अगर मैं लड़का होती!
२४ नवम्बर २०१५अगर भारत की लड़कियों से यह पूछा जाए कि वह लड़का होतीं तो क्या क्या करना चाहतीं, क्या आप अंदाजा लगा सकते हैं कि कैसे कैसे उत्तर मिलते. अंदाजा लगाने की अब कोई जरूरत नहीं क्योंकि ट्विटर पर यह सवाल पूछा जा चुका है जिसका लड़कियों ने खूब जोरशोर से जवाब भी दिया है. देखिए कैसी कैसी आकांक्षाएं दबी होती हैं लड़कियों के मन में.
भारत की राजधानी दिल्ली और पूरे देश में ही महिलाओं के लिए बेहद असुरक्षित माहौल में सुरक्षित महसूस कर पाने की इच्छा कई लड़कियों ने जताई.
दिसंबर 2012 के निर्भया कांड में पीड़िता पर रात को घर लौटने के दौरान ही हमला हुआ था. महिलाओं को शिकायत है कि अपनी सुरक्षा के लिए उन्हें शाम के बाद अपनी गतिविधियों को चारदीवारी के भीतर समेटने के मजबूर होना पड़ता है. अगर वे लड़का होतीं तो ऐसी मजबूरी ना होती.
इसके अलावा सवाल दफ्तरों में असुरक्षित होने का भी है. कई महिलाओं ने कॉरपोरेट कल्चर में फैले महिला कर्मचारियों के उत्पीड़न के तरीकों के खिलाफ अपनी आवाज उठाई है.
वहीं कुछ ऐसी बातें भी हैं जिनका नाता सामाजिक परिवेश से है. जैसी कि महिलाओं और श्रृंगार का संबंध. कुछ लड़कियों का मानना है कि यदि वे लड़का होतीं हो उन्हें अपने रूप रंग पर कम ध्यान देना पड़ता और माहवारी जैसी तकलीफ से भी नहीं गुजरना पड़ता.
कुछ लड़कियों की आकांक्षाएं थोड़ी शरारती भी हैं.