अमेरिकी चर्च के कुख्यात पादरी की मौत
२० दिसम्बर २०१७86 साल के कार्डिनल बर्नार्ड लॉ की बुधवार सुबह वैटिकन में मौत हो गई. वह बीमार थे और उन्हें रोम के अस्पताल में भर्ती कराया गया था. एक समय था जब लॉ अमेरिकी चर्चों के सबसे अहम बिशप में एक थे. उन्होंने अमेरिकी पादरियों के इलाके तय करने में अहम भूमिका निभाई. इसके साथ ही देश के बिशपों के लिए प्राथमिकताएं भी तय कीं जिन्हें पोप जॉन पॉल द्वितीय ने मंजूर किया.
जनवरी 2002 में बोस्टन ग्लोब ने रिपोर्टों की एक सीरीज शुरू की जिसमें चर्च के रिकॉर्ड का इस्तेमाल कर बताया गया कि बर्नार्ड लॉ ने कई बालशोषक पादरियों का पुलिस और बच्चों के मां बाप को जानकारी दिये बिना तबादला किया था. कुछ ही महीनों के भीतर देश के कैथोलिक समुदाय के लोगों ने मांग शुरू कर दी कि क्या उनके बिशप ने भी ऐसा ही किया है. बर्नार्ड लॉ ने विवाद को बढ़ने से रोकने के लिए पहले तो इस मामले में प्रतिक्रिया देने से इनकार किया फिर बाद में माफी मांगी और सुधार करने का वादा किया. हालांकि उसके बाद चर्ज के हजारों दस्तावेज सामने आए जिनसे नए नए मामलों का पता चला जिसके मुताबिक लॉ और दूसरे लोगों ने पीड़ितों की बजाय आरोपियों के हितों का ख्याल रखा था. विवाद जब ज्यादा बढ़ गया और लोग ने पादरियों के खिलाफ गुस्सा दिखाना शुरू किया तो बर्नार्ड लॉ ने इस्तीफा देने का प्रस्ताव रखा जिसे पोप ने स्वीकार कर लिया.
चर्च और बर्नार्ड लॉ दोनों के लिए यह एक अप्रत्याशित घटना थी जिसने लोगों के बढ़ते दबाव को कम करने की कोशिश की लेकिन संकट इतना बड़ा था कि सिर्फ इतने भर से इसे हल नहीं किया जा सकता था. 1950 से लेकर अब तक 6,500 से ज्यादा या फिर यूं कहें कि अमेरिका के 6 फीसदी पादरियों पर बच्चों के साथ दुर्व्यवहार करने के आरोप लगे. अमेरिकी चर्च ने 3 अरब डॉलर से ज्यादा की रकम पीड़ितों के साथ मामले को सुलझाने में खर्च की. ये आंकड़े अमेरिकी बिशपों की तरफ से कराई गयी एक रिसर्च और मीडिया रिपोर्ट के हैं.वरिष्ठ कैथोलिक धर्मगुरू पर लगे यौन अपराध के आरोप
इस विवाद के केंद्र में रहे बर्नार्ड लॉ पूरे जीवन के लिए बच्चों का शोषण रोकने में नाकाम रहने वाले चर्च का प्रतीक बन गए. हालांकि उसके बाद भी उन्हें वैटिकन का सहयोग मिलता रहा. 2004 में उन्हें रोम के चार प्रमुख गिरजाघरों में से एक बैसिलिका ऑफ सेंट मैरी मेजर का प्रमुख पादरी नियुक्त किया गया. इसके अगले साल जब पोप जॉन पॉल द्वितीय की मृत्यु हो गई तो उन्हें सेंट पीटर्स बैसिलिका के मेमोरियल मास की अध्यक्षता करने का मौका मिला. बर्नार्ड लॉ कई सालों तक वैटिकन की प्रमुख नीति निर्धारक कमेटी में भी रहे. इसमें वह कमेटी भी शामिल है जो पोप की नियुक्ति करती है. पीड़ितों की बात करने वाले कहते हैं कि बर्नार्ड लॉ की नियुक्तियां इस बात का संकेत हैं कि चर्च के अधिकारियों ने बच्चों के शोषण की कोई परवाह नहीं की.
एनआर/एके (एपी)