1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

अब आएगी मुन्ना भाई की आत्मकथा

१० फ़रवरी २०१२

बॉलीवुड के खलनायक संजय दत्त अपनी जीवनी लिखने के लिए बेताब हैं. उनके जीवन के उतार चढ़ाव को देखते हुए इस बात में कोई शक नहीं कि गांधीगिरी करने वाले खलनायक की आत्मकथा बेहद चटपटी होगी.

https://p.dw.com/p/141S9
तस्वीर: Eros International

संजय दत्त का जीवन हमेशा की सुर्खियों में रहा है. कभी ड्रग्स का सेवन, कभी आतंकवादियों से संबंध तो कभी उनकी शादी की दिक्कतें. संजय दत्त की जिंदगी में हमेशा कई उतार चढ़ाव आते रहे हैं. यह पूछे जाने पर कि क्या वह अपने जीवन को कभी किताब की शक्ल देंगे उन्होंने कहा, "जी बिलकुल, मैं यह करना बेहद पसंद करूंगा. मैंने इस बारे में सोचा भी है. लेकिन यह एक बहुत बड़ा काम है. और इसके लिए आपको अपने इर्द गिर्द सही लोगों की जरूरत है, भले ही वह लेखक हो या संपादक या फिर प्रकाशक. अगर यह काम हो जाए तो बात ही क्या होगी."

संजू बाबा को इस बात का भी यकीन है कि अगर उनकी जीवनी छपी तो वह लोगों में काफी लोकप्रिय रहेगी क्योंकि उनके अनुसार उनकी कुंडली में शनि महाराज उनसे बहुत खुश हैं.

शादी की दिक्कतें

1986 में संजय दत्त ने ऋचा शर्मा से शादी की. दो साल बाद ही ऋचा की ब्रेन ट्यूमर होने के कारण जान चली गई. फिर 1998 में उन्होंने मॉडल रेहा पिल्लै से शादी की, लेकिन यह शादी भी ज्यादा नहीं चल पाई. 2005 में उनका तलाक हो गया. इसके बाद उन्होंने आइटम गर्ल रह चुकी मान्यता से शादी की. संजय की बहन और कांग्रेस सांसद प्रिया दत्त इस शादी से दूर ही रहीं. कई लोगों की इस बात पर नजरें लगी हैं कि क्या संजय और ऋचा की बेटी त्रिशला भी अन्य सिलेब्रिटी बच्चों की तरह इंडस्ट्री में कदम रखेंगी.

Bollywoodstar Sanjay Dutt hat geheiratet
तस्वीर: picture-alliance/dpa

खलनायक की गांधीगिरी

हाल में आई फिल्म अग्निपथ में लोगों ने संजू का नया लुक काफी पसंद किया. सुर्खियां बटोरना तो उन्होंने करियर की शुरुआत में ही शुरू कर दिया था. 1981 में उन्होंने फिल्म 'रॉकी' के साथ बॉलीवुड में कदम रखा. फिल्म सुपरहिट रही और लोगों ने संजू को खूब सराहा. 1982 में उन्हें ड्रग्स रखने के आरोप में गिरफ्तार किया गया. इस सिलसिले में उन्हें पांच महीने जेल में भी बिताने पड़े. संजू के पिता सुनील दत्त ने उन्हें अमेरिका भेजा ताकि वह टेक्सास के रिहैब में रह कर ड्रग्स की लत से छुटकारा पा सकें. इसके बाद 1993 में हुए मुंबई बम धमाकों के साथ भी उनका नाम जुड़ा. लेकिन मुन्ना भाई के किरदार ने उनकी छवि बदल दी. फिल्म में गांधीगिरी करने वाले मुन्ना भाई की सभी गलतियां लोगों ने माफ कर दी. अब वह इस फिल्म के तीसरे संस्करण पर काम कर रहे हैं. यानी संजय दत्त अपनी जीवनी लिखें या ना लिखें, कम से कम अगले साल लोग सिनेमा हॉल में "मुन्ना भाई की आत्मकथा" तो देख ही सकेंगे.

रिपोर्ट: पीटीआई/ईशा भाटिया

संपादन: महेश झा

इस विषय पर और जानकारी को स्किप करें

इस विषय पर और जानकारी

और रिपोर्टें देखें