संयुक्त अरब अमीरात समेत ज्यादातर अरब देशों ने इस्राएल को मान्यता नहीं दी और ना ही उसके साथ सामान्य रिश्ते बहाल किए क्योंकि वो इसे फलस्तीन राष्ट्र के गठन में सबसे बड़ी रुकावट मानते हैं. अब संयुक्त अरब अमीरात ने इस्राएल के साथ रिश्ता जोड़ा है तो यह सवाल उठ रहा है कि क्या कुछ और देश उसकी राह पर चलेंगे. अरब इस्राएल के बीच शांति की बहुत सी कोशिशें हो चुकी हैं.