1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

अमेरिकी सैनिकों के जाने की चिंता में डूबे शहर

३ अगस्त २०२०

अमेरिकी राष्ट्रपति जर्मनी से सैनिकों की वापसी कराने पर अड़े हुए हैं. स्थानीय लोगों को चिंता है कि सैनिकों की वापसी उनकी रोजी रोटी और दोस्ती, रिश्तेदारी भी छीन लेगी.

https://p.dw.com/p/3gLvs
US-Luftwaffe Spangdahlem
तस्वीर: picture-alliance/dpa/B. Reichert

जर्मनी के तीन सैन्य अड्डों से अमेरिकी सैनिकों की वापसी स्थानीय अर्थव्यवस्था पर बुरा असर डालेगी. इनमें से एक श्टुटगार्ट तो अमीर है और जल्दी संभल जाएगा लेकिन आइफेल और अपर पलैटिनेट के लिए यह मुश्किल वक्त होगा. 

बीते हफ्ते अमेरिकी सैनिकों की वापसी के एलान के बाद कार सेल्समैन कार्ल मेत्ज के लिए एक बात तो बिल्कुल साफ है, "अगर सैनिक स्पांगडाहलेम छोड़ देंगे तो हम दुकान बंद कर सकते हैं."मेत्ज पास में मौजूद एयरबेस पर तैनात अमेरिकी सैनिकों को कार बेचते हैं और उनका कहना है, "बहुत नुकसान होगा काम खत्म हो जाएगा, सबकुछ चला जाएगा."

मेत्ज की तरह स्पांगडाहलेम के एयरबेस के पास उनके बहुत से पड़ोसी ना सिर्फ अपनी नौकरी और ग्राहक खोने बल्कि दोस्तों को भी खोने की चिंता में डूबे हुए हैं. अमेरिकी सेना का कहना है कि वह अपने एफ-16 लड़ाकू विमानों का स्क्वॉड्रन यहां से हटा कर इटली  ले जाने की योजना बना रही है. इसमें गैरिसन, सहयोगी क्रू और टेक्नीशियन भी शामिल हैं.

20 से ज्यादा लड़ाकू विमानों के इस स्क्वॉड्रन ने अमेरिकी एयरफोर्स और नाटो के दुनिया भर में सैन्य अभियानों को मदद दी है और यह इसे इस एयरबेस और यहां के 4000 सैनिकों का दिल कहा जाता है.

Stuttgart AFRICOM Regionalkommando der US-Armee für Afrika
तस्वीर: picture-alliance/dpa

सैनिकों को यहां से हटाने के कारण लोग हैरान हैं. रिश्तेदारों और परिजनों को मिला कर कुल 11हजार लोग यहां रहते हैं. सैन्य हवाईअड्डे पर करीब 800 जर्मन लोग भी काम करते हैं. इस स्क्वॉड्रन के अलावा यहां सिर्फ ट्रांसपोर्ट यूनिट ही है. स्क्वॉड्रन के हटने से कम से कम 2000 सैनिकों और उनके परिवार को भी यहां से जाना होगा.

स्थानीय म्युनिसिपल्टी स्पाइशर के मेयर मानफ्रेड रोडेंस का कहना है, "यह एक अकेला, अनुचित और समझ से परे फैसला है जो एक अनोखे इंसान ने लिया है." रोडेंस को यह फैसला समझ में नहीं आ रहा है. बीते 5-6 सालों में इस सैनिक अड्डे पर 40 करोड़ डॉलर का निवेश हुआ है. यहां डेंटल क्लीनिक, स्कूल, किंडर गार्टेन और फिटनेस सेंटर बनवाए गए हैं. हाल ही में हवाई पट्टी की लैंडिंग लाइट भी बदली गई है और अब यह यूरोप की सबसे आधुनिक लाइटिंग है. रोडेंस का कहना है कि अगर स्क्वॉड्रन का ट्रांसफर हो गया तो हवाई अड्डा थम जाएगा. हालांकि उन्होंने इसके साथ ही कहा, "यह हमेशा अमेरिकियों की सुरक्षा में दूसरे कामों के लिए तैयार रहेगा."

जर्मनी से अमेरिकी सैनिकों की वापसी की चर्चा एक साल से चल रही है. बहुत से लोगों को लग रहा था कि ट्रंप इस फैसले पर अमल नहीं करेंगे. हालांकि बुधवार को इस पर मुहर लग गई. जर्मनी में तैनात 36000 सैनिकों में से एक तिहाई की वापसी होनी है. हालांकि अभी वापसी की रूपरेखा तय नहीं हुई है.

Infografik US-Militärbasen in Deutschland EN

स्पांगडाहलेम के सैनिक शायद सबसे पहले यहां से रवाना होंगे. 20 विमानों के दस्ते का यहां से जाना तुलनात्मक रूप से आसान है क्योंकि इटली में पहले से ही बुनियादी ढांचा तैयार है. दक्षिणी जर्मन शहर श्टुटगार्ट से यूरोप और अफ्रीका के दो कमांड सेंटरों का ट्रांसफर होना है. हालांकि इसमें फिलहाल थोड़ी देर हो सकती है.

अफ्रीकी कमांड सेंटर के लिए अभी जगह तय नहीं हुई है और यूरोप कमांड सेंटर के लिए जगह बेल्जियम के मोंस में अभी बन रही है. श्टुटगार्ट वैसे भी अमीर शहर है इसलिए उसपर ज्यादा असर पड़ने की आशंका नहीं है. उसकी तुलना में आइफेल पर इसका ज्यादा असर होगा. कुछ लोग चिंता में हैं लेकिन ऐसे लोग भी कम नहीं हैं जो सैनिकों के जाने का स्वागत कर रहे हैं. श्टुटगार्ट में किराएदारों के संघ का कहना है कि इससे घरों की किल्लत से निपटने में सुविधा होगी. श्टुटगार्ट में फिलहाल 30,000 अपार्टमेंट की कमी है.

श्टुटगार्ट में नया अंडरग्राउंड ट्रेन स्टेशन बनाने के लिए करीब 80 हेक्टेयर के इलाके में जमीन खाली कराई गई है. इतनी जमीन पर 7500 फ्लैट बन सकते हैं. फिलहाल इससे भी बड़ा यानी करीब 180 हेक्टेयर का इलाका सेना के पास है. यह इलाका सिटी सेंटर के अधिकार में नहीं है. लेकिन अगर यह खाली हो गया तो शहर प्रशासन इसे अपने इस्तेमाल में ले सकता है.

Deutschland 2010 | US-Kampflugzeug vom Typ F-16 Falcon
तस्वीर: picture-alliance/dpa/B. Roessler

सैनिकों के एक और ठिकाने बावेरिया के विलसेक में रिहाइश की समस्या नहीं है. यहां रहने वाले 5,500 सैनिक और उनके 9000 परिजनों के चलने जाने के बाद इस शहर की जीवनशैली बहुत बदल जाएगी. सैनिकों के निकलने के बाद यहां की आबादी घट कर महज 6000 होगी. सैनिक और उनके परिवारवाले यहां की स्थानीय दुकानों में खरीदारी करते हैं और बहुत से स्थानीय लोग सेना के लिए काम भी करते हैं. बीते दशकों में इनके बीच बहुत सारी दोस्ती और शादियां भी हुई हैं. उन सब के बिखरने की आशंका है.

यहां भी बीते सालों में बुनियादी ढांचे के विकास पर बहुत पैसा निवेश किया गया है. इनमें बहुत सारा काम तो अभी पूरा नहीं हुआ है. यहां के मिलिट्री ट्रेनिंग ग्राउंड से स्थानीय अर्थव्यवस्था में हर साल 70 करोड़ यूरो की रकम जाती है. इसी तरह टाउनहॉल के सामने मौजूद एक ट्रैवल एजेंसी अमेरिका यात्रा की विशेषज्ञ है. सैनिक चले गए तो उनका काम भी बंद हो जाएगा.

एनआर/एके(डीपीए)

__________________________

हमसे जुड़ें: Facebook | Twitter | YouTube | GooglePlay | AppStore

इस विषय पर और जानकारी को स्किप करें

इस विषय पर और जानकारी