अमेरिका की प्रयोगशाला में हैं 15,000 से अधिक स्याही के नमूने
९ जुलाई २०१९वाशिंगटन शहर में एक प्रयोगशाला के अंदर कैबिनेट में प्लास्टिक की बोतलों और छोटे कांच के जार में स्याही के नमूने रखे हुए हैं. जो इसके बारे में नहीं जानते हैं या जिन्होंने इसे कभी नहीं देखा है, उनके लिए यह "मॉल्डी स्पंज" या "ग्रीन ग्रास" जैसे अजीब नामों वाला तरल पदार्थ का संग्रह है. लेकिन अमेरिकी सीक्रेट सर्विस के एजेंटों के लिए, जो नमूनों का उपयोग करते हैं, ये ऐसे सुराग हैं जो राष्ट्रपति को हत्या के प्रयास से बचा सकते हैं या स्नाइपर की पहचान कर सकते हैं.
लैब की इंक लाईब्रेरी में पेन, मार्कर और प्रिंटर स्याही के 15,000 से अधिक नमूने हैं, जो 1920 के दशक से हैं. इस संग्रह के पीछे एक आदमी का हाथ है, जिनका नाम अंटोनियो कांटू है. अंटोनियो कांटू सीक्रेट सर्विस के प्रसिद्ध इंवेस्टिगेटर और चीफ केमिस्ट थे जिन्होंने 1960 के दशक में नमूने इकट्ठा करना शुरू किया था. पिछले साल कांटू की मृत्यु हो गई थी. इसके बाद सीक्रेट सर्विस ने हाल ही में प्रयोगशाला को उनके सम्मान में समर्पित कर दिया. सीक्रेट सर्विस न केवल राष्ट्रपति बल्कि अन्य हाई-प्रोफाइल अधिकारियों की भी सुरक्षा करती है. पुस्तकालय में धमकी भरे पत्र और जाली दस्तावेज, फिरौती के पत्र और स्मृति चिह्न हैं.
कांटू के साथ दो दशक से ज्यादा समय तक काम करने वाले फोरेंसिक विश्लेषक स्कॉट वाल्टर्स कहते हैं, "लगभग 15 साल पहले हमने सुनना शुरू किया, 'ओह, यह (लिखावट) समाप्त होने वाला है, हर कोई कंप्यूटर का उपयोग कर रहा है,' लेकिन यह सच नहीं है. लिखावट, लिखित दस्तावेज है और यह अभी भी जांच का एक बड़ा हिस्सा है."
कांटू ने इंक डेटिंग का रास्ता दिखाया, जिसमें वैज्ञानिक यह निर्धारित करते हैं कि स्याही को पहली बार आम लोगों के लिए कब उपलब्ध कराया गया था. उदाहरण के लिए, जब हाल ही में अब्राहम लिंकन द्वारा लिखे गए एक पत्र के बारे में सवाल उठा तो प्रयोगशाला के वैज्ञानिक यह जांच करने की हालत में थे कि स्याही 1800 की है या 1900 के दशक की.
सीक्रेट सर्विस के प्रश्नों वाले दस्तावेज की शाखाओं में से लैब एक है, जो हस्तलेखन विश्लेषण और दस्तावेज प्रमाणीकरण का भी काम करता है. यह एक वर्ष में 500 से ज्यादा मामलों को देखता है. यह ब्रांच सीक्रेट सर्विस इंवेस्टिगेशन, जालसाजी और धोखाधड़ी की जांच के लिए काम करती है. देश और दुनिया भर में कानून प्रवर्तन एजेंसियों की मदद करती है
यह लैब कई मामलों को संभालता है. उदाहरण के तौर पर, एक मामला न्यूयॉर्क सिटी का है, जहां क्रॉसिंग गार्ड ने एक दर्जन नस्लवादी और आक्रामक पत्र पुलिस अधिकारियों तथा एक रिपोर्टर को दिए थे. मामले का खुलासा होने पर अदालत के दस्तावेजों से पता चला कि गार्ड एक मामूली झगड़े को दूसरा रूप देने की कोशिश कर रहा था. इसी तरह वर्ष 2002 में वाशिंगटन डीसी में स्नाइपर शूटिंग की घटना में 10 लोग मारे गए थे. इस घटना में शूटर टैरो कार्ड छोड़ गए थे. इसमें एक कार्ड पर लिखा था, 'मुझे बुलाओ भगवान'. कांटू और उनकी टीम ने नमूनों का विश्लेषण किया और मामले को सुलझाने में मदद की थी.
लैब की डाइरेक्टर केली लुइस का कहना है कि लैब के कर्मचारी लगातार इंक के नए सैंपल जमा कर रहे हैं, हर नए मामले से जानकारी इकट्ठा कर रहे हैं और आधुनिक अपराधियों को पकड़ने की तकनीक विकसित कर रहे हैं. उन्होंने बताया, "जैसे जैसे डिजीटाइजेशन की प्रक्रिया आगे बढ़ रही है, लोग घरों में कंप्यूटर पर नोट छाप रहे हैं." नतीजतन लैब को और बेहतर बनाया जा रहा है, नए इंक, लेखनी और मार्कर के नमूनों के साथ.
आरआर/एमजे (एपी)
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