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अब मूर्तियां बनी राजनीतिक बदले का हथियार

प्रभाकर मणि तिवारी
७ मार्च २०१८

त्रिपुरा से शुरू हुई मूर्ति तोड़ने की राजनीति अब तेजी से देश के बाकी हिस्सों में भी फैल रही है. बुधवार को कोलकाता में श्यामा प्रसाद मुखर्जी की मूर्ति तोड़ कर उसके मुंह पर कालिख पोत दी गई.

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Westbengalen - Proteste gegen Vandalismus gegen Statue
तस्वीर: Prabhakar

इस मामले में छह लेफ्ट समथर्कों को गिरफ्तार किया गया है. तमिलनाडु में पेरियार की मूर्ति तोड़ने के आरोप में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है. इस बीच त्रिपुरा में लेनिन की एक और मूर्ति तोड़ दी गई है. दूसरी ओर, आज इस मुद्दे पर राज्यसभा में भारी हंगामा हुआ और सदन की कार्यवाही दो-दो बार स्थगित करनी पड़ी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस मुद्दे पर केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह से बात की है. उसके बाद गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों के लिए एडवायजरी जारी की है. बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने त्रिपुरा में मूर्ति तोड़ने की घटना पर नाराजगी जताते हुए कहा है कि इस मामले में पार्टी का कोई नेता शामिल हुआ तो कड़ी कारर्वाई की जाएगी.

Westbengalen - Proteste gegen Vandalismus gegen Statue
तस्वीर: Prabhakar

श्यामा प्रसाद मुखर्जी की मूर्ति तोड़ी

पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के घर के पास लेफ्ट समर्थकों ने जनसंघ के संस्थापक डा.श्यामा प्रसाद की मूर्ति के मुंह पर कालिख पोत दी और उसमें तोड़-फोड़ की. पुलिस ने इस मामले में जादवपुर विश्वविद्यालय के छह छात्रों को गिरफ्तार किया है. इन छात्रों ने कहा है कि त्रिपुरा में लेनिन की मूर्ति ढहाने का बदला लेने के लिए ही उन्होंने यह कार्रवाई की है.

तमाम राजनीतिक दलों ने इस घटना की निंदा की है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कल ही त्रिपुरा में लेनिन की मूर्ति ढहाने की घटना की निंदा करते हुए कहा था कि ऐसी घटनाएं बर्दाश्त नहीं की जाएंगी. श्यामा प्रसाद की मूर्ति के साथ तोड़-फोड़ के तुरंत बाद तृणमूल कांग्रेस संचालित कोलकाता नगर निगम ने मूर्ति पर लगी कालिख पोंछ कर उसकी मरम्मत का काम शुरू कर दिया. तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व बिजली मंत्री शोभनदेव ने कहा, "सरकार ऐसी घटना बर्दाश्त नहीं करेगी. हमने तुरंत मूर्ति की मरम्मत शुरू कर दी है. इस मामले के तमाम अभियुक्तों को भी गिरफ्तार कर लिया गया है." बीजेपी ने भी इस घटना की निंदा की है. प्रदेश बीजेपी के नेता सायंतन बसु ने कहा, " हम इस घटना की कड़ी निंदा करते हैं. अभियुक्तों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए."

मोदी राजनाथ में चर्चा

प्रधानमंत्री मोदी ने इन घटनाओं की कड़ी निंदा करते हुए इस मुद्दे पर आज गृह मंत्री राजनाथ सिंह से बात की और उनको इन मामलों में कड़ी कार्रवाई करने को कहा. उसके बाद गृह मंत्रालय हरकत में आया और तमाम राज्यों को एक एडवायजरी जारी की गई. इसमें राज्य सरकारों से मूर्ति तोड़ने की घटनाओं में शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने को कहा गया है. इसके अलावा उनको इस बात का ध्यान रखने को कहा गया है कि आगे ऐसी घटना नहीं हो.

Westbengalen - Proteste gegen Vandalismus gegen Statue
तस्वीर: Prabhakar

बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने इस मुद्दे पर आज लगातार कई ट्वीट किए. उन्होंने मूर्तियों के तोड़े जाने को दुभाग्यपूर्ण करार दिया है. शाह ने कहा, बीजेपी एक पार्टी के तौर पर किसी की भी मूर्ति तोड़े जाने का समर्थन नहीं करती. अमित शाह ने यह भी कहा कि मूर्ति तोड़ने की घटना में शामिल बीजेपी के लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

तमिलनाडु के वेल्लोर जिले में द्रविण आंदोलन के नेता पेरियार की मूर्ति के साथ भी तोड़-फोड़ की गई. उससे पहले बीजेपी के वरिष्ठ नेता एच.राजा ने अपने एक ट्वीट में कहा था, "लेनिन कौन हैं? भारत के साथ उनके क्या संबंध हैं? वामपंथियों के साथ भारत के क्या संबंध हैं? आज त्रिपुरा से लेनिन की मूर्ति हटाई गई. कल तमिलनाडु से आईवीआर रामास्वामी उर्फ पेरियार की मूर्ति हटाई जाएगी." उसके कुछ ही देर बाद पेरियार की मूर्ति के साथ तोड़-फोड़ हुई. हालांकि राजा ने अपना ट्वीट हटाते हुए माफी मांग ली है.

इस मामले में गिरफ्तार बीजेपी नेता आर.मुथुरमण को पार्टी से निकाल दिया गया है. दूसरी ओर, त्रिपुरा के सबरूम स्टेशन पर लगी लेनिन की एक और मूर्ति को भी ढहा दिया गया है.

Westbengalen - Proteste gegen Vandalismus gegen Statue
तस्वीर: Prabhakar

मूर्तियों को ढहाने का यह मामला आज राज्यसभा में भी गूंजा. लेफ्ट समेत पूरे विपक्ष ने इस पर जमकर हंगामा किया. इसकी वजह से सदन की कार्यवाही दो-दो बार स्थगित करनी पड़ी. सदन के अध्यक्ष वेंकैया नायडू को आखिर में कहना पड़ा कि मूर्ति तोड़ने की घटना पागलपन है. लेकिन सदन में यह हंगामा अच्छी बात नहीं है.

इस बीच, लेफ्टफ्रंट समर्थक लेनिन की मूर्ति ढहाने के विरोध में मंगलवार से ही कोलकाता में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. सीपीएम ने जहां एक विशाल जुलूस निकाल कर विरोध जताया वहीं एक अन्य वामपंथी संगठन सोशलिस्ट यूनिटी सेंटर आफ इंडिया (एसयूसीआई) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पुतला जला कर विरोध जताया.