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अगर नवाज शरीफ हटे तो क्या करेगा भारत

१३ जुलाई २०१७

पनामा लीक्स के चंगुल में आये पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के खिलाफ सबूतों का घेरा कस रहा है. उनके कुर्सी से हटने की सूरत में भारत की चिंता बढ़ सकती है.

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Pakistan Premierminister Nawaz Sharif, Untersuchungsausschuss
तस्वीर: Reuters/F. Mahmood

पाकिस्तान में सुप्रीम कोर्ट की बनायी एक कमेटी देश के सत्ताधारी परिवार पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच कर रही है. इस सिलसिले में शरीफ परिवार के लंदन में और पाकिस्तान से बाहर की संपत्तियों के ब्यौरे खंगाले जा रहे हैं.

इन संपत्तियों का ब्यौरा पिछले साल पनामा की एक लीगल कंपनी के लीक हुए दस्तावेजों से दुनिया के सामने आये. जांच के दौरान एक दिलचस्प सबूत सामने आया है. नवाज शरीफ की बेटी मरियम नवाज पर कुछ संपत्तियों के ब्यौरे छिपाने का आरोप है. जांच कर रहे दल के एक सदस्य ने बताया है कि मरियम नवाज ने एक दस्तावेज ऐसे फॉन्ट में पेश किया है जो उस वक्त पाकिस्तान में मौजूद नहीं था. ये माइक्रोसॉफ्ट का कैलिब्री फॉन्ट है.

Pakistan Maryam Nawaz Sharif Tochter des Ex-Regierungschefs in Islamabad
तस्वीर: Reuters/F. Mahmood

जांच दल ने कहा है, "हमने पहचान लिया है कि 2006 के दोनों बयानों को तैयार करने में कैलिबरी फॉन्ट का इस्तेमाल किया गया है जबकि 31 जनवरी 2007 से पहले ये फॉन्ट व्यावसायिक तौर पर पाकिस्तान में मौजूद नहीं था. इसका साफ मतलब है कि दोनों बयान वास्तविक तिथियों में तैयार नहीं किये गये और इन्हें बाद में कभी तैयार किया गया है." जांच दल ने यह भी कहा है कि घोषित आय और अब तक मिले संपत्ति के ब्यौरे में काफी अंतर है.

इसी साल अप्रैल में सुप्रीम कोर्ट ने इस जांच दल को नियुक्त किया था. जांच दल ने नवाज शरीफ के दो बेटों, एक बेटी और परिवार के दूसरे सदस्यों से बीते दो महीनों में कई बार पूछताछ की है. जांच दल ने सोमवार को अपनी अंतिम रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में जमा कर दी. इस रिपोर्ट में साफ तौर पर कहा गया है, "परिवार के ज्ञात आय के स्रोतों और घोषित संपत्तियों के बीच बहुत बड़ा फासला है." नवाज शरीफ पर भ्रष्टाचार के आरोप 1990 के दशक में उनके दो कार्यकालों से जुड़े हैं. उनके विरोधी उन पर पाकिस्तान में पैसों के हेरफेर करने और हवाला के जरिए उसे देश से बाहर ले जा कर विदेशी बैंकों में जमा करने का आरोप लगाते हैं. उनका कहना है कि इन पैसों का इस्तेमाल कर विदेशों में कई सारी संपत्तियां खरीदी गयी हैं.

Außenansicht Justizakademie Tochter Premierminister Pakistan  Maryam Nawaz Sharif
तस्वीर: Azaz Syed

हालांकि नवाज शरीफ इन आरोपों से इनकार करते हैं. उनका कहना है कि उन्होंने ये संपत्तियां कतर में शाही परिवार के साथ किये निवेश का हिसाब किताब खत्म करने के एवज में उनके बेटों के नाम पर लिखी गयी हैं. पूर्व क्रिकेटर इमरान खान और नवाज शरीफ के दूसरे राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों ने उनसे इस्तीफा देने की मांग की है. दक्षिणपंथी संगठन जमात ए इस्लामी ने भी नवाज शरीफ से तुरंत पद छोड़ने की मांग की है. हालांकि नवाज के समर्थकों ने इस रिपोर्ट को यह कह कर खारिज किया है कि रिपोर्ट प्रधानमंत्री और लोकतंत्र के खिलाफ साजिश है.

भारत की चिंता

अगर सुप्रीम कोर्ट नवाज शरीफ को दोषी करार देती है तो उन्हें पद छोड़ना पड़ेगा. ऐसी स्थिति में देश का शासन एक बार फिर सेना के हाथ में जा सकता है. भारत इसी बात को लेकर चिंतित है. फिलहाल दोनों देशों ने एक दूसरे से मुंह फेर रखा है और कूटनीतिक स्तर पर कोई बातचीत नहीं हो रही है. मौजूदा स्थिति में बातचीत का एकमात्र जरिया दोनों देशों के प्रधानमंत्री हैं जो निजी तौर पर जब तब एक दूसरे का हाल जानते रहते हैं. यह सिलसिला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सत्ता में आने के साथ शुरू हुआ जब उन्होंने अपने शपथ ग्रहण समारोह में पड़ोसी देशों के नेताओं को भी आमंत्रण भेजा. नवाज शरीफ उस समारोह में शामिल भी हुए लेकिन दोनों नेताओं की दोस्ती पर चरमपंथियों के हमलों का साया पड़ गया.

पहले पठानकोट और फिर उड़ी में हुए आतंकवादी हमलों ने दोनों देशों के बीच बेहतर होते हालात को एक बार फिर पटरी से उतार दिया. इसके बाद कुलभूषण जाधव और कई ऐसे मामले हुए हैं जिन्हें लेकर दोनों में ठनी हुई है. पाकिस्तान की सेना पर चरमपंथी ताकतों को शह देने और उन्हें भारत के खिलाफ इस्तेमाल करने का आरोप लगते रहे हैं. ये चिंता एक बार फिर सिर उठा रही है कि अगर पाकिस्तान में सक्रिय चरमपंथी गुटों ने कहीं भारतीय सीमा में घुस कर कुछ गड़बड़ की तो मामला गंभीर हो सकता है. हाल ही में अमरनाथ यात्रियों पर हुए आतंकवादी हमले ने भी इस चिंता को बल दिया है. पुलिस और सुरक्षा बल इसे लश्कर ए तैयबा की हरकत बता रहे हैं हालांकि लश्कर ए तैयबा ने इससे साफ इनकार किया है. 

एनआर/एके (डीपीए, एएफपी)