आजाद भारत की 10 अहम तारीखें
अंतरराष्ट्रीय प्रेस आजाद भारत के अहम पड़ावों को कैसे देखती है. समाचार एजेंसी एएफपी के मुताबिक इन 10 तारीखों का भारत की मौजूदा परिस्थितियों से गहरा कनेक्शन है.
जनवरी 1948
भारतीय उपमहाद्वीप के बंटवारे से नाराज हिंदू कट्टरपंथियों ने महात्मा गांधी की हत्या कर दी. ब्रिटिश हुकूमत से भारत को आजादी दिलाने वाले नायक महात्मा गांधी स्वतंत्र भारत में सिर्फ छह महीने जी पाए. इस दौरान भी उन्होंने रक्तपात ही देखा.
जुलाई 1949
कश्मीर इलाके में भारत और पाकिस्तान के टकराव के बाद संयुक्त राष्ट्र ने संघर्ष विराम रेखा का प्रस्ताव दिया. यह रेखा बाद में फ्रंटियर बन गई. यही नियंत्रण रेखा आज भी दोनों देशों को अलग करती है.
अक्टूबर 1962
भारत और चीन के बीच सैनिक विवाद भड़क उठा. चीन की की सेना भारतीय इलाके में घुस गई. चार हफ्ते के युद्ध में करीब 10,000 भारतीय जवान मारे गए. चीन ने संघर्षविराम की घोषणा की. तत्कालीन भारतीय प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने चीन के साथ शांति समझौता किया, लेकिन सीमा विवाद आज भी बरकरार है.
दिसंबर 1971
पूर्वी पाकिस्तान में भारतीय सेना ने मुक्ति वाहिनी का खुला समर्थन किया. नौ महीने से चले आ रहे संघर्ष के अंत में भारतीय फौज सीमा पार कर पूर्वी पाकिस्तान में दाखिल हुई. कुछ ही दिन बाद पाकिस्तानी सेना ने आत्मसमर्पण कर दिया. पूर्वी पाकिस्तान की जगह नए देश बांग्लादेश का जन्म हुआ.
मई 1974
भारत ने पहली बार परमाणु परीक्षण किया. इसके बाद पाकिस्तान ने भी परमाणु कार्यक्रम शुरू कर दिया. ढाई दशक बाद मई 1998 में भारत ने फिर कई न्यूक्लियर टेस्ट किए. इसके कुछ ही दिन बाद पाकिस्तान ने भी पहली बार परमाणु परीक्षण किए और खुद को एटमी ताकत घोषित किया.
अक्टूबर 1984
तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की उन्हीं के सिख अंगरक्षकों ने हत्या कर दी. अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में सिख अलगाववादियों के खिलाफ भारतीय फौज की सैन्य कार्रवाई से अंगरक्षक नाराज थे. इंदिरा गांधी की हत्या के बाद उत्तर भारत में सिख विरोधी दंगे हुए. इस दौरान अकेले दिल्ली में ही करीब 3,000 सिख मारे गए.
दिसंबर 1984
मध्य भारत के भोपाल शहर में यूनियन कार्बाइड के कारखाने से जहरीली गैस का रिसाव हुआ. मिथाइल आइसोसाइनेट की लीकेज ने प्लांट के आस पास रहने वाली आबादी को साफ कर दिया. हादसे में करीब 3,500 लोग मारे गए. सैकड़ों गंभीर रूप से बीमार हुए. इसे औद्योगिक जगत के सबसे बड़े हादसों में गिना जाता है.
दिसंबर 1992
राम मंदिर आंदोलन छेड़ने वाली हिंदू कट्टरपंथी ताकतों ने उत्तर प्रदेश के अयोध्या शहर में 16वीं शताब्दी की मस्जिद को ध्वस्त कर दिया. इसके बाद देश भर में हिंदू-मुस्लिम दंगे हुए और 2,000 से ज्यादा लोग मारे गए. मुंबई के धमाके और गुजरात के दंगे भी इसी कड़ी का अगला हिस्सा थे.
नवंबर 2008
इस्लामिक आतंकवादियों ने भारत की वित्तीय राजधानी मुंबई पर हमला किया. पाकिस्तान के आतंकी संगठन लश्कर ए तैयबा के 10 आतंकवादियों ने हमले को अंजाम दिया. तीन दिन तक चले हमले में विदेशी नागरिकों समेत 166 लोग मारे गए. इस हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के रिश्ते तनावपूर्ण हो गए.
दिसंबर 2012
राजधानी नई दिल्ली में चलती बस में 23 साल की युवती का बर्बर ढंग से सामूहिक बलात्कार किया गया. 13 दिन बाद सिंगापुर के अस्पताल में निर्भया की मौत हो गई. इस हमले के बाद भारत में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर प्रदर्शन होने लगे. महिलाओं की सुरक्षा को लेकर अंतरराष्ट्रीय जगत में भारत की छवि धूमिल हुई.