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अंदरूनी मामले में दखल स्वीकार नहीं - जिम्बाब्वे

अनुज चोपङा १ जुलाई २००८

मिस्र में अफ्रीकी संघ के शिखर सम्मेलन में जिम्बाब्वे के राष्ट्रपति रॉबर्ट मुगाबे की आलोचना को उनके प्रवक्ता ने खारिज किया है और कहा है कि किसी को उनके देश के अंदरूनी मामले में दखल का अधिकार नही है.

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अफ्रीकी संघ शिखर सम्मेलन में राबर्ट मुगाबेतस्वीर: AP

पिछले हफ़्ते राष्ट्रपति पद के चुनाव के दूसरे दौर से पहले रॉबर्ट मुगाबे ने ऐलान किया था कि वे अफ्रीकी संघ के शिखर सम्मेलन में भाग लेने मिस्र जाएंगें जहां वे अपने अंतरराष्ट्रीय आलोचकों को कड़ा जवाब देंगे और उन्होंने बिल्कुल ऐसा ही किया.

उनके प्रवक्ता जॉर्ज चारंबला ने हर तरफ हो रही मुगाबे की आलोचना को खारिज करते हुए कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को ज़िम्बाब्वे के अंदरूनी मामलों में दखल देने का कोई हक नहीं है. साथ ही उन्होंने केन्या की तर्ज पर जिम्बाब्वे में राष्ट्रीय एकता सरकार की अपील को भी खारिज किया है.

गौरतलब है कि केन्या के प्रधानमंत्री राइला ओडिंगा ने कड़े शब्दों में अफ़्रीक़ी संघ से कहा है कि जिम्बाब्वे के राष्ट्रपति के तौर पर मुगाबे को मान्यता नहीं दी जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि जब तक मुगाबे देश में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव नहीं कराते हैं, तक उन्हें संघ से निलंबित कर दिया जाना चाहिए.

चुनावों से पहले बढ़ती हिंसा की वजह से ज़िम्बाब्वे के विपक्ष के नेता मॉर्गन च्वांगराई चुनावों से हट गए थे. यानी दूसरे दौर के चुनाव में मुगाबे अकेले उम्मीदवार थे. आधिकारिक सूत्रों के अनुसार मुगाबे ने 85 प्रतिशत मत से चुनाव जीता.

मिस्र में जारी शिखर सम्मेलन में कई अफ़्रीक़ी नेताओं ने कहा कि पिछले हफ़्ते के चुनाव हिंसा के माहौल में हुए थे और मुगाबे की जीत ज़िम्बाब्वे के लोगों की इच्छा नहीं दर्शाती.

पश्चिमी देशों के नेता अफ़्रीक़ी संघ के नेताओं से गुज़ारिश कर रहे हैं कि वे मिस्र के शर्म-एल-शेख़ में होने वाले इस शिखर सम्मेलन में मुगाबे पर अपना दबाव बनाए रखें. ब्रिटेन के प्रधान मंत्री गॉर्डन ब्राउन ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि संयुक्त राष्ट्र के साथ मिल कर अफ़्रीक़ी संघ मुगाबे को साफ कह देगा कि उनकी तानाशाही नहीं चलेगी.