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अगर माइग्रेन है तो ऑपरेशन से पहले ये जरूरी

११ जनवरी २०१७

जो लोग माइग्रेन से पीड़ित हों उन्हें किसी भी तरह के ऑपरेशन से पहले इसके बारे में डॉक्टर को जरूर बताना चाहिए. एक स्टडी से पता चला है कि माइग्रेन वाले लोगों को सर्जरी के बाद स्ट्रोक होने का खतरा कहीं ज्यादा होता है.

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Migräne Kopfschmerztablette
तस्वीर: picture alliance/dpa Themendienst/M. Wuestenhagen

जिन लोगों को पहले से ही माइग्रेन की समस्या हो उन्हें सर्जरी के बाद स्ट्रोक होने का खतरा दूसरे लोगों के मुकाबले कहीं ज्यादा होता है. इसका पता लगाने वाले रिसर्चरों ने बीएमजे मेडिकल जर्नल में प्रकाशित अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि कोई भी ऑपरेशन कराने से पहले उसके फायदे और नुकसान का विश्लेषण करने के समय, मरीजों को अपने माइग्रेन के बारे में डॉ़क्टर को जरूर बताना चाहिए. दुनिया में औसतन हर पांच में से एक व्यक्ति को माइग्रेन की समस्या है. रिसर्चर लिखते हैं, "आम लोगों में माइग्रेन से प्रभावित होने की संभावना के बहुत ज्यादा होने के कारण, (स्ट्रोक के साथ) यह संबंध स्थापित होना लोगों की सेहत के लिए काफी महत्वपूर्ण है."

अमेरिका, डेनमार्क और जर्मनी के रिसर्चरों की एक संयुक्त टीम ने साल 2007 से 2014 के बीच मैसाचुसेट्स जनरल हॉस्पिटल में दर्ज हुए करीब सवा लाख सर्जरी के मरीजों के डाटा का विश्लेषण किया. इस सैंपल ग्रुप के 771 (0.6 फीसदी) लोगों को सर्जरी के 30 दिनों के भीतर स्ट्रोक हुआ. इनमें से 89 (11.5 फीसदी) लोगों को पहले से माइग्रेन की समस्या थी. रिसर्च टीम ने इस सैंपल की गणना करके बताया कि हर 1,000 सर्जरी पर औसतन 2.4 लोगों को स्ट्रोक आने का खतरा होता है. यह संभावना माइग्रेन के मरीजों में काफी ज्यादा पाई जाती है. माइग्रेन पीड़ितों के हर 1,000 सर्जरी के मामलों में 4.3 में स्ट्रोक की संभावना होती है.

माइग्रेन की बीमारी में भी एक खास स्थिति होती है जिसे "ऑरा" कहा जाता है. इससे पीड़ित मरीजों को स्ट्रोक आने से पहले चमकीला प्रकाश या कुछ और ऐसे संकेत दिखते हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार साल 2012 में करीब 67 लाख लोगों की स्ट्रोक के कारण जान चली गई. जो लोग स्ट्रोक के बाद भी जीवित बच गए उनमें कई बार स्थायी विकलांगता आ गई.

स्ट्रोक में मस्तिष्क के किसी हिस्से तक अचानक खून का बहाव रुक जाता है. ऐसा अक्सर खून की नली में किसी थक्के के जमने या नली में लीकेज होने के कारण होता है. मस्तिष्क की कोशिकाओं को इस स्थिति में ऑक्सीजन नहीं पहुंच पाती और वे मृत हो जाती हैं. माइग्रेन की समस्या पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में ज्यादा पाई जाती है. इसमें तेज सिरदर्द के साथ अक्सर आंखों पर जोर पड़ता है, या फिर मरीज किसी आवाज, गंध या प्रकाश को लेकर बहुत ज्यादा संवेदनशील हो जाता है और उसे बर्दाश्त नहीं कर पाता. माइग्रेन के कारण स्ट्रोक का खतरा बढ़ने के बारे में पहले से ही सोचा जाता रहा है लेकिन पहली बार एक विस्तृत स्तर पर की गई स्टडी से इसकी पुष्टि की जा सकी है.

आरपी/वीके (एएफपी)