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अब शांति है कोलंबिया के उन इलाकों में जहां बंदूक की दहशत थी

२ अगस्त २०१९

कोलंबिया के जंगलों में कभी बंदूकों का शोर गूंजता था, वहां के लोग जान बचाने के लिए भाग खड़े हुए थे. आज वे फिर से वापस लौट रहे हैं और पशुओं और पपीतों की मदद से इलाके में दशकों के युद्ध के बाद फिर से शांति लाने में लगे हैं.

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Kolumbien Farc l Lokale Bauern - der Frieden hat für indigene und afrokolumbianische Minderheiten wenig verändert
तस्वीर: Getty Images/AFP/J. Sarmiento

अठारह साल रहे हथियारबंद लोगों ने हेनरी ब्रिटो के हरे भरे गांव पर हमला किया था. लोगों को जो कुछ भी हाथ में आया उसे लेकर भाग लिए. गांव खाली हो गया. 2012 में लुई अमाया को इलाके में भारी गोलीबारी के कारण अपने जानवरों को छोड़कर भागना पड़ा. दो साल बाद सोफिया फर्नांडिस भी रात के अंधेरे में अपना घर छोड़कर भागीं क्योंकि दो गुटों ने उनके खलिहान को युद्ध का मैदान बना दिया था. तीन साल पहले वे सब अपने अपने घरों में वापस लौट गए हैं. और अब सेरानिया डेल पेरिखा पहाड़ी श्रृंखला के बीच में स्थित पहाड़ और घाटियां एक छोटे से समुदाय का बसेरा है जो खेती करने के अलावा खेती से जुड़े व्यवसाय चलाते हैं.

ये गतिविधियां इलाके में शांति का सूत्रधार बन गई हैं. इलाके को छोड़ना सबको रास नहीं आया था. फर्नांडिस कहती हैं, "हम गांव में रहने वाले लोग हैं. हमें शहर पसंद नहीं. ये दूसरी दुनिया है. इसलिए हमने वापस लौटने का फैसला किया, भले ही हमें कितनी भी तकलीफ हो." कोलंबिया की सरकार और वामपंथी गुरिल्ला संगठन फार्क विद्रोहियों के बीच पचास साल की लड़ाई के बाद 2016 में हुए शांति समझौते की वजह से उन्हें गांव वापस लौटने का साहस मिला. लेकिन शुरुआत बहुत मुश्किल थी और सुरक्षा स्वाभाविक बात नहीं थी. अब उन्हें उम्मीद है कि समझौते के तहत तय सरकार की महात्वाकांक्षी विकास योजनाओं से उन्हें  फायदा मिलेगा. उनका कहना है कि शुरुआती संकेत उत्साह बढ़ाने वाले हैं.

Kolumbien Farc l Substitution von Nutzpflanzen nach der Unterzeichnung der Friedensabkommen
तस्वीर: Getty Images/AFP/L. Robayo

पशु, पपीता और गोल मिर्च

सरकारी विकास परियोजना के एक प्रमुख कार्यक्रम पीडीईटी के तहत फर्नांडिस और उनकी बहन मुर्गी पालन करती हैं हर रोज 1,000 अंडों का उत्पादन करती हैं. इन्हें वे बीस किलोमीटर दूर स्थिति फोन्सेका के सुपर बाजारों में बेचती हैं. अमाया और तीन अन्य ग्रामवासियों ने एक पशुपालन कोऑपेरेटिव बनाया है. ब्रिटो ने खेती शुरू की है और वह छह अन्य किसानों के साथ मिलकर पपीते और काली मिर्च बेचता है. सबके पास एक एकड़ जमीन है. एक नए युग में पुराने तरह की खेती हो रही है.

पुनर्वास के क्षेत्र में काम करने वाले विशेषज्ञों का कहना है कि यह लंबे समय से हथियारबंद विवादों का सामना कर रहे दूसरे देशों के लिए भी मॉडल हो सकता है. भारी गरीबी, गहरी असामनताओं को कम कर शांति को मजबूती प्रदान कर सकता है और युद्ध की विभीषिका झेल चुके इलाके को फिर से समृद्ध बना सकता है. परियोजनाओं का लक्ष्य दूरदराज के गांव और वहां के लोग हैं ताकि वे छोटे छोटे और किफायती कार्यक्रमों की मदद से सामान्य जीवन की ओर वापस लौट सकें. संयुक्त राष्ट्र की संस्थाओं ने शुरू में गांववालों की मदद की है.

