अमीर जर्मनी के फटेहाल बेरोजगार
३० जनवरी २०१९जर्मनी में बेरोजगारों की एक तिहाई आबादी बुरी गरीबी में घिरी है. लेफ्ट पार्टी के सवाल पर जवाब देते हुए संघीय सांख्यिकीय ऑफिस ने इससे जुड़े आंकड़े दिए हैं. आंकड़ों के मुताबिक जर्मनी में 30.3 फीसदी बेरोजगारों के पास इतने पैसे नहीं होते कि वे हर रोज पौष्टिक भोजन ले सकें.
16 साल से ज्यादा उम्र के ऐसे लोगों की संख्या 51 लाख 40 हजार है. यह जर्मन आबादी का 7.5 फीसदी हिस्सा है. जर्मनी की जनसंख्या 8.24 करोड़ है. बेरोजगारों की तंगहाली का यह डाटा 2017 के यूरोपीय संघ के एक सर्वे से लिया गया है. सर्वे में आमदनी, सामाजिक समावेश और जीवन की परिस्थितियों को आधार बनाया गया था.
सर्वे में यह भी पता चला कि 16 साल से ज्यादा उम्र के एक तिहाई जर्मन अचानक 1,000 यूरो का खर्च भी बर्दाश्त नहीं कर सकते. आम तौर पर कार की मरम्मत कराने या नई वॉशिंग मशीन खरीदने जैसी जरूरतें पूरी करना उनकी सीमा के बाहर होता है. लेफ्ट पार्टी की सामाजिक नीतियों की नेता साबिने जिमरमन ने नॉय ऑसनाब्रुक साइंटुग अखबार से बात करते हुए कहा, "जर्मनी में गरीबी कोई दुलर्भ मामला नहीं है, ये आबादी के बीच पसरी हुई है."
यह आंकड़े दावोस में हुए वर्ल्ड इकोनोमिक फोरम के बाद आए हैं. बीते एक दशक से वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम में हमेशा अमीरी और गरीबी के बढ़ते फासले पर चिंता जताई जाती है. हाल ही में आई ऑक्सफैम की रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया में 26 अमीरों के पास 3.8 अरब लोगों के बराबर संपत्ति है. 2018 में दुनिया भर में 2,200 अरबपतियों की संपत्ति 900 अरब डॉलर बढ़ी. वहीं आधी गरीब आबादी की कुल संपत्ति में 11 फीसदी की कमी आई.
(गरीबी से जूझते अमीर देशों के बच्चे)
रिपोर्ट: चेज विंटर/ओएसजे