अफ्रीका के एक मनोरम बीच पर बर्बादी का खतरा
अफ्रीका के सिएरा लियोन के मनोरम समुद्र तट पर एक बंदरगाह बनने जा रहा है. इसे सिएरा लियोन सरकार चीन से मिले 5.5 करोड़ डॉलर के निवेश पर बना रही है, लेकिन स्थानीय लोगों को अपनी जमीन और जीविका के खो जाने की चिंता है.
निर्माण या संरक्षण?
सिएरा लियोन की सरकार समुद्र के तट पर बसे ब्लैक जॉनसन गांव के पास मछली पकड़ने की नावों का एक बंदरगाह बनाने जा रही है. व्हेल खाड़ी में लगभग 252 एकड़ जमीन इस परियोजना के लिए चिन्हित की गई है. लेकिन स्थानीय लोग और पर्यावरण एक्टिविस्ट इसका विरोध कर रहे हैं. उन्हें डर है कि इससे उन्हें वहां से हटा दिया जाएगा और मछलियों के प्रजनन का इलाका प्रदूषित होगा.
जहां आती हैं व्हेल
समुद्र किनारे बसे गांव और इसके समुद्रतट पर्यावरण अनुकूल पर्यटन या ईकोटूरिज्म के लिए मशहूर हैं. यह जगह फ्रीटाउन प्रायद्वीप पर एक जंगल के करीब स्थित है और यूनेस्को ने इसे वैश्विक धरोहर स्थल के रूप में भी मान्यता दी है. यहां कई तरह की मछलियां, पौधे और स्तनधारी पाए जाते हैं. कभी कभी यहां व्हेल भी आती हैं.
गांव वालों के भविष्य पर संकट
पर्यावरण अनुकूल पर्यटन से जुड़े उद्यमी टॉमी बांडेवा ब्लैक जॉनसन बीच पर 15 सालों से भी ज्यादा से सक्रिय हैं. वो कहते हैं कि वो समझ ही नहीं पा रहे हैं कि ईकोटूरिज्म के एक इलाके में मछली पकड़ने की नावों का बंदरगाह क्यों बनाया जा रहा है. वो बताते हैं कि यहां से हटने के लिए लोगों को सिर्फ मुआवजा दिया गया और पुनर्वास का कोई प्रस्ताव तक नहीं दिया गया. वो चिंतित हैं कि लोगों को जल्द ही यहां से जाना पड़ेगा.
सुरक्षा के लिए बाड़
यहां खरीदे गए जमीन के टुकड़ों के नए मालिक काफी तेज गति से जमीन पर काम करवा रहे हैं. वो घर बनवाने से पहले बाड़ बनवा रहे हैं. ऐसा करके वो घुसपैठियों को बाहर रखना चाहते हैं, जिनमें निरीक्षण के लिए आने वाले सरकारी अधिकारी भी शामिल हैं. इस निर्माण के लिए सिएरा लियोन की सरकार चीन से मिले 5.5 करोड़ डॉलर के अनुदान का इस्तेमाल कर रही है.
मछुआरों की आजीविका
स्थानीय मछुआरे बंदरगाह को लेकर चिंतित हैं. ये एक मछुआरे की बेटी हैं जो चिंतित हैं कि उनके पिता जैसे लोगों की आजीविका चली जाएगी और उनके परिवारों को संघर्ष करना पड़ेगा. पहले भी मछली पकड़ने के जालदार जहाजों ने मछुआरों की आजीविका भंग की है. सरकार का कहना है कि बंदरगाह से आजीविका के और मौके मिलेंगे और अंतरराष्ट्रीय बाजार में निर्यात करने के लिए मछलियों का भंडार बढ़ेगा.
पर्यावरण का नुकसान तय
अमूमन जब भी पर्यावरण पर असर डालने वाली किसी योजना की शुरुआत होती है तो पर्यावरण संरक्षण एजेंसी (ईपीए) से अनुमति ली जाती है. लेकिन इस परियोजना के बारे में ईपीए को जानकारी तक नहीं दी गई. एजेंसी को कभी पर्यावरण पर असर के आकलन की रिपोर्ट भी नहीं दी गई जिससे वो निर्माण शुरू होने से पहले परियोजना पर विचार कर पाती.
विश्व बैंक की ब्लैकलिस्ट पर
फ्रीटाउन के आस पास कुछ जगहों पर एक बंदरगाह बनाने की लिए उपयुक्त स्थानों का आकलन करने के बाद विश्व बैंक ने ब्लैक जॉनसन को ब्लैकलिस्ट कर दिया था. लेकिन मत्स्य पालन और समुद्री संसाधन मंत्रालय बीच को इस परियोजना के लिए उपयुक्त स्थान मानता है.
आपदा बनाम निर्यात
स्थानीय लोग, संरक्षणकर्ता और अधिकार समूह इस बंदरगाह की परियोजना को एक "विनाशकारी मानवीय और पर्यावरणीय आपदा" मानते हैं. यहां सार्डिन, बैराकुडा और ग्रूपर जैसी मछलियां बड़ी मात्रा में मिलती हैं, जिन्हें स्थानीय मछुआरे पकड़ कर स्थानीय बाजार में बेचते हैं. इनसे स्थानीय बाजार की 70 प्रतिशत मांग पूरी हो जाती है.
राष्ट्रपति से अपील
ब्लैक जॉनसन की मिट्टी वेस्टर्न एरिया पेनिनसुला नेशनल पार्क को घेरे हुए है, जहां डुइकर एंटीलोप और पैंगोलिन जैसे लुप्तप्राय जानवर पाए जाते हैं. संरक्षणकर्ताओं का कहना है कि इस औद्योगिक स्तर के बंदरगाह के बनने से मनोरम वर्षा-वन नष्ट हो जाएंगे. स्थानीय लोगों के साथ मिल कर उन्होंने राष्ट्रपति को एक चिट्ठी लिख कर उनसे मामले में हस्तक्षेप करने की और निर्माण को रोकने की अपील की है. - क्लॉडिया एंथनी