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आबिए पर उत्तरी सूडान ने कब्जा किया

२२ मई २०११

उत्तरी सूडान की सेना ने विवादित आबिए इलाके के मुख्य शहर पर कब्जा कर लिया है. शनिवार को दक्षिणी सूडान की सेना के साथ जंग के बाद दोनों पक्षों ने कहा कि आबिए उत्तरी सूडान के नियंत्रण में है.

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Symbolbild politische Spaltung im Sudan vor der Präsidentschaftswahl. Karte Sudan mit Hauptstadt Khartoum und Darfur und Südsudan. Vorne: Präsident Al Bashir. --- DW-Grafik: Pock/Steinmetz 2011_01_07_symbolbild_sudan_spaltung-Englisch
तस्वीर: DW/AP

जनवरी महीने में जनमत संग्रह के बाद सूडान उत्तरी और दक्षिणी हिस्सों में बांट दिया गया था. 9 जुलाई से दक्षिणी सूडान अलग देश बन जाएगा. यह कदम 2005 में हुए शांति समझौते के तहत उठाया गया है.

लेकिन पिछले दिनों में आबिए इलाके में हिंसा भड़क उठी क्योंकि दोनों पक्ष इस इलाके पर अपना हक जता रहे हैं. खारतूम से दक्षिण सूडानी टेलीविजन पर दिन भर लड़ाई की खबरें आती रहीं. शनिवार शाम को टीवी ने कहा कि दुश्मन को दक्षिण की ओर धकेल दिया गया है.

टैंकों से जीती जंग

संयुक्त राष्ट्र ने कहा कि उत्तरी सेना ने आबिए शहर में ही 15 टैंक तैनात किए हैं. प्रवक्ता हुआ जियांग ने कहा कि देर रात तक भी गोलियों की आवाजें आती रहीं. एक अन्य यूएन अधिकारी ने कहा कि आधी रात से कुछ देर पहले ही जंग खत्म हुई जिसका मतलब है कि उत्तरी सेना ने शहर पर कब्जा कर लिया है.

सूडान के राष्ट्रपति उमर हसन अल बशीर ने आबिए प्रशासन के दो प्रमुखों को पद से हटा दिया है. स्थानीय प्रशासनिक परिषद को भंग कर दिया गया है. सरकारी समाचार एजेंसी सूना ने यह खबर दी है, लेकिन फैसलों की कोई वजह नहीं बताई है. हालांकि इसे उत्तरी सूडान के आबिए पर कब्जे का संकेत ही माना जा रहा है.

क्यों है आबिए पर झगड़ा

दक्षिणी सूडान की सेना ने भी माना है कि आबिए उनके कब्जे से निकल गया है. एपीएलए के प्रवक्ता फिलिप आगुएर ने बताया, "आबिए शहर अब सूडानी सेना एसएएफ के कब्जे में है. वे टैंकों के साथ आए थे." आगुएर ने बताया कि उत्तरी सूडान के विमानों ने चार गांवों पर बम भी गिराए.

आबिए क्षेत्र के लोगों को भी जनमत संग्रह में हिस्सा लेकर अपने भविष्य का फैसला करना था कि वे उत्तरी सूडान के साथ जाना चाहते हैं या दक्षिणी हिस्से में. लेकिन इस बात पर विवाद हो गया कि किसे वोट डालने का हक है और किसे नहीं. वोटिंग इस विवाद की भेंट चढ़ गई और इलाके के बारे में फैसला अटक गया था.

रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार

संपादनः ईशा भाटिया

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