कैमरे की मदद से अपराधियों की तलाश
१६ दिसम्बर २०१७सड़क पर मारपीट हुई, अपराधी किसी की हत्या करके भाग गया या एक ड्राइवर बच्चे को कुचलकर चला गया. अपराधी का सुराग देने के लिए सिर्फ सीसीटीवी का एक वीडियो मात्र है. लेकिन इस वीडियो की क्वालिटी बेहद खराब है. तो क्या ये अपराधी का सुराग पाने के लिए बेकार है. वीडियो फोरेंसिक विशेषज्ञ ग्रांट फ्रेडेरिक्स कहते हैं, "कोई वीडियो बेकार नहीं होता. वह भले ही बुरा दिखे लेकिन वीडियो जानकारी से भरा होता है. बस आपके पास उसे पाने के लिए सही टूल्स और अनुभव होना चाहिए."
वॉशिंगटन के एक छोटे से शहर स्पोकैन में रहने वाले ग्रांट फ्रेडेरिक्स जैसे आधुनिक वीडियो फॉरेंसिक एक्सपर्ट अपराधियों की खोज को मुमकिन बनाते हैं. वे निगरानी कैमरों और एमेच्योर फिल्मों की समीक्षा करते हैं. इससे अमेरिकी राजधानी के अपराधों में लगाम लगती है. अक्सर अपराध की ऐसी फुटेज होती है जिसमें संदिग्ध होता है, लेकिन कोई चश्मदीद नहीं. सिर्फ कैमरे होते हैं.
आम तौर पर तस्वीरें बहुत ही धुंधली होती हैं. ग्रांट फ्रेडेरिक्स एक तस्वीर दिखाते हुए कहते हैं, "ये हमारा संदिग्ध है जो एक दोस्त के साथ दाखिल हो रहा है. उसने धारियों वाली शर्ट पहनी है, वी नैक वाली. हम कैप की डिटेल देख सकते हैं. कैप के आगे एक गोल आकार भी है." सबसे पहले वे संदिग्ध के कपड़ों का विश्लेषण करते हैं, फिर कैमरों के शॉट्स को समय के हिसाब से अरेंज करते हैं, हत्याकांड की ओर बढ़ते समय के अनुसार.
समय और कपड़ों की तुलना से वीडियो फोरेंसिक पता कर लेते हैं कि शूटर कौन व्यक्ति था. हालांकि चेहरे की तस्वीर नहीं है, लेकिन शरीर और कपड़ों की तस्वीर के साथ उसके अंदर जाने और बाहर निकलने की तस्वीरें है. और इस तरह संदिग्ध की पहली पहचान हो जाती है, धुंधली और उलझन भरी रिकॉर्डिंग के बावजूद. इसी तरह उस एक्सीडेंट में भागा ड्राइवर भी पकड़ा जाता है जिसमें एक बच्चे की मौत हो गई थी.
आखिरी उदाहरण, एक एक्सीडेंट में एक बच्चे की मौत हो गई. उसमें ड्राइवर भागा लेकिन उसे पकड़ लिया गया. लेकिन सबूत इतने ठोस नहीं है कि उसे सजा हो सके. निगरानी कैमरे का सिर्फ यही वीडियो मौजूद है. लेकिन अपराध का सबूत नहीं है. नंबर प्लेट पर नंबर नहीं दिख रहा. अभी और ज्यादा खोज करनी होगी. ग्रांट फ्रेडेरिक कहते हैं, "हेडलाइट के फैलाव के पैटर्न की कई तस्वीरें हैं. इसकी तीन बीम रोड पर पड़ रही हैं. इन बीमों की पहचान की जा सकती है. हर कार का अनोखा फिंगर प्रिंट होता है."
क्राइम सीन पर तीन गाड़ियों की लाइटों की तुलना से अपराधी की गाड़ी की तस्वीर मिल जाती है. और वीडियो फॉरेंसिक एक्सपर्ट की मदद से अपराधी पकड़ा जाता है. फोरेंसिक विज्ञान के विकास के साथ अपराधियों की खोज आसान होती जा रही है. भविष्य में अपराधियों का अपराध कर भागना मुश्किल होता जा रहा है.
रिपोर्ट: पेत्रा श्टाइन