अंतरराष्ट्रीय फिल्मों में रंग
जब फिल्मकार अपनी फिल्मों के लिए किसी रंग या रंग वाले परिपेक्ष्य का इस्तेमाल करते हैं तो वह अकारण नहीं होता. रंग अभिव्यक्ति को बल देते हैं, चरित्र को दर्शाते हैं और फिल्म का प्रतीक बन जाते हैं.
द कलर परपल (स्टीवन स्पीलबर्ग, 1985)
सेली और शग जामुनी रंग के फूलों वाले खेत में हैं और इस पर विचार कर रहे हैं कि ईश्वर अहंकारी है या नहीं. फिल्म में आस्था बड़ी भूमिका निभाती है. जामुनी रंग ईसाई प्रतीक है और जानबूझकर चुना गया है.
द रेड शूज (माइकल पॉवेल और एमेरिक प्रेसबर्गर, 1948)
नर्तकी विकी को म्यूजिक कंपोजर से प्यार हो जाता है. अब उसे अपने इंसानी प्यार और बैले नृत्य से प्यार के बीच एक को चुनना है. यहां जूते का लाल रंग, बाल का रंग और रोशनी नृत्य की चेतना को दिखाते हैं.
ब्लैक स्वान (डैरेन एरोनोफ्स्की, 2010)
62 साल बाद फिर से बैले एक फिल्म के केंद्र में था. मुख्य नर्तकी या प्रीमाबैलेरिना बनने का मतलब होता है कड़ी मेहनत. चायकोव्स्की के स्वान लेक में सफेद और काले हंस की भूमिका पाने के लिए नीना कुछ भी करने को तैयार है.
व्यू वैलवेट (डेविड लिंच,1986)
गहरे नीले रंग के एक मखमली पर्दे ने बाहरी रंग बिरंगी दुनिया को ढंक रखा है. एक अमेरिकी कस्बे की दुनिया, लाल गुलाब, सफेद बाड़ा और चहकता नीला आसमान. और उसके पीछे हिंसा, भ्रष्टाचार, सैडोमैको सेक्स.
द ग्रीन माइल (फ्रैंक डेराबांट, 1999)
स्टीफेन किंग के उपन्यास पर बनी फिल्म में कैदी जॉन के पास जादुई हुनर हैं. उसे हत्या के आरोप में सजा मिली है, जो उसने की नहीं है. मौत की सजा पाये कैदियों के इलाके में जमीन हरे रंग से रंगा है. हरा रंग उम्मीद का प्रतीक है.
द बिग ब्लू (लुक बेसन, 1988)
गोताखोरी पर बनी इस फ्रेंच फिल्म में बिग ब्लू दरअसल समुद्र की गहराई है. फिल्म एप्नो गोताखोरी के बारे में है, यानि बिना सांस लिए अनंत गहराई में खो जाना. लेकिन पहले से पता होना चाहिए कि सांस लिए बिना अंदर कितने समय रहा जा सकता है.
पिंक पैंथर (ब्लेक एडवर्ड्स, 1964)
इंसपेक्टर क्लोसॉ हीरों के एक चोर का पीछा कर रहा है जिसने बड़ा सा गुलाबी रंग का हीरा पिंक पैंथर चुरा लिया है. लेकिन पुलिस इंस्पेक्टर को ये पता नहीं है कि उसकी बीबी के हीरा चोर के साथ रिश्ते हैं.