अपने 400 पपीते के पेड़ों के बीच खड़े 60 वर्षीय ब्रिटो कहते हैं, "जब हम ये काम अकेले करते थे तो कई मुश्किलें थीं. पहला संघर्ष था अच्छे बीज, औजार और खाद पाना क्योंकि हमारे पास पर्याप्त धन नहीं था. संयुक्त राष्ट्र खाद्य संगठन ने बीज दिया, कूड़े से खाद बनाना और पौधों को कुछ कुछ समय बाद लगाना सिखाया ताकि साल भर फल मिलता रहे. ब्रिटो को अब नियमित आमदनी होती है. उनके कोऑपरेटिव में अब 55 लोग हैं. इसकी वजह से उनका होलसेलरों से करार हो गया जो सारी फसल खरीद लेते हैं.

Kolumbien Farc l Rebell reinigt seine Waffe in einem Lager
तस्वीर: picture alliance/AP Photo/F. Vergara

युद्ध और शांति

संयुक्त राष्ट्र के अनुसार कोलंबिया में 52 साल तक चले गृहयुद्ध में करीब 2,00,000 लोग मारे गए और 70 लाख लोग बेघर हो गए. इस विवाद के दौरान जिन इलाकों में विकास कार्य नहीं हुए हैं वहां ग्रामीण सुधारों की जरूरत है. विवादों को सुलझाने के काम में लगे थिंक टैंक इंटरनेशनल क्राइसिस ग्रुप का कहना है, "इन समुदायों में गहरी सामाजिक आर्थिक विषमताओं को दूरकर ही कोलंबिया हिंसा की विरासत से आगे बढ़ सकता है. सरकार के 10 वर्षीय विकास प्रोग्राम में युद्ध में बुरी तरह प्रभावित कुछ इलाके शामिल हैं.

इन कार्यक्रमों के तहत चल रहे 37 कृषि कारोबारों में मई के अंत तक करीब 3,400 लोग उत्पादन के काम में लगे थे और उनकी बिक्री 34 लाख डॉलर के बराबर थी. फिर भी ये बाल्टी में बूंद की तरह है. बड़ी चुनौतियां बनी हुई हैं, मसलन जमीन का असमान बंटवारा, जिसकी वजह से शुरू में फार्क का हथियारबंद आंदोलन शुरू हुआ था. बहुत से किसानों के पास उनके खेतों के पट्टे नहीं हैं, जिसकी वजह से उन्हें न कर्ज मिलता है और न ही सरकारी अनुदान. संसाधनों की कमी का मतलब इलाके में ढांचागत संरचना का भी अभाव है.

Kolumbien Farc l Substitution von Nutzpflanzen nach der Unterzeichnung der Friedensabkommen
तस्वीर: Getty Images/AFP/L. Robayo

खुशहाल मुर्गियां

खाद्य और कृषि संगठन की उप प्रतिनिधि मानुएला गोंजालेस बताती हैं, "एक और चुनौती ये है कि इन लोगों ने कभी सरकार की उपस्थिति नहीं देखी है." इसलिए इस इलाके में सुरक्षा का भी अभाव है. सरकारी आंकड़ों के अनुसार शाति संधि के बाद हुई हिंसा के कारण 210,000 लोग विस्थापित हुए हैं. सेना की एक आंतरिक रिपोर्ट के अनुसार हजारों भूतपूर्व विद्रोहियों ने आर्थिक मौकों के अभाव और हिंसा के कारण फिर से हथियार उठा लिए हैं.

इसके विपरीत क्वेबराचल कस्बे के आस पास के पहाड़ी इलाके में शांति और सुकून है. ये कहना है 41 वर्षीया अमाया का जिन्होंने अपने पशुओं के साथ बड़ी बड़ी योजनाएं बना रखी हैं. अगस्त में पहली बार इस फार्म के पशुओं को बेचा जाएगा. फर्नांडिस बहनें अपनी खुशहाल मुर्गियों से मिले 1000 अंडे रोज जमा करती हैं. उन्होंने अपने कारोबार की शुरुआत खा्दय व कृषि संगठन से तोहफे में मिली 150 मुर्गियों से की थी. अब उनके पास सात गुनी मुर्गियां हैं. फर्नांडिस कहती हैं, "इस प्रोजेक्ट ने जिंदगी के एक नए ढर्रे की शुरुआत की है. "

एमजे/आईबी (थॉमसन रॉयटर्स फाउंडेशन)

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