अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के अहम मुद्दे
8 नवंबर को कौन अमेरिका के नया राष्ट्रपति चुना जाता है, यह कुछ महत्वपूर्ण मुद्दों पर अमेरिकी जनता का मत ही तय करेगा. अभी उम्मीदवारों के चयन की प्रक्रिया चल रही है. ये हैं वे मुद्दे जो इस अभियान में प्रमुख हैं...
हेल्थकेयर सुधार
सभी नागरिकों को स्वास्थ्य सुविधाओं के दायरे में लाने के लिए राष्ट्रपति ओबामा के अफोर्डेबेल केयर एक्ट में सुधार कर स्वास्थ्य बीमा कराना सबके लिए अनिवार्य किया गया. जहां डेमोक्रेट इस 'ओबामाकेयर' के नाम पर समर्थन जुटाने की कोशिश कर रहे हैं, वहीं रिपब्लिकन नेता सत्ता में आते ही इसे हटाना चाहते हैं.
आतंकवाद
अरबपति डोनाल्ड ट्रंप जैसे रिपब्लिकन उम्मीदवार अमेरिकी जनता से आतंकवाद के खिलाफ बेहद कड़ा रुख अपनाने का वादा कर रहे हैं. वहीं वे डेमोक्रेट ओबामा की आतंकरोधी नीति को कमजोर बता रहे हैं. ट्रंप तो मुसलमानों के अमेरिका में प्रवेश पर रोक लगाने तक की बात कह चुके हैं.
आप्रवासन
ट्रंप अमेरिका और मेक्सिको की सीमा पर ऊंची दीवार बनवाना चाहते हैं ताकि मेक्सिको सीमा से अवैध रूप से अमेरिका में प्रवेश करने वालों को रोका जा सके. वहीं दूसरे उम्मीदवार बिना कागजात के अमेरिका में रहने वाले 1 करोड़ से अधिक आप्रवासियों के लिए नया आप्रवासन कानून बनाना चाहते हैं.
गन कंट्रोल
हाल के सालों में लगातार सामने आई सामूहिक हत्या की घटनाओं से बंदूकों पर नियंत्रण की बात फिर निकली है. अपने दूसरे कार्यकाल के अंतिम साल में ओबामा ने बंदूकों पर नियंत्रण के कानून को कड़ा करने की कोशिश की है. किसी व्यक्ति को बंदूक रखने से रोकने वाले किसी भी कानून के मुद्दे पर लोगों की राय बंटी हुई है.
गर्भपात
गर्भपात के अधिकार का मुद्दा पहले के चुनावों में भी निर्णायक रहा है. प्रो-लाइफ या प्रो-चॉइस - के खेमों में बंटे उम्मीदवार गर्भपात को बहुत संवेदनशील मुद्दा मानते हैं. रिपब्लिकन पार्टी के ज्यादातर समर्थक और रुढ़िवादी, धार्मिक अमेरिकी इसे पाप मानते हैं. वहीं एक बड़ा तबका महिला को गर्भपात का कानूनी अधिकार देने की मांग करता है.
सामाजिक न्याय
अमेरिका में सबसे अमीर एक प्रतिशत जनता के पास सबसे गरीब 90 फीसदी लोगों के बराबर धन है. अमीर-गरीब के बीच इतनी गहरी खाई के कारण अमेरिका में यूरोप की तर्ज पर सोशल वेलफेयर सिस्टम बनने की कम ही संभावना है. लेकिन डेमोक्रैट बर्नी सैंडर्स जैसे कुछ उम्मीदवार धन और आमदनी के समुचित बंटवारे के मुद्दे को बढ़ चढ़ कर उठा रहे हैं.