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विवाद

आईएनएफ परमाणु संधि से बाहर निकला अमेरिका

२ अगस्त २०१९

अमेरिका रूस के साथ की गई एक अहम हथियार संधि से आधिकारिक रूप से बाहर निकलने जा रहा है. अब दोनों एक दूसरे पर निशाना साधने वाली बैलेस्टिक परमाणु मिसाइलों की होड़ छेड़ सकते हैं.

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Händedruck Donald Trump Wladimir Putin
तस्वीर: picture alliance/UPI Photo/newscom/D. Silpa

 

 

यह संधि निरस्त्रीकरण की राह पर मील का पत्थर थी. शीतयुद्ध के चरम पर 1987 में अमेरिकी राष्ट्रपति रॉनल्ड रीगन और सोवियत संघ के नेता मिखाइल गोर्बाचेव ने इंटरमीडिएट-रेंज न्यूक्लियर फोर्सेस संधि (आईएनएफ) पर हस्ताक्षर किए. संधि के अमल में आते ही अमेरिका और सोवियत संघ के बीच छिड़ा शीत युद्ध शांत पड़ने लगा. संधि के तहत दोनों पक्षों ने 500 से 5,500 किलोमीटर रेंज वाली मिसाइलों पर प्रतिबंध लगा दिया.

22 साल बाद 2019 की शुरुआत में अमेरिका और नाटो ने रूस पर इस संधि के उल्लंघन का आरोप लगाया. पश्चिमी देशों के मुताबिक रूस नए किस्म की क्रूज मिसाइलें तैनात कर रहा है. अमेरिका ने फरवरी में आईएनएफ संधि छोड़ने की घोषणा की. अब वह औपचारिक रूप से खत्म हो गया है. मॉस्को अमेरिका और पश्चिमी देशों के आरोपों को खारिज कर चुका है. अमेरिका का कहना है कि उसके पास इस बात के पुख्ता सबूत हैं कि रूस 9M729 मिसाइलें तैनात कर चुका है. इन मिसाइलों को SSC-8 नाम से भी जाना जाता है. नाटो में अमेरिका के साझेदार देश भी इन आरोपों पर सहमत हैं.

आरोपों से इनकार के बावजूद 2018 में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए नई पीढ़ी के हथियार विकसित करने का एलान किया. रूसी राष्ट्रपति ने किसी भी रडार और मिसाइल डिफेंस सिस्टम को भेदने वाली हाइपरसॉनिक मिसाइल समरसेट विकसित करने का भी दावा किया. ध्वनि की गति से पांच गुना तेज रफ्तार भरने वाली ऐसी मिसाइल पृथ्वी के वायुमंडल से बाहर निकलेगी और फिर वायुमंडल में दाखिल होकर कहीं भी हमला कर सकेगी. पुतिन ने कहा कि नई पीढ़ी के हथियारों के सामने मिसाइल डिफेंस सिस्टम नाकाम साबित होंगे. यह मिसाइल मौजूदा दौर की सबसे भारी आईसीबीएम मिसाइल से भी ज्यादा बम ढो सकेगी.

आईएनएफ संधि के साथ ही अमेरिका और सोवियत संघ इस बात भी सहमत हुए थे कि प्रतिबंधित मिसाइलों वाले इलाके की गहन जांच की गई. इन संधियों के बाद पांच साल के भीतर दोनों पक्षों ने 2,692 मिसाइलें नष्ट कीं. परमाणु हथियार ढोने वाली ऐसी दर्जनों मिसाइलें तत्कालीन पश्चिमी जर्मनी में भी तैनात की गई थीं.

2002 में तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश ने अमेरिका को एंटी बैलेस्टिक मिसाइल संधि से बाहर निकाल लिया. इस संधि के तहत हमलावर बैलेस्टिक न्यूक्लियर मिसाइल नष्ट करने के लिए हथियार विकसित करने पर पाबंदी थी. अमेरिकी फैसले के बाद 2007 में रूसी राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन ने एलान किया है कि आईएनएफ संधि रूस के हित में नहीं हैं. इसके बाद नए गुपचुप तरीके से हथियार विकसित करने की होड़ शुरू हो गई. 2014 में तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा आईएनएफ संधि से बाहर आना चाहते थे, लेकिन यूरोपीय संघ के दबाव में वह ऐसा नहीं कर सके.

ओएसजे/एमजे (एपी, एएफपी, रॉयटर्स)

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(ये आईसीबीएम क्या है?)