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अपने गढ़ में बड़ी बाजी हारे ट्रंप

१३ दिसम्बर २०१७

अमेरिका के जिस राज्य को डॉनल्ड ट्रंप की रिपब्लिकन पार्टी का अभेद्य किला समझा जाता था, वह ढह गया है. अलाबामा के नतीजे ट्रंप में मन में खलबली मचाने के लिए काफी हैं.

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USA Trump
तस्वीर: imago/UPI Photo/K. Dietsch

अलाबामा, क्षेत्रफल के लिहाज से अमेरिका का 30वां बड़ा राज्य और आबादी के हिसाब से 24वां. इस राज्य को अमेरिका की रूढ़िवादी रिपब्लिकन पार्टी का पक्का गढ़ समझा जाता रहा है. बीते 25 साल में वहां रिपब्लिकन पार्टी अजेय रही. 2016 के ही राष्ट्रपति चुनावों में अलाबामा में रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डॉनल्ड ट्रंप को 68 फीसदी वोट मिले. डेमोक्रैटिक पार्टी की उम्मीदवार हिलेरी क्लिंटन के खिलाफ मिली जीत में अलाबामा राज्य की भी अहम भूमिका थी.

अब राजनीति की संगीत को जरा फॉरवर्ड कर सीधे 2017 में आइए. फिर वही अलाबामा राज्य, इस बार सीनेट का मध्यावधि चुनाव. एक तरफ रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार रॉय मूर और उनके सामने डेमोक्रैट डग जोंस. हवा और समीकरण मूर के पक्ष में थे. अमेरिका को फिर से "ग्रेट" बनाने का दावा करने वाले राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप भी दागदार हो चुके मूर के समर्थन में खुलकर खड़े थे. 

Alabama Senats-Nachwahl Wahlen Doug Jones
विजेता उम्मीदवार डग जोंसतस्वीर: picture-alliance/AP/J. Bazemore

चुनाव से ठीक पहले मूर पर किशोरियों के यौन शोषण के कई आरोप लगे. इन आरोपों के बाद कई रिपब्लिकन नेताओं ने उनसे किनारा कर लिया. अमेरिका में बड़े पैमाने पर होने वाले यौन शोषण पर इस वक्त खूब बहस हो रही है. डॉनल्ड ट्रंप पर भी यौन शोषण के आरोप लगे हैं लेकिन वे अब तक बचते रहे हैं. ऐसे में ट्रंप को लगा कि वह मूर को भी न सिर्फ बचा लेंगे बल्कि विजेता भी बना देंगे.

"हां मेरे साथ भी हुआ सेक्स अपराध"

लेकिन बुधवार को आए नतीजों ने अलाबामा की राजनीति में अचंभा भर दिया. किशोरियों के यौन शोषण के आरोपी रॉय मूर की हार हुई. उन्हें न तो रिपब्लिकन पार्टी की छवि बचा सकी, न ही डॉनल्ड ट्रंप का सपोर्ट. बुरी तरह बदनाम हो चुके रॉय मूर को मामूली अंतर से हराकर डेमोक्रैटिक पार्टी के डग जोंस ढाई दशक बाद अलाबामा से सीनेट के लिए चुने गए.

अलाबामा के नतीजे ट्रंप के राजनीतिक मूल्याकंन का पैमाना नहीं कहे जा सकते. लेकिन इन नतीजों से रिपब्लिकन पार्टी और राष्ट्रपति हिल जरूर जाएंगे. सीनेट में अब ट्रंप के समर्थन में एक रिपब्लिकन कम होगा और विपक्ष में एक डेमोक्रैट ज्यादा. अमेरिकी संसद में किसी बिल को पास कराने के लिए जो बहुमत जरूरी होता है, ट्रंप को अब उसकी कमी ज्यादा खलेगी. राष्ट्रपति चुनावों की हार से टूटी डेमोक्रैटिक पार्टी को अब मुश्किल माने जाने वाले राज्यों में भी सफलता मिलती दिख रही है. अमेरिका में अगला राष्ट्रपति चुनाव नवंबर 2020 में होना है.

(ट्रंप पर यौन दुर्व्यवहार का आरोप लगाने वाली महिलाएं)

ओएसजे/एमजे  (एपी, डीपीए, एएफपी)