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अमेरिका और ईरान ने दिए अपने झगड़े को आगे ना बढ़ाने के संकेत

९ जनवरी २०२०

युद्ध की आशंकाओं के बीच ईरान और अमेरिका दोनों ही पीछे हटने के संकेत दे रहे हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने अपने रूख को थोड़ा नर्म किया है.

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Golf Iran Soleimani
तस्वीर: picture-alliance/AP Photo/V. Salemi

ईरान के इराक में अमेरिकी सैन्य अड्डे पर हमले के घंटों बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने अपने रूख को थोड़ा नर्म करते हुए कहा कि ऐसा लगता है कि ईरान पीछे हटने के संकेत दे रहा है. ट्रंप ने कहा कि ईरान के हमले में कोई भी अमेरिकी मारा नहीं गया और ना ही घायल हुआ और सैन्य अड्डे को भी मामूली नुकसान ही हुआ. उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका को पलटवार करने की जरूरत नहीं है.

ट्रंप ने कहा, "हमारे पास एक महान सेना और सैन्य उपकरण हैं, पर इसका यह मतलब नहीं है कि हम उसका इस्तेमाल करें ही. हम उसका इस्तेमाल नहीं करना चाहते हैं."हालांकि उन्होंने यह घोषणा की कि "ईरान के आक्रमण" के खिलाफ अमेरिका "ईरानी हुकूमत पर तुरंत अतिरिक्त आर्थिक प्रतिबंध लागू करेगा."

ईरान के सर्वोच्च नेता अयातोल्लाह अली खामेनेई ने "अमेरिका को मौत दो" का नारा लगाते हुए कुछ ईरानियों को संबोधित करते हुए कहा कि मिसाइल हमले अमेरिका के "मुंह पर एक तमाचा" थे और अमेरिकी सैनिकों को ये इलाका छोड़ कर चले जाना चाहिए. विदेश मंत्री मोहम्मद जवाद जरीफ ने भी कहा था कि ईरान युद्ध या इस मामले को और बढ़ाना नहीं चाहता है. लेकिन अमेरिका के जॉइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ के अध्यक्ष और अमेरिकी सेना के जनरल मार्क मिली ने कहा कि उन्हें और सेना में उनके सहकर्मियों को पूरी उम्मीद है कि इराक में मौजूद ईरान की मदद पाने वाले शिया मिलिशिया समूह इराक और सीरिया में अमेरिका के नेतृत्व वाले सैनिकों पर हमला जरूर करेंगे. 

USA Washington Weißes Haus | Donald Trump, Präsident | Statement Iran
तस्वीर: Getty Images/C. Somodevilla

इसी बीच इराकी सेना ने कहा कि आठ जनवरी की रात बगदाद के भारी सुरक्षा वाले ग्रीन जोन में दो राकेट गिराए गए. इस हमले में किसी के भी मारे जाने की कोई खबर अभी तक नहीं है. किसी ने अभी तक इस हमले की जिम्मेदारी भी नहीं ली है. अमेरिकी राजदूत केली क्राफ्ट ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को एक चिट्ठी लिखकर कहा है कि ईरान के जनरल कासिम सुलेमानी को आत्मरक्षा के लिए मारा गया और शांति और सुरक्षा बनाये रखने के लिए अमेरिका "बिना किसी शर्त ईरान के साथ गंभीर बातचीत के लिए तैयार" है.

उधर अमेरिका में, डेमोक्रैट सांसदों और रिपब्लिकन पार्टी के कुछ सदस्यों ने कहा कि गोपनीय ब्रीफिंग में ट्रंप प्रशासन राष्ट्रपति के इस दावे के समर्थन में कोई भी प्रमाण नहीं दे पाया कि सुलेमानी अमेरिका के लिए इस वक्त एक खतरा थे. हाउस ऑफ रेप्रेजेंटेटिव्स की स्पीकर नैन्सी पेलोसी ने कहा कि सदन में राष्ट्रपति ट्रंप की ईरान के खिलाफ सैन्य कार्रवाई को सीमित रखने के लिए एक प्रस्ताव पर मतदान कराया जाएगा.

सीके/आरपी (रायटर्स)

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