अकेले रह कर भी खुश हैं बिपाशा
११ सितम्बर २०१२राज 3 के प्रचार के सिलसिले में कोलकाता पहुंची बिपाशा ने इसकी कामयाबी का भरोसा जताया था. अब फिल्म की शुरूआती कामयाबी के बाद कोलकाता पहुंची बिपाशा ने यहां कालीघाट जाकर मन्नत पूरी की. इस दौरान उन्होंने अपने जीवन के उतार-चढ़ाव और दूसरे पहलुओं पर डॉयचे वेले से बातचीत की.
इस साल आई आपकी दो फिल्में प्लेयर्स और जोड़ी ब्रेकर बॉक्स आफिस पर कुछ खास कमाल नहीं दिखा सकीं थीं. राज 3 कमाई के नए रिकार्ड बना रही है. कैसा लग रहा है ?
पिछला साल उतार-चढ़ाव से भरा था. इस दौरान निजी जीवन में भी मुझे काफी कुछ झेलना पड़ा. मेरी फिल्मों को भी उम्मीद के मुताबिक कामयाबी नहीं मिली. अब राज 3 की कामयाबी ने उस अतीत को भुला दिया है.
आपके करियर की दो बड़ी फिल्में जिस्म व राज महेश भट्ट कैंप की थी. लेकिन उसके बाद उनके साथ ट्यूनिंग क्यों गड़बड़ा गई?
दरअसल, मेरे लायक सही पटकथा नहीं मिल रही थी. मुकेश भट्ट लंबे अरसे से मुझे लेकर फिल्म बनाना चाहते थे. उसके बाद एक दिन मैंने भट्ट साहब से कहा कि वह अपनी फिल्म में मुझे एक ऐसी भूमिका दें, जैसी लोगों ने पहले कभी नहीं देखी हो. उसके बाद ही उन्होंने राज 3 की पटकथा तैयार की. अब इस फिल्म में मेरा किरदार मेरे करियर का सबसे यादगार किरदार है.
आपने जिस्म और अजनबी में भी नेगेटिव किरदार निभाया था. राज 3 का किरदार उन फिल्मों से कितना अलग लगा?
यह मेरे करियर का ही नहीं, बल्कि हिंदी फिल्मों का अब तक का सबसे नेगेटिव किरदार है. मैं कभी चुनौतीपूर्ण भमिकाओं से नहीं डरती. दरअसल, ऐसी भूमिकाएं कलाकार की अभिनय कला का निखारने में ममदगार साबित होती हैं. मैं हर भूमिका में अपना सर्वश्रेष्ठ देने का प्रयास करती हूं.
आपको कैसी भूमिकाएं पसंद हैं?
मैंने अब तक अपने करियर में एक जैसी दो भूमिकाएं नहीं की हैं. एक जैसी भूमिकाओं से लोग जल्दी ही बोर हो जाते हैं.मैंने हमेशा कुछ अलग करने का प्रयास किया है. मैं चाहती हूं कि हर फिल्म में मेरा किरदार अलग हो. किसी भी अभिनेता-अभिनेत्री के लिए एक जैसी भूमिकाएं निभाना काफी बोरिंग काम है.
जान अब्राहम से नौ साल लंबी दोस्ती टूटने के दर्द से कैसे उबरीं आप?
उन भावनाओं को शब्दों में बयान करना संभव नहीं है. मुझे बेहद बुरा लगा था. उसके बाद कुछ महीनों तक मैं गहरी पीड़ा के दौर से गुजरी थी. शुरू में तो मैं इस रिश्ते के बारे में बात तक नहीं करना चाहती थी. लेकिन बाद में धीरे-धीरे मैं दिल की बजाय दिमाग से सोचने लगी. तब महसूस हुआ कि इन नौ वर्षों में मैंने कितने मौके खोए हैं और अपने करियर की कितनी अनदेखी की. बाद में धीरे-धीरे चीजें पटरी पर लौटने लगीं.
जीवन के इस कड़वे अनुभव से आपने क्या सबक लिया है?
मैंने यह सीखा है कि कई बार शुरूआती दौर में कड़वी लगने के बावजूद कुछ चीजें आगे चल कर आपके जीवन और करियर के लिए बेहतर साबित होती हैं. मैं महिलाओं से कहना चाहती हूं कि वह पहले खुद को खुश रखें और अपने जीवन को प्राथमिकता दें. खुद खुश रहने पर ही वह अपने से जुड़े लोगों को खुश रख सकती है. कोई भी आदमी जीवन के अच्छे-बुरे अनुभवों से गुजर कर ही निखरता है. इस अनुभव ने मेरे भीतर के कलाकार को निखारने में सहायता की है.
क्या आप दोबारा किसी से प्यार करेंगी ?
जरूर. प्यार से मुझे कोई नफरत नहीं है. मैं अब भी एक सीधी-सादी लड़की हूं. फिर किसी से प्यार किया तो पूरे मन से करूंगी. लेकिन अकेले रह कर भी खुश रहा जा सकता है.
आगे किन फिल्मों में काम कर रही हैं ?
राज 3 के बाद सुपर्ण वर्मा की सुपरनेचुरल थ्रिलर फिल्म आत्मा में मेरी भूमिका काफी जानदार है. लेकिन वह राज 3 से काफी हट कर है. बीच में राज 3 के प्रमोशन के सिलसिले में उसकी शूटिंग ठप थी. अब दोबारा उसकी शूटिंग शुरू हो रही है.
रिपोर्टः प्रभाकर, कोलकाता
संपादनः एन रंजन