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अब फेसबुक पर मिलेंगी फिल्में

९ मार्च २०११

सोशल नेट्वर्किंग वेबसाईट फेसबुक पर अब फिल्में भी मिला करेंगी. इन्हें खरीदने या किराए पर लेने के लिए पैसे की जरूरत नहीं होगी, बल्कि साईट पर गेम खेल कर या अन्य तरीकों से मिले अंकों के बदले में आप इन्हें देख सकेंगे.

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तस्वीर: picture alliance/dpa

वॉर्नर ब्रदर्स ने मंगलवार को कहा कि वो अपनी फिल्में फेसबुक पर उपलब्ध कराएंगे. इस तरह से पहली बार इस वेबसाइट पर 'वर्चुअल क्रेडिट' या अंकों की जगह फिल्में खरीदी जाएंगी. अब तक इन अंकों को गेम खेलने के लिए ही इस्तेमाल किया जाता रहा है. शुरुआत में यह फिल्में केवल अमेरिका में ही उपलब्ध होंगी. अंकों के बदले लोग फेसबुक पर ही फिल्म देख पाएंगे. फिल्मों की स्ट्रीमिंग उसी तरह होगी जैसे यूट्यूब पर होती है.

अभी इस बारे में और जानकारी नहीं मिली है कि वॉर्नर ब्रदर्स के बाद कोई दूसरे फिल्म स्टूडियो भी फेसबुक के साथ इस तरह के प्रोजेक्ट में हिस्सा लेंगे या नहीं. फेसबुक पर वॉर्नर ब्रदर्स के पेज पर पहली फिल्म 'द डार्क नाईट' अभी से मौजूद है. आने वाले महीनों में यहां और फिल्में देखी जाएंगी. 48 घंटों के लिए 30 फेसबुक क्रेडिट की जरूरत पड़ेगी. यह तीन डॉलर या 135 रूपए के बराबर है.

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तस्वीर: dpa

लोकप्रिय नहीं है 'पे पर व्यू' सर्विस

वॉर्नर ब्रदर्स के एक प्रवक्ता ने बताया कि यह कदम फेसबुक के साथ साझेदारी से नहीं लिया गया है, बल्कि वॉर्नर ब्रदर्स ने खुद एक फेसबुक एप्लीकेशन की मदद से इसे बनाया है. फेसबुक ने ईमेल के जरिए जारी एक बयान में कहा, "हम ऐसे लोगों का स्वागत करते हैं जो क्रेडिट्स को रोमांचक तरीकों से इस्तेमाल करना चाहते हैं. हम यह जानने के लिए उत्सुक हैं कि लोग इनसे क्या क्या कर पाएंगे."

गोल्डमैन सैक्स के विश्लेषक इंग्रिड चुंग ने कहा कि इसमें सबसे बड़ा खतरा 'नेटफ्लिक्स इन्क्लूसिव' को होगा जो इंटरनेट के जरिए लोगों को फिल्में किराए पर देती है. चुंग ने कहा कि फेसबुक पर लोगों के दोस्तों से जुड़े होना का असर फिल्मों की बिक्री पर पड़ेगा, "लोग क्या पसंद करते हैं, इससे ज्यादा असर इस बात का पड़ता है कि दोस्त क्या पसंद करते हैं." इस घोषणा के बाद मंगलवार दोपहर नेटफ्लिक्स के शेयर 5.8 प्रतिशत से नीचे गिरे. हालांकि 'लेजार्ड कैपिटल मार्केट्स' के विश्लेषक बार्टन क्रोकेट ने कहा कि इस तरह के कदम से कोई खास फर्क नहीं पड़ेगा. निवेशकों को भेजी एक चिट्ठी में उन्होंने कहा है कि पे पर व्यू र्विस इंटरनेट पर उतनी लोकप्रिय नहीं है जितनी सब्सक्रिप्शन पर आधारित सर्विस.

रिपोर्ट: एजेंसियां/ईशा भाटिया

संपादन: एमजी

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