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आईपीएस अधिकारी का अंतिम संस्कार

Priya Esselborn९ मार्च २०१२

माफिया के हमले में मारे गए युवा आईपीएस अधिकारी नरेंद्र कुमार का शुक्रवार सुबह मथुरा में राजकीय सम्मान से अंतिम संस्कार कर दिया गया. मध्य प्रदेश के मुरैना में कुमार की ट्रैक्टर से कुचल कर हत्या कर दी गई.

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तस्वीर: dapd

नरेंद्र कुमार का शुक्रवार को उनके पैतृक गांव लालपुर में अंतिम संस्कार कर दिया गया. कुमार की पत्नी मधु ने उन्हें मुखाग्नि दी. मधु आईएएस अधिकारी हैं और मां बनने वाली हैं. पुलिस जवानों की टुकड़ी ने मातमी धुन बजायी और शस्त्र उलटे कर दिए. कुमार का पार्थिव शव कल देर रात डेढ़ बजे अलीगढ़ लाया गया. उनका परिवार अलीगढ़ में ही रहता है.

उनके शव को सुबह दस बजे तक लोगों के अंतिम दर्शन के लिए रखा गया. बाद में पार्थिव शरीर लालपुर गांव ले जाया गया. अंतिम संस्कार के समय बड़ी संख्या में गांव वाले, उनके परिवार के सदस्य तथा वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मौजूद थे.

Abbau von Eisenerz in Goa Indien
तस्वीर: Goa-Foundation/Claude Alvares

बताया जाता है कि नरेंद्र कुमार को अवैध खनन की सूचना मिली तब वह खुद मौके पर पहुंचे और गलत तरीके से पत्थर ले जा रहे ट्रैक्टर को रुकने को कहा. ट्रैक्टर चालक ने रुकने के बजाय नरेंद्र कुमार पर ही ट्रैक्टर चढ़ा दिया. इस मामले में ड्राइवर को गिरफ्तार कर लिया गया और उस पर हत्या का मामला दर्ज कर लिया गया है.

नरेंद्र कुमार की हत्या की खबर सुनकर होली के इंतजाम में जुटा मध्य प्रदेश का पुलिस महकमा स्तब्ध रह गया. राज्य के गृह मंत्री उमाशंकर गुप्ता जानकारी मिलते ही घटनास्थल रवाना हो गए. उन्होंने बाद में बयान जारी कर कहा ‍कि हत्या किसी पूर्वनियोजित साजिश के तहत नहीं हुई है.

शहीद कुमार के पिता केशव देव और पत्नी ने उनकी मौत को हत्या बताया और सीबीआई से जांच की मांग की है. दोनों का कहना है कि खनन माफिया काफी दिनों से कुमार के पीछे पडा था. उनका दावा है कि बीजेपी के एक विधायक की वजह से कुमार की पत्नी मधु का तबादला किया गया क्योंकि उस विधायक की बात आईएएस अधिकारी मधु मानने को तैयार नहीं थीं.

कुमार के पिता ने बीजेपी विधायक का नाम नहीं बताया और कहा कि इससे उनकी बहु की जान पर भी खतरा हो सकता है. उन्होंने आरोप लगाया कि विधायक और उसकी करतूतों के बारे में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पूरी जानकारी है.

पति को मुखाग्नि देने के बाद मधु ने कहा कि उन्हें कुमार की मौत को लेकर अंधेरे में रखा गया. उन्हें न तो दुर्घटनास्थल की जानकारी दी गई और न ही यह बताया गया कि जब वह ट्रैक्टर का पीछा कर रहे थे तो उनके साथ पुलिस के कितने जवान और अधिकारी थे.

इस बीच ग्वालियर के डीआईजी देवप्रकाश गुप्ता का दावा है कि हादसे के समय एसडीओपी कुमार के साथ चार और जवान थे. जवानों के रोकने के बाद भी ड्राइवर ने अधिकारी पर ट्रैक्टर चढ़ा दिया.

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने दोषी लोगों के खिलाफ कार्रवाई की बात की है लेकिन किसी तरह की जांच के बारे में नहीं कहा है.

विधानसभा में विपक्ष के नेता अजय सिंह ने कहा कि इस राज्य में माफिया इतना दुस्साहसी हो गया है कि जो भी उसके सामने आता है उसे मिटा दिया जाता है. कुमार की मौत पर बयान देते हुए उन्होंने कहा कि राज्य में माफिया की समांतर सरकार चल रही है.

रिपोर्टः एजेंसी, वेबदुनिया

संपादनः ए जमाल