आज रेगिस्तान में दफनाए जाएंगे गद्दाफी
२५ अक्टूबर २०११लीबिया की अंतरिम सरकार के लिए गद्दाफी की मौत एक चुनौती बनती जा रही है. उसके पश्चिमी सहयोगी इस बात से खफा है कि गद्दाफी को जिंदा पकड़ने के बाद गोली मारी गई. संयुक्त राष्ट्र ने तो गद्दाफी की मौत की जांच की भी मांग की है. गद्दाफी की मौत के बाद देश की अंतरिम सरकार में इस बात को लेकर भी मतभेद भी उभरे कि उनके शव का क्या किया जाए. कोल्ड स्टोर में रखे शव को देखने के लिए लोगों का तांता लगा था लेकिन जब सोमवार को शव से तेज दुर्गंध आने लगी तो कोल्ड स्टोर के दरवाजे बंद कर दिए.
सोमवार को लीबिया की राष्ट्रीय अंतरिम परिषद (एनटीसी) के एक अधिकारी ने रॉयटर्स को फोन पर बताया, "कल सादे तरीके से उसका अंतरिम संस्कार कर दिया जाएगा और इस मौके पर शेख भी रहेंगे. खुले रेगिस्तान में उसे किसी अज्ञात जगह पर दफन किया जाएगा. " शव की हालत इतनी खराब हो गई है कि अब उसे और नहीं रखा जा सकता.
अज्ञात जगह पर होंगे दफन
69 वर्षीय गद्दाफी को उनके गृह नगर सिर्ते में मारा गया और इस तरह लीबिया में आठ महीने से जारी लड़ाई खत्म हो गई. दो महीने पहले लीबियाई विद्रोहियों ने राजधानी त्रिपोली पर नियंत्रण कर लिया. तब से गद्दाफी को खोजा जा रहा था. एनटीसी के अधिकारी ने बताया कि गद्दाफी के कबीले के साथ और अंतरिम सरकार के भीतर भी इस बात को लेकर चर्चा हो रही है कि गद्दाफी को कहां दफनाया जाए. अधिकारी के मुताबिक, "उसे उसके कबीले को सौंपे जाने को लेकर कोई सहमति नहीं बन पाई. " लेकिन जब शव खराब होने लगा तो एनटीसी ने सोचा कि अज्ञात जगह पर शव को दफना दिया जाए ताकि कब्र पर कोई मजार न बन सके.
एनटीसी के एक अन्य अधिकारी ने कुछ दिनों पहले बताया था कि गद्दाफी को दफनाए जाने के वक्त सिर्फ चार लोग मौजूद रहेंगे और उन्हें कुरान की कसम दी जाएगी कि किसी को न बताएं कि उन्हें कहां दफनाया गया है.
युद्ध खत्म होने के बाद लीबिया में क्षेत्रीय और कबायली प्रतिद्वंद्विताओं से निपटना एनटीसी के लिए एक बड़ी चुनौती होगी. वैसे विद्रोहियों का यह डर तो गद्दाफी के दो सबसे ताकतवर बेटों खामिस और मोतास्सिम की मौत के बाद खत्म हो गया है कि वे उग्रवाद भड़का सकते हैं. इनमें खामिस सैन्य कमांडर था तो मोतास्सिम पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार था.
सैफ अल-इस्लाम फरार
मोतास्सिम को अपने पिता के साथ सिर्ते में पकड़ा गया और उसी तरह अस्पष्ट हालात में मार दिया गया. एनटीसी के अधिकारी के मुताबिक मोतास्सिम को भी उसके पिता के साथ मंगलवार को दफना दिया जाएगा. लेकिन गद्दाफी के जिस बेटे सैफ अल-इस्लाम को उनका उत्तराधिकारी समझा जाता था, वह शायद लीबिया से भागने में कामयाब रहा. एनटीसी अधिकारी के मुताबिक, "वह नाइजर और अल्जीरिया के त्रिभुज वाले इलाके में है. वह घाट इलाके के दक्षिण में है. उसे मुरजुग इलाके से लीबिया का फर्जी पासपोर्ट दिया गया. "
एनटीसी अधिकारी ने बताया कि गद्दाफी की खुफिया एजेंसी के प्रमुख अब्दुल्लाह एल सेनुसी का भी इसमें हाथ है. सैफ अल-इस्लाम की तरह सेनुसी के खिलाफ भी अंतरराष्ट्रीय अपराध अदालत गिरफ्तारी के वारंट जारी कर चुकी है. एनटीसी अधिकारी का कहना है, "उस इलाके पर नजर रखना बहुत मुश्किल है. वह रेगिस्तान का इलाका है और वहां से निकलने के कई रास्ते हैं. "
रिपोर्टः रॉयटर्स/ए कुमार
संपादनः आभा एम