में ही आयोजित किया गया. इसके बाद तीसरे साल और चौथे साल क्रमशः चेन्नई औऱ लखनऊ में इसका आयोजन किया गया. महोत्सव में भारत और दुनिया के करीब 12 हजार लोगों हिस्सा ले रहे हैं.

विज्ञान महोत्सव का एक प्रमुख आकर्षण छात्र विज्ञान गांव है. जिसमें देश के विभिन्न हिस्सों से लगभग ढाई हजार स्कूली छात्रों को इसमें हिस्सा लेने के लिए बुलाया गया है. सांसदों ने अपने संसदीय क्षेत्रों में प्रधानमंत्री सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत चुने गए गांवों से पांच छात्रों व एक शिक्षक को इसके लिए मनोनीत किया है. इन छात्रों को यहां कई प्रकार की विज्ञान से जुड़ी मनोरंजक गतिविधियों में शामिल होने और वैज्ञानिकों से सीधा संवाद करने का मौका मिलेगा. विज्ञान महोत्सव का दूसरा सबसे बड़ा कार्यक्रम युवा वैज्ञानिक सम्मेलन है. इस कार्यक्रम में लगभग डेढ़ हजार युवा वैज्ञानिक और शोधकर्ता शामिल होंगे. यह लोग जाने-माने वैज्ञानिकों से सीधा संवाद करने के साथ ही अपने पोस्टर और शोध आलेख भी पेश कर सकेंगे.

विज्ञान महोसत्व में लगने वाली प्रदर्शनियां भी आकर्षण का केंद्र होंगी. मुख्य रूप से साइंस सिटी में आयोजित विज्ञान प्रदर्शनी के माध्यम से भारत की वैज्ञानिक और तकनीकी क्षमता की झांकी देखने को मिलेगी. विज्ञानिका नामसे  विज्ञान साहित्य समारोह इस वर्ष के आईआईएसएफ का एक अन्य आकर्षण है. इसके तहत विज्ञान संचार की विभिन्न विधाओं से जुड़े कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे.

Indien IISF Indian International Science Festival
तस्वीर: DW/Prabhakar

इस दौरान मीडिया के लिए दो दिवसीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मीडिया प्रदर्शनी का आयोजन भी होने जा रहा है. इस महोत्सव के दौरान विज्ञान के विकास में महिला वैज्ञानिकों और उद्यमियों की भूमिका को खास तौर पर रेखांकित किया जाएगा. इस आयोजन में लगभग सात सौ महिला वैज्ञानिकों व उद्यमियों के हिस्सा लेने की उम्मीद है.

विश्व रिकॉर्ड 

आयोजकों ने एक बयान में कहा है कि आईआईएसएफ-2019 में चार गिनीज वर्ल्ड रिकार्ड बनाने का प्रयास किया जाएगा. महोत्सव के दौरान खगोल भौतिकी विषय का सबसे बड़ा शिक्षण कार्यक्रम होगा जिसमें 1,750 से ज्यादा छात्र हिस्सा लेंगे. इसके अलावा इलेक्ट्रॉनिक्स का सबसे बड़ा शिक्षण कार्यक्रम होगा जिसमें लगभग साढ़े नौ सौ छात्र हिस्सा लेंगे. सात नवंबर को एक साथ सबसे अधिक लोग रेडियो किट असेंबलिंग का रिकार्ड बनाने का प्रयास करेंगे. इसमें चार सौ छात्र शामिल होंगे. महोत्सव के आखिरी दिन मानव गुणसूत्र का सबसे बड़ा मानवीय चित्र बनाने के कार्यक्रम में भी लगभग चार सौ छात्र शिरकत करेंगे.

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