अंतरिम बजट में किसे मिला फायदा
वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने लोक सभा में अंतरिम बजट 2019-20 पेश किया और केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इसे मंजूरी भी दे दी. जानिए क्या है इस बजट में खास.
अंतरिम बजट
अरुण जेटली की तबियत खराब होने के चलते 23 जनवरी को पीयूष गोयल को वित्त मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपी गई थी. 1 फरवरी को उन्होंने अंतरिम बजट पेश किया जो वित्तीय वर्ष 2019-20 के पहले छह महीनों के लिए लागू होगा. आम चुनावों के बाद नई सरकार संसद में पूरा बजट पेश करेगी.
आय कर
पांच लाख रुपये तक की सालाना आय वाले लोगों को उस पर टैक्स चुकाने की जरूरत नहीं होगी. साढ़े छह लाख की सालाना आय वाले भी प्रोविडेंट फंड इत्यादि में निवेश कर टैक्स चुकाने से बच सकते हैं. गोयल के अनुसार तीन करोड़ लोगों को इसका फायदा मिलेगा.
जीएसटी
सालाना पांच करोड़ रुपये से कम टर्नओवर वाले व्यापारों को जीएसटी में राहत दी गई है. गोयल ने कहा कि जनवरी 2019 तक जीएसटी के जरिए एक लाख करोड़ रुपये जमा किए जा चुके हैं. उन्होंने इसे आजादी के बाद से देश का सबसे बड़ा कर सुधार भी बताया. उन्होंने कहा कि गरीबों और मध्य वर्ग के रोजमर्रा के इस्तेमाल की अधिकतर चीजों को 0 से 5 फीसदी टैक्स वाली श्रेणी में डाल दिया गया है.
उज्जवला योजना
बजट पेश करते हुए गोयल ने कहा कि खाना पकाने के लिए स्वच्छ रसोई ईंधन उपलब्ध कराने वाली उज्जवला योजना के अंतर्गत छह करोड़ से ज्यादा निशुल्क रसोई गैस कनेक्शन उपलब्ध कराए हैं और सरकार अपने वर्तमान कार्यकाल में 8 करोड़ गरीब परिवारों को रसोई गैस कनेक्शन मुहैया कराने के लक्ष्य की ओर बढ़ रही है.
मजदूरों को पेंशन
गोयल ने प्रधानमंत्री योगदान श्रमयोगी मानधन योजना की घोषणा करते हुए असंगठित क्षेत्र के मजदूरों को 3,000 रुपये प्रतिमाह की निश्चित पेंशन देने की बात कही. गोयल ने कहा कि इस योजना से 10 करोड़ कामगारों को लाभ होगा और यह अगले पांच सालों में असंगठित क्षेत्र के लिए विश्व की सबसे बड़ी पेंशन योजना बन सकती है.
किसानों को सहायता
गोयल ने दो एकड़ से कम खेत वाले किसानों को 6,000 रुपये की प्रत्यक्ष वार्षिक आय सहायता की घोषणा की. यह रकम 2-2 हजार की तीन किश्तों में दी जाएगी. प्रधानमंत्री निधि योजना का विस्तार करते हुए उन्होंने यह भी कहा कि इसे साल 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के मकसद से लाया गया है.
आर्थिक विकास
गोयल ने कहा अगले पांच सालों में भारत पांच हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बन जाएगा और अगले आठ सालों में इसे बढ़ा कर दस हजार अरब करने पर काम चल रहा है.
तकनीक
गोयल के अनुसार अगले दो सालों में टैक्स रिटर्न से जुड़ी सारी जांच इलेक्ट्रॉनिक रूप से हुआ करेगी और इसमें किसी भी अधिकारी की भूमिका नहीं रहेगी. इसके साथ ही 24 घंटे के भीतर टैक्स रिफंड देने की व्यवस्था भी की गई है.