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अमेरिका को सजा देगा उत्तर कोरिया

११ सितम्बर २०१७

उत्तर कोरिया ने अमेरिका को चेतावनी दी है कि उत्तर कोरिया के खिलाफ प्रतिबंध लगाने की कोशिशों का नेतृत्व करने की अमेरिका को कीमत चुकानी पड़ेगी. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सोमवार को इस पर फैसला करने वाला है.

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Nordkorea Kim Jong Un Armee Offiziere
तस्वीर: Reuters/KCNA

अमेरिका उत्तर कोरिया पर नये प्रतिबंध लगाने का मसौदा तैयार कर चुका है और सुरक्षा परिषद में सोमवार को ही इस पर वोटिंग होने वाली है. अमेरिकी प्रस्ताव में उत्तर कोरिया पर तेल इम्बार्गो, कपड़े जैसी चीजों के निर्यात को रोकने और किम उन जोंग पर वित्तीय और यात्रा की पाबंदियां लगाने की तैयारी में है. अमेरिका ने चीन और रूस को ध्यान में रखते हुए प्रतिबंधों की सूची से किम उन जोंग को ब्लैकलिस्ट करने और तेल और गैस पर रोक लगाने जैसे कदमों को बाहर कर चुका है. रूस और चीन के पास वीटो पावर है और इनमें से कोई इन प्रतिबंधों को लगाये जाने से रोक सकता है.

उत्तर कोरिया ने अमेरिका को संयुक्त राष्ट्र से प्रतिबंध लगाने की कोशिशों के खिलाफ चेतावनी दी है. उत्तर कोरियाई विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा है कि परमाणु परीक्षण उसके लिए "वैध सुरक्षा उपाय" हैं लेकिन इनके खिलाफ अमेरिका सुरक्षा परिषद से प्रतिबंध लगवाने के लिए "पागल" हो गया है. उत्तर कोरिया की सरकारी समाचार एजेंसी केसीएनए के मुताबिक प्रवक्ता का कहना है, "अगर अमेरिका उसके खिलाफ अवैध और गैराकानूनी तरीके से कठोर प्रतिबंध लगाता है तो डीपीआरके ये साफ तौर पर बता देना चाहता है कि तब उसे इसकी उपयुक्त कीमत चुकानी पड़ेगी."

उत्तर कोरियाई प्रवक्ता इतने पर ही नहीं रुके उन्होंने ये भी कहा, "दुनिया इस बात का गवाह बनेगी कि कैसे डीपीआरके अमेरिकी गुंडों को अपने ऐसे उपायों के जरिये काबू में करता है, जिनकी उन्होंने कभी कल्पना भी नहीं की होगी."

प्रवक्ता का कहना है कि उत्तर कोरिया ने बेहद शक्तिशाली थर्मो न्यूक्लियर हथियार बना लिये हैं और इनके जरिये वह अमेरिका की चुनौतियों और कोरियाई प्रायद्वीप में परमाणु युद्ध के खतरों को खत्म करना चाहता है.

ताजा परमाणु परीक्षणों की वजह से पूरी दुनिया ने उत्तर कोरिया की निंदा की है लेकिन कोरियाई शासक पर इसका कोई असर नहीं है. उत्तर कोरिया से चल रही तनातानी के कारण पूरी दुनिया में लोग आशंकित हैं. इस सप्ताहांत में भी आशंका थी की उत्तर कोरिया अपने स्थापना दिवस के मौके पर मिसाइल का परीक्षण करेगा लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ. इस बीच दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जेई इन ने पिछले हफ्ते रूस की यात्रा के दौरान कहा कि इस वक्त उत्तर कोरिया को तेल की सप्लाई रोकना निश्चित है ताकि उसे बातचीत की टेबल पर लाया जा सके. दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति ने रूसी राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन से समर्थन मांगा है. हालांकि पुतिन इस बात पर दृढ़ हैं कि तेल प्रतिबंध से उत्तर कोरिया के लोगों पर बुरा असर हो सकता है. 

उत्तर कोरिया पर प्रतिबंध से जुड़े अमेरिकी मसौदे पर सोमवार को वोट डाला जाना है, अगर यह मसौदा पारित हो जाता है तो उत्तर कोरिया को अब तक के सबसे कड़े प्रतिबंध झेलने पड़ सकते हैं.

 

हालांकि अब तक यह साफ नहीं है कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में वीटो शक्तिधारक देश रूस और चीन इन प्रतिबंधों का समर्थन करेंगे या नहीं. इसे मसौदे को पारित होने के लिये नौ वोट की आवश्यकता होगी और जरूरी होगा कि इसके खिलाफ अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, रूस और चीन अपने वीटो का इस्तेमाल न करें. फिछले हफ्ते अमेरिका ने यह मसौदा तैयार किया था. इन प्रतिबंधों पर रूस के राष्ट्रपति पुतिन और चीन पहले ही आंशकायें व्यक्त कर चुके हैं. चीन पहले भी अमेरिकी प्रतिबंधों का समर्थन करने से हिचकता आया है. चीन का कहना है कि उत्तर कोरिया से निबटने के लिए कूटनीतिक उपाय करने की जरूरत है. पिछले हफ्ते एक इंटरव्यू में जर्मनी की चांसलर अंगेला मैर्केल ने उत्तर कोरियाई संकट से निपटने को लेकर कूटनीतिक प्रयासों पर बल देने की बात कही थी.

एए/एनआर (रॉयटर्स, एपी)