अफ्रीकी समेत कई भारतीय भी हो रहे हैं जर्मनी से डिपोर्ट
२२ फ़रवरी २०१९जर्मनी के गृह मंत्रालय की हवाला देते हुए स्थानीय अखबार राइनिषे पोस्ट ने लिखा है कि 2018 में पहले के मुकाबले 35 फीसदी अधिक लोग उत्तर पश्चिमी अफ्रीकी देशों में डिपोर्ट किए गए. इन देशों में मोरक्को, अल्जीरिया, ट्यूनीशिया प्रमुख हैं. आंकड़ें बताते हैं कि 2018 में तकरीबन 1,873 शरणार्थी आवदेनों को खारिज किया गया, वहीं 2017 में इनकी संख्या 1,389 थी.
अखबार ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि उत्तरी अफ्रीकी क्षेत्र में किया जा रहा डिपोर्टेशन साल 2015 की तुलना में 14 गुना अधिक है. मोरक्को में डिपोर्ट किए जाने वाले लोगों की संख्या में काफी तेजी आई है. अब तक मोरक्को भेजे गए लोगों की संख्या 634 से बढ़कर 826 हो गई है.
भारतीय भी शामिल
इस डाटा के मुताबिक 2018 में जिन अन्य अफ्रीकी देशों में डिपोर्टेशन किया गया था, उनमें घाना और गांबिया जैसे देश भी शामिल थे. वहीं करीब 422 लोगों को रूस डिपोर्ट किया गया, जो 2017 की संख्या से 184 अधिक थे. भारत के मामले में भी यह आंकड़ा बढ़ा है. भारत डिपोर्ट किए गए लोगों की संख्या 32 से बढ़कर 2018 में 212 हो गई. अफगानिस्तान में यह संख्या 121 से 284 हो गई है.
सुरक्षित देश?
जर्मन सरकार ट्यूनीशिया, मोरक्को और अल्जीरिया को "मूल रूप से सुरक्षित देशों" की सूची में डालने पर जोर दे रही है. सरकार कहती आई है कि अगर ऐसा हो जाता है तो शरणार्थी आवदेनों पर फैसला लेने की प्रक्रिया तेज हो सकेगी. जर्मनी का संविधान "मूल रूप से सुरक्षित देशों" को परिभाषित करता है. इस परिभाषा के मुताबिक, "ऐसे देश जहां कानून व्यवस्था से लेकर राजनीतिक माहौल के आधार पर कोई राजनीतिक संकट न हो, साथ ही जहां लोग अमानवीय और अपमानजनक स्थिति में ना हो."
हालांकि जर्मन सरकार की मोरक्को, अल्जीरिया और ट्यूनीशिया को सुरक्षित देशों की सूची में डालने की कोशिशें अब तक सफल नहीं हो सकी हैं. हाल में जर्मन संसद के उच्च सदन ने इस प्रस्ताव से जुड़े मसौदे को खारिज कर दिया था.
एए/आरपी (एएफपी, डीपीए